Kanpur Crime News : परशुराम का पत्नी और बेटी के साथ गांव वापस आना उस के भाई जयराम को जरा भी अच्छा नहीं लगा, क्योंकि उस ने अपने हिस्से की जमीन और घर बंटा लिया था. जमीन और घर पर कब्जा पाने के लिए उस ने जो किया, क्या उसे उचित कहा जा सकता है...

घर के अंदर का दृश्य बड़ा ही वीभत्स था. खून से लथपथ 3 लाशें पड़ी थीं. मृतकों में परशुराम यादव, उस की कथित पत्नी विमला देवी और मासूम बेटी हिमांशी थी. तीनों की हत्या गोली मार कर की गई थी. परशुराम और विमला की लाशें कमरे के अंदर खून में डूबी पड़ी थीं, जबकि मासूम हिमांशी की लाश बरामदे में पड़े तखत पर पड़ी थी.लकमरे से ले कर बरामदे तक खून ही खून फैला था. कमरे के अंदर का सामान अस्तव्यस्त था और फर्श पर चूडि़यों के टुकड़े बिखरे थे. वहां की हालत देख कर साफ लग रहा था कि मरने से पहले परशुराम और विमला का हत्यारों से जम कर संघर्ष हुआ था. दिल दहलाने वाली यह घटना उत्तर प्रदेश के जिला इटावा के थाना ऊसराहार के गांव इकघरा में 13 दिसंबर, 2014 की रात घटी थी.

चूंकि हत्याएं गोली मार कर की गई थीं, इसलिए गांव वालों को तुरंत हत्याओं की जानकारी हो गई थी. मृतक के भाई जयराम सिंह ने हत्यारों को भागते देखा भी था, इसलिए गांव वालों की सलाह पर उस ने तुरंत घटना की सूचना थाना उसराहार पुलिस को दे दी थी. मामला 3-3 हत्याओं का था, इसलिए घटना की जानकारी होते ही रात को ही एसएसपी राकेश सिंह, सीओ अनिल यादव के साथ थाना ऊसराहार के थानाप्रभारी संजय यादव भी भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे. डौग स्क्वायड और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट टीम भी एसएसपी राकेश सिंह साथ लाए थे. पहले पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. उस के बाद मृतक परशुराम के भाई जयराम सिंह से पूछताछ की गई.

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