जून, 2017 को अपने नए एलबम ‘सावन’ की शूटिंग कर के सोनी सिन्हा वाराणसी से उत्तर प्रदेश के जिला मऊ के थाना सरायलखंसी के मोहल्ला रस्तीपुर में रहने वाली अपनी बड़ी बहन पुष्पा के घर पहुंची तो रात के 9 बज रहे थे. उसे एक अन्य कार्यक्रम में जाना था, इसलिए वह जल्दीजल्दी तैयार होने लगी. उस के तैयार होतेहोते पुष्पा ने उस के लिए नाश्ता ला कर रख दिया. सोनी ने नाश्ता करने से मना किया तो उन्होंने उसे डांटने वाले अंदाज में प्यार से कहा, ‘‘जो लाई हूं, चुपचाप खा ले. तू हमेशा घोड़े पर सवार रहती है.’’

नाश्ते की प्लेट उठाते हुए सोनी ने कहा, ‘‘दीदी, आप मेरी कितनी फिक्र करती हैं. सचमुच मैं बड़ी भाग्यशाली हूं, जो मुझे आप जैसी बड़ी बहन मिली. पर मैं क्या करूं, काम के लिए तो जाना ही पड़ेगा. काम की ही वजह से कभी हमें बैठ कर बातें करने का भी मौका नहीं मिलता.’’

बातें करतेकरते ही सोनी ने नाश्ता किया और घर से बाहर आ गई. बिजली न होने की वजह से उस समय गली में अंधेरा था. सोनी घर से थोड़ी दूर ही गई थी कि वह जोर से चीखी. उस की चीख सुन कर लोग टार्च ले कर बाहर आ गए. सोनी जमीन पर पड़ी कराह रही थी.

टार्च ले कर आए लोगों ने उस पर टार्च की रौशनी डाली तो देखा, उस के कपड़े खून से तर थे. एक लड़का हाथ में खून से सना चाकू लिए तेजी से भाग रहा था. पड़ोसियों को समझते देर नहीं लगी कि इसी लड़के ने सोनी पर चाकू से हमला किया है. उन्होंने उसे दौड़ा कर पकड़ लिया.

शोर सुन कर पुष्पा और उस के पति मीरचंद भी वहां आ गए थे. पड़ोसियों ने हमला करने वाले लड़के की लातघूसों से पिटाई शुरू कर दी थी. लेकिन कसरती बदन वाला वह युवक मार खाते हुए उन के चंगुल से छूट कर अंधेरे का लाभ उठाते हुए भाग निकला था.

सोनी की गर्दन और शरीर पर कई जगह गहरे घाव हो गए थे. वहां से खून तेजी से बह रहा था. उस की हालत देख कर पुष्पा और मीरचंद घबरा गए. सोनी को जल्दी से जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने उस का प्राथमिक इलाज कर के उसे बीएचयू के ट्रामा सेंटर ले जाने को कहा.

मीरचंद सोनी को ले कर बीएचयू के ट्रामा सेंटर पहुंचे, जहां उसे भर्ती कर लिया गया. 2 सिपाही मऊ से उस के साथ आए थे, इसलिए सोनी का इलाज शुरू होने में कोई परेशानी नहीं हुई. दरअसल, सोनी को अस्पताल ले जाने से पहले मीरचंद ने 100 नंबर पर फोन कर के घटना की सूचना पुलिस को दे दी थी.

पुलिस कंट्रोल रूम से थाना सरायलखंसी के थानाप्रभारी सुनील तिवारी को घटना की सूचना मिली तो वह मऊ के जिला चिकित्सालय पहुंच गए थे. सोनी की बिगड़ती हालत की वजह से वह उस का बयान तो नहीं ले सके, लेकिन एसपी अभिषेक यादव के आदेश पर वाराणसी जाते समय उस की सुरक्षा के लिए 2 सिपाहियों को उस के साथ जरूर भेज दिया था.

किस ने किया था सोनी पर हमला सोनी के जाने के बाद थानाप्रभारी सुनील तिवारी ने सोनी की बड़ी बहन पुष्पा से हमलावर के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि सोनी पर हमला राहुल गुप्ता ने किया था. वह सोनी का दोस्त था और उस से एकतरफा प्यार करता था.

इस के बाद पुष्पा से तहरीर ले कर राहुल गुप्ता के खिलाफ हत्या की कोशिश एवं एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद थाना सरायलखंसी पुलिस ने राहुल गुप्ता की तलाश में कई जगहों पर छापे मारे, लेकिन वह मिला नहीं. सोनी कोई मामूली लड़की नहीं थी, इसलिए अगले दिन उस पर हुए हमले की खबर अखबारों में प्रमुखता से छपी.

दरअसल, सोनी भोजपुरी गीतों की लोकप्रिय गायिका थी. उस ने कई भोजपुरी फिल्मों में काम भी किया था. इसलिए पुलिस उस पर हमला करने वाले राहुल गुप्ता के पीछे हाथ धो कर पड़ गई थी. लेकिन पूरा सप्ताह बीत जाने के बाद भी राहुल गुप्ता पुलिस की पकड़ में नहीं आया था. इस बीच पुलिस के लिए सुकून देने वाली बात यह रही कि सही इलाज मिल जाने से सोनी बच गई थी.

सोनी बयान देने लायक हो गई है, यह पता चलने पर सुनील तिवारी उस का बयान लेने बीएचयू पहुंच गए. गले में गहरा जख्म था, इसलिए सोनी को बाचतीत करने में परेशानी हो रही थी. खुशी की बात यह थी कि उस की आवाज जातेजाते बच गई थी, जबकि राहुल ने गले पर इसीलिए चाकू से वार किए थे कि वह कभी बोल न सके.

पुलिस को दिए अपने बयान में सोनी ने बताया था कि राहुल गुप्ता ने ही उस पर जानलेवा हमला किया था. वह पिछले कई दिनों से फोन कर के उसे परेशान कर रहा था. वह उस से प्यार करता था और उस पर शादी के लिए दबाव डाल रहा था. जबकि वह न तो उस से प्यार करती थी और न ही उस से शादी करना चाहती थी. इसी बात से नाराज हो कर उस ने उसे जान से मारने की कोशिश की थी.

सोनी के इस बयान से साफ हो गया था कि यह मामला एकतरफा प्यार का था. राहुल सोनी से एकतरफा प्यार करता था. प्यार में असफल होने के बाद राहुल को सोनी से नफरत हो गई थी और उस ने उस की जान लेने की कोशिश की थी.

पुलिस से बचने के लिए राहुल अपने बहनोई के घर जा कर छिप गया था. अखबारों के माध्यम से जब राहुल के बहनोई को उस की करतूत का पता चला तो घबरा कर उन्होंने उस से आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. आखिर बहनोई के कहने पर थानाप्रभारी 3 जुलाई, 2017 को शाम को राहुल गुप्ता ने थाना सरायलखंसी के थानाप्रभारी सुनील तिवारी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

पुलिस ने राहुल गुप्ता से पूछताछ शुरू की  तो बिना किसी हीलाहवाली के उस ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. यही नहीं, उसने वह चाकू और अपने खून सने कपड़े भी बरामद करा दिए. उस ने चाकू और कपड़े घर में ही छिपा कर रखे थे. इस के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पूछताछ में राहुल ने सोनी पर हमला करने की जो कहानी सुनाई, वह इस प्रकार थीं—

21 साल की सोनी सिन्हा उत्तर प्रदेश के जिला मऊ के थाना घोसी के गांव सेमरा जमालपुर की रहने वाली थी. कैलाश प्रसाद की 5 संतानों में वह सब से छोटी थी. छोटी होने के नाते वह घर में सब की दुलारी थी. मांबाप से ले कर भाईबहन तक उसे हाथोंहाथ लिए रहते थे. वह 6 साल की थी, तभी भजन गा कर उस ने सब को चौंका दिया था.

जैसेजैसे सोनी बड़ी होती गई, उस की इस प्रतिभा में निखार आता गया. उस के गले से निकलने वाली स्वर लहरियां बुलंदियों को छूती गईं. उस की प्रतिभा को निखारने में घर वालों ने उस का पूरा साथ दिया.

गांव में रह कर उसे सही मंजिल नहीं मिल सकती थी, इसलिए घर वालों ने उसे उस की बड़ी बहन पुष्पा की ससुराल रस्तीपुर भेज दिया. यहीं रह कर सोनी ने गायन सीखा और जहांतहां गाने जाने लगी.

सन 2013 में सोनी को महुआ चैनल के रियालिटी शो में गाने का मौका मिला. अपनी सुरीली आवाज से उस ने जजों का दिल जीत लिया. 4 प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर दे कर सोनी ने बाजी मार ली.

इस के बाद मऊ में एक कार्यक्रम हुआ, इस में भी उस ने बाजी मार ली. इस के बाद भोजपुरी गायकी में उस का नाम चर्चा में आ गया. उस ने ‘पूरा मऊ बाजार’, ‘माई हो फूकब पाकिस्तान के’, ‘अंगरेजी पिचकारी’, ‘चढ़ल फगुनवा’, ‘धंधा वाली’, ‘जवानी चाकलेट भइल’ और ‘कांवर भजन’ एलबम बनाए, जिन्होंने धूम मचा दिए. सोनी सिन्हा का सितारा बुलंदियों पर पहुंच गया. वह स्टेज शोे के अलावा शादीविवाहों में भी गाने जाती थी.

भाई की शादी में पहली बार मिला था राहुल सोनी से बात 2017 के अप्रैल महीने की है. बलिया जिले के थाना भीमपुरा के गांव बेलौझा के रहने वाले राहुल के भाई की शादी थी. रंगीनमिजाज उस के पिता चाहते थे कि बेटे की शादी में कोई नामीगिरामी गाने वाली आए, जिस से पार्टी में चार चांद लग जाए. अब तक पूर्वांचल में सोनी का बड़ा नाम हो चुका था. राहुल के पिता ने बारातियों के मनोरंजन के लिए सोनी को बुलवाया. सोनी समय पर अपना प्रोग्राम देने पहुंच गई.

खूबसूरत सोनी को राहुल ने पहली बार भाई की शादी में देखा था. तभी उस ने उसे दिल में उतार लिया था. राहुल भी छोटामोटा गायक था. वह आर्केस्ट्रा पार्टियों में गाता था. इसलिए सोनी से उस का परिचय हो गया. सोनी से उस की बातचीत भी होने लगी. धीरधीरे बातचीत का सिलसिला बढ़ता गया.

एक समय ऐसा भी आ गया, जब सोनी से बात किए बिना राहुल को चैन नहीं मिलता था. उसे सोनी से प्यार हो गया था. इसलिए वह उसी के ख्यालों में खोया रहने लगा था. राहुल गुप्ता गायक तो था ही, एक प्रतिष्ठित अस्पताल में कंपाउंडर भी था. यह बात सोनी को पता थी. उसी बीच सोनी के पिता कैलाश प्रसाद की तबीयत खराब हुई तो उस ने सोचा कि क्यों न राहुल की मदद से वह पिता को किसी अच्छे डाक्टर को दिखा दे.

जिस अस्पताल में राहुल काम करता था, सोनी ने राहुल की मदद से उसी अस्पताल में पिता को भरती करा दिया. राहुल की वजह से अस्पताल में कैलाश प्रसाद का बढि़या इलाज हुआ. वह जल्दी ही स्वस्थ हो गए. राहुल की इस सेवा से सोनी ही नहीं, उस के घर के सभी लोग काफी प्रभावित हुए. उस दिन के बाद राहुल जब भी उन के घर आता, घर वाले उसे काफी सम्मान देते. इस बीच सोनी से भी उस की गहरी दोस्ती हो गई थी.

राहुल अकसर सोनी के साथ उस के कार्यक्रमों में जाने लगा. दोस्ती की वजह से घर वालों ने किसी तरह की रोकटोक भी नहीं की. साथ आनेजाने और उठनेबैठने से दोनों के बीच काफी नजदीकी हो गई. सोनी भी राहुल से खूब घुलमिल गई. बातें भी उस से खुल कर हंसहंस कर करने लगी. राहुल ने इस का गलत मतलब निकाल लिया.

राहुल तो सोनी को चाहने ही लगा था, सोनी के बातव्यवहार से उसे लगा कि वह भी उसे चाहती है. जबकि सोनी उसे बिलकुल नहीं चाहती थी. वह उसे सिर्फ अपना सच्चा दोस्त मानती थी. इस तरह देखा जाए तो राहुल के दिल में उस के प्रति एकतरफा प्यार था.

जून, 2017 की बात है. राहुल सेमरा जमालपुर स्थित सोनी के घर पहुंचा और सीधे सोनी के घर वालों से कहा कि वह सोनी से शादी करना चाहता है. उस की इस बात से सभी हैरान रह गए, क्योंकि उन लोगों ने सोचा भी नहीं था कि कभी इस तरह की भी बात हो सकती है. राहुल का यह व्यवहार और बात किसी को पसंद नहीं आई. लेकिन उन लोगों ने कुछ कहा नहीं, बाद में बताएंगे कह कर बात को टाल दिया.

कैलाश प्रसाद ने जब इस बारे में सोनी से बात की तो पिता की बात सुन कर सोनी भी दंग रह गई. उस ने कहा, ‘‘पापा, वह सिर्फ मेरा दोस्त है. मैं उसे बिलकुल प्यार नहीं करती. अगर वह कुछ इस तरह की बात सोचता है तो यह उस का भ्रम है. खैर, मैं उस से पूछूंगी कि उस के मन में ऐसा ख्याल आया कैसे?’’

राहुल मिला तो सोनी ने उस से साफसाफ कह दिया कि वह उसे सिर्फ दोस्त मानती है, उसे बिलकुल प्यार नहीं करती. उस के लिए कभी उस के मन में ऐसी भावना आई भी नहीं. इसलिए उस के मन में जो गलतफहमी है, उसे वह निकाल दे. सम्मान देना या हंसहंस कर बातें करने का मतलब यह नहीं होता कि वह उस से प्यार करने लगी है.

सोनी ने राहुल से साफ कह दिया कि वह न उस से प्यार करती है और न उस से शादी करने का इरादा है. उस के मांबाप जहां कहेंगे, वह वहीं शादी करेगी. इसलिए अब वह कभी न उस से और न ही उस के घर वालों से इस तरह की बात करेगा.

प्यार करने वाले राहुल को कैसे हुई सोनी से नफरत सोनी का निर्णय सुन कर राहुल सन्न रह गया. उसे पैरों तले से जमीन खिसकती लग रही थी. पल भर तो उस की समझ में ही नहीं आया कि वह क्या करे. उसे गहरा सदमा लगा था, क्योंकि सोनी ने जो कहा था, वह दिल तोड़ने वाली बात थी. उस ने सपने में भी नहीं सोचा था कि सोनी उस के प्यार को इस तरह ठुकरा देगी. उस का सपना रेत के घरौंदे की तरह बिखर गया.

उस समय तो राहुल कुछ नहीं बोला, लेकिन उस ने हार नहीं मानी. क्योंकि उस का मानना था कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. 2 दिनों बाद उस ने सोनी को फोन किया, लेकिन राहुल का नंबर देख कर सोनी ने फोन रिसीव नहीं किया. उसी दिन ही नहीं, इस के बाद जब भी राहुल ने फोन किया, सोनी ने उस से बात नहीं की.

यह बात राहुल के लिए कष्ट देने वाली थी. इस की वजह यह थी कि वह सोनी के लिए तड़प रहा था. किसी तरह वह उस से बात कर के अपने दिल की बात कहना चाहता था. सोनी थी कि उस का फोन ही रिसीव नहीं कर रही थी. लेकिन राहुल ने सोनी को फोन करना बंद नहीं किया. परेशान हो कर सोनी ने एक दिन राहुल का फोन रिसीव कर लिया तो उस ने फोन रिसीव न करने की वजह पूछी. लेकिन सोनी ने बताने से मना कर दिया. इस पर राहुल, अपने किए की माफी मांग कर कहा, ‘‘सोनी, आजकल मैं काफी मुसीबत में हूं. मुझे कुछ पैसों की जरूरत है. अगर मेरी मदद कर दो तो बड़ी कृपा होगी. पैसे मिलते ही मैं तुम्हारे पैसे वापस कर दूंगा.’’

बिना कोई जवाब दिए सोनी ने फोन काट दिया. इस के बाद राहुल ने सोनी को न जाने कितने फोन किए, सोनी ने उस का फोन रिसीव नहीं किया. सोनी से एकतरफा प्यार करने वाला राहुल घायल सा हो गया.

जुनून की हद तक एकतरफा प्यार करने वाला राहुल दिनरात सोनी के ही ख्यालों में खोया रहता था. उसे लगता था कि वह उस के बिना जी नहीं पाएगा. किसी न किसी बहाने से वह सोनी के करीब जाना चाहता था, जबकि सोनी उस से दूर भाग रही थी. न जाने किसकिस से उस ने सोनी से बात कराने को कहा, लेकिन सोनी ने उस से बात नहीं की. इस तरह उस का प्यार नफरत में बदल गया. अब उस ने उसे सबक सिखाने का निश्चय कर लिया.

राहुल ने मन ही मन निश्चय कर लिया था कि वह सोनी का ऐसा हश्र करेगा कि वह जिंदा रहते हुए भी लाश जैसी जिंदगी जिएगी. उसे अपनी जिस सुरीली आवाज पर नाज है, वह उसे हमेशाहमेशा के लिए खत्म कर देगा. इस के बाद वह उस पर नजर रखने लगा. साथ रहतेरहते उसे सोनी की ज्यादातर गतिविधियों का पता था. वह कब उठती थी, कहां जाती थी, किस से मिलती थी, उसे सब पता था.

नफरत करने वाले राहुल ने कैसे सिखाया सबक उन दिनों सोनी वाराणसी में अपने एक भोजपुरी गाने के नए एलबम ‘सावन’ की शूटिंग में व्यस्त थी. राहुल को यह पता था. 27 जून, 2017 को वह रस्तीपुर स्थित बहन के घर आएगी, उसे यह भी पता था. इस के बाद उसे एक कार्यक्रम में जाना है, उसे यह भी पता था. इन्हीं जानकारियों के आधार पर वह सोनी के घर से थोड़ी दूरी पर गली में एक चाकू ले कर छिप कर बैठ गया.

संयोग से उसी बीच बिजली चली गई. इस से राहुल का काम और आसान हो गया. करीब साढ़े 9 बजे सोनी घर से निकल कर गली के मोड़ तक पहुंची थी कि घात लगाए बैठे राहुल ने सोनी पर हमला कर दिया. घायल होने पर सोनी चीखी, लेकिन राहुल बिना डरे अपना काम करता रहा.

सोनी की चीख सुन कर पड़ोसी बाहर आ गए. इस बीच राहुल सोनी के गले पर वार कर चुका था. मोहल्ले वालों ने टार्च की रोशनी में देखा कि एक लड़का सोनी पर चाकू से वार कर रहा है तो सब उस की ओर दौड़े. लोगों को आता देख कर राहुल भागा. लेकिन लोगों ने उसे दौड़ा कर पकड़ लिया. मारपीट के दौरान वह उन के चंगुल से निकल भागा. अंधेरा था फिर भी सोनी ने उसे पहचान लिया था.

पूछताछ और सबूत जुटा कर पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. कथा लिखे जाने तक उस की जमानत नहीं हुई थी. ताज्जुब की बात यह है कि उसे अपने किए पर जरा भी मलाल नहीं है. सोनी को अब राहुल से खतरा है, इसलिए वह होशियार रहती है. अस्पताल से छुट्टी पा कर वह घर आ चुकी है.   ?

सौजन्य- सत्यकथा, नवंबर 2017

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