14 नवंबर, 2016 की शाम उत्तर प्रदेश के जिला इलाहाबाद के थाना नैनी के मोहल्ला करबला का रहने वाला मोहम्मद हुसैन रोज की अपेक्षा आज कुछ जल्दी ही घर आ गया था. हाथमुंह धोने के बाद वह चाय पी कर टीवी देखते हुए 2 साल की बेटी शैजल के साथ खेलने लगा तो पत्नी बेबी ने पास आ कर कहा, ‘‘लगता है, अब आप को कहीं नहीं जाना?’’

‘‘क्यों, कोई काम है क्या?’’

‘‘हां, अगर आप को कहीं नहीं जाना तो चल कर मेरे मोबाइल का चार्जर खरीदवा लाओ. कितने दिनों से खराब पड़ा है. दूसरे का चार्जर मांग कर कब तक काम चलेगा.’’

हुसैन बेबी की बात को टाल नहीं सका और फौरन तैयार हो गया. बेबी को भी साथ जाना था, इसलिए वह भी फटाफट तैयार हो गई. बेटी को उस ने सास के हवाले किया और पति के साथ बाजार के लिए चल पड़ी.

मोबाइल शौप उन के घर से महज 2 सौ मीटर की दूरी पर थी. जैसे ही दोनों दुकान के सामने पहुंचे, एक मोटरसाइकिल उन के सामने आ कर रुकी. मोटरसाइकिल सवार हेलमेट लगाए था, इसलिए कोई उसे पहचान नहीं सका. पतिपत्नी कुछ समझ पाते, उस के पहले ही उस ने कमर में खोंसा तमंचा निकाला और हुसैन के सीने पर रख कर गोली दाग दी.

गोली लगते ही हुसैन जमीन पर गिर पड़ा. शाम का समय था इसलिए बाजार में काफी भीड़भाड़ थी. पहले तो लोगों की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ. लेकिन जैसे ही लोगों को सच्चाई का पता चला, बाजार में अफरातफरी मच गई. धड़ाधड़ दुकानों के शटर गिरने लगे. इस अफरातफरी का फायदा उठा कर बदमाश भाग गया. कोई भी उसे पकड़ने की हिम्मत नहीं कर सका.

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