राजधानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में दरगाह साबरी के पास बाइक रिपेयर की वर्कशाप चलाने वाला 50 वर्षीय मोइनुद्दीन कुरैशी 17 मई, 2022 की रात करीब 10 बजे वर्कशाप बंद करके घर जाने के लिए पैदल ही निकला था कि चंद कदम चलते ही उसे लघुशंका की जरूरत महसूस हुई.

कुछ आगे कालिदास मार्ग पर वह लघुशंका के लिए रुका कि तभी बाइक से उस के पीछे आए 2 बदमाशों ने काफी नजदीक से उसे गोली मार दी और फर्राटा भरते निकल गए.

मोइनुद््दीन अपने परिवार के साथ पटौदी हाउस, दरियागंज इलाके में ही रहता था. उस के परिवार में बुजुर्ग मां के अलावा पत्नी जेबा, 2 बेटे मुइज कुरैशी, गुल कुरैशी, 18 साल की बेटी व छोटा भाई रुकनुद्दीन हैं.

मोइनुद्दीन के परिवार की 50 साल से ज्यादा पुरानी दोपहिया वाहन की वर्कशाप दरियागंज में दरगाह साबरी के पास है. उस की दुकान पर कई लड़के काम करते हैं.

मोइनुद्दीन के पीछे से आए हमलावरों ने उस पर 2 गोलियां चलाईं. एक गोली उस के पेट में और दूसरी कमर में लगी. गोली लगते ही वह जमीन पर गिर कर तड़पने लगा और पल भर में खामोश हो गया. इस के बाद चारों तरफ हल्ला मच गया.

घटनास्थल के पास ही मौजूद मोइनुद्दीन का छोटा भाई रुकनुद्दीन व उस का दोस्त साजिद भागते हुए आए और मोइनुद्दीन को एलएनजेपी अस्पताल ले गए, जहां कुछ ही देर बाद मोइनुद्दीन को मृत घोषित कर दिया गया.

कुरैशी के परिवार वाले भी अस्पताल आ पहुंचे. हर तरफ मातम पसर गया. उस की बीवीबच्चे सिर पटकपटक कर रो रहे थे. अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को इस की सूचना दे दी.

कुछ देर में पुलिस घटनास्थल पर आई. आसपास के लोगों से पूछताछ की, मगर हमलावरों के बारे में कोई नहीं बता पाया. रात होने की वजह से लोग बाइक का नंबर भी नहीं देख पाए. बस पलक झपकते ही पूरा कांड हो गया.

मोइनुद्दीन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया. दूसरे दिन मृतक के छोटे भाई रुकनुद्दीन के बयान पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.

इस सनसनीखेज मामले की जांच के लिए एसीपी योगेश मल्होत्रा की देखरेख में कई थानों के तेजतर्रार पुलिसकर्मियों की एक टीम का गठन किया गया. वाहन चोरी निरोधक दस्ता टीम के इंचार्ज संदीप गोदारा और स्पैशल स्टाफ के इंसपेक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा को भी टीम में शामिल किया गया. यानी पुलिस की अलगअलग टीमें विभिन्न बिंदुओं पर काम करने लगीं.

पुलिस ने सब से पहले घटनास्थल का मुआयना किया और वहां दुकानों और घरों में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई ताकि बाइक और हमलावरों की पहचान हो सके.

कई दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस ने करीब 500 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. इस छानबीन में हमलावर सफेद रंग की अपाची बाइक पर सवार दिखे. मगर उन के चेहरे हेलमेट से ढंके हुए थे. हां, बाइक का नंबर जरूर साफ नजर आ गया. पुलिस बाइक का पता कर ही रही थी कि तभी खबर आई कि वारदात में प्रयुक्त अपाची बाइक तारा होटल के नजदीक लावारिस हालत में पड़ी है.

पुलिस ने बाइक के मालिक का पता किया तो उस के मालिक ने बताया कि उस की बाइक दिसंबर, 2021 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से चोरी हो गई थी, जिस की एफआईआर बाकायदा थाने में दर्ज है.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मोइनुद्दीन की हत्या करने वाले बेहद प्रोफेशनल थे. चलती बाइक से किसी पर निशाना लगाना आसान नहीं होता, मगर उन का निशाना बिलकुल सधा हुआ था. पुलिस ने अनुमान लगाया कि हत्यारों ने अगर बाइक मेरठ से चुराई है तो जरूर उन का संबंध यूपी से ही होगा.

पुलिस के पास हमलावरों तक पहुंचने का यह रास्ता बंद हो गया तो उस ने घटनास्थल के आसपास के लोगों से और मृतक मोइनुद्दीन कुरैशी के घरवालों एवं दोस्तों से पूछताछ शुरू की.

एक दूसरी पुलिस टीम ने मृतक मोइनुद्दीन के परिवार के लोगों के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स और इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म को भी खंगालना शुरू किया.

मृतक की पत्नी, बच्चों और अन्य स्वजनों समेत 100 से अधिक लोगों से पूछताछ हुई. पूछताछ में पता चला कि मृतक मोइनुद्दीन कुरैशी की पत्नी जेबा कुरैशी उस से उम्र में 10 साल छोटी है. मोइनुद्दीन से उस का निकाह करीब 25 साल पहले हुआ था.

मोइनुद्दीन और जेबा के 3 बच्चे हैं. 2 बेटे और एक बेटी. पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि मोइनुद्दीन अकसर जेबा को मारतापीटता था. 40 वर्षीय जेबा अपने पति के जुल्मों से काफी परेशान रहती थी. वह हर वक्त उस से डरीसहमी रहती थी. पता नहीं कब, किस बात पर मोइनुद्दीन खफा हो जाए और उस को रुई की तरह धुन कर रख दे, इस का कुछ पता नहीं होता था.

छोटीछोटी बात पर उस का पारा चढ़ जाता था और जवान बच्चों के सामने ही वह पत्नी की पिटाई शुरू कर देता था. उस की हरकतों से बच्चे भी डरेसहमे से रहते थे.

पुलिस ने मोइनुद्दीन की पत्नी जेबा से जब पूछताछ की तो वह काफी घबराई हुई थी. कई सवालों को घुमाफिरा कर पूछने पर उस ने अलगअलग जवाब दिए. इस से पुलिस को उस पर कुछ शक हुआ.

फिर जब जेबा के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स पुलिस ने खंगाली तो पता चला कि वह लगातार मेरठ के एक नंबर के संपर्क में रहती थी. घटना के दिन भी उस ने इस नंबर पर कई काल किए थे.

अब पुलिस ने जेबा कुरैशी से सख्ती से पूछताछ की. शुरू में तो वह पुलिस को बरगलाती रही, मगर सख्ती के आगे वह जल्दी ही टूट गई. उस ने मोइनुद्दीन की हत्या करवाने का जुर्म स्वीकार कर लिया.

जेबा ने बताया कि वह शौहर से तंग आ चुकी थी, इसलिए उस ने अपने प्रेमी और उस के साथियों के हाथों उस जालिम शौहर को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया. जेबा 25 साल तक जिस आदमी के साथ रही, जिस के 3 बच्चों की वह मां बनी, उस के जुल्मों से वह इतनी आजिज आ चुकी थी कि उसे गोली मरवाने में उसे जरा भी झिझक नहीं हुई. आखिर क्यों जेबा के दिल में पति के लिए इतनी नफरत भर गई थी?

जेबा के 3 जवान बच्चे थे. उन की पढ़ाई, शादी सब होनी थी. मगर मानसिक और शारीरिक रूप से जेबा अपने पति के हाथों इस कदर प्रताड़ना सह चुकी थी कि उस ने एक बार भी इस बारे में नहीं सोचा.

वह तो बस जल्द से जल्द मोइनुद्दीन से मुक्ति पा लेना चाहती थी. और इस काम में उस का साथ दिया उस के प्रेमी शोएब ने, जो मेरठ का रहने वाला था और फेसबुक के जरिए उस का दोस्त बन गया था.

बीते 2 सालों में उन की दोस्ती धीरेधीरे प्यार में बदल चुकी थी. हालांकि शोएब जेबा से 11 साल छोटा था और शादीशुदा भी था, मगर वह जेबा के प्यार में ऐसा दीवाना हुआ कि उस के लिए कत्ल करने को भी तैयार हो गया. दरअसल, 25 साल पहले जब जेबा का निकाह मोइनुद्दीन कुरैशी से हुआ था, तब जेबा मात्र 15 साल की थी. उस वक्त मोइनुद्दीन की उम्र 25-26 साल थी.

जल्दी ही जेबा 3 बच्चों की मां बन गई. घरगृहस्थी और बच्चों की परवरिश में उस का बचपन और जवानी दोनों खलास हो गए. उधर मोइनुद्दीन बाइक रिपेयर के काम के अलावा प्रौपर्टी डीलिंग का काम भी करने लगा था. प्रौपर्टी के धंधे में उस की दोस्ती बड़े घरों के बिगड़ैल लड़कों से हो गई. उन के संगसाथ में वह शराब पीने लगा.

बीवीबच्चों की उस ने कभी परवाह नहीं की. उस का ज्यादातर समय पतंगबाजी और शराब पीने में बीतता था. शराब पी कर मोइनुद्दीन अकसर जेबा को पीटता था. बच्चों के सामने जेबा अपने पति की मार खा कर बुरी तरह टूट जाती थी.

साल गुजरते गए और पति की मार और दुत्कार सहतेसहते जेबा ने किसी तरह बच्चों को बड़ा किया. वह बच्चों में ही मन लगाने की कोशिश करती थी, मगर दिल का एक कोना किसी के प्यार के लिए बिलकुल खाली पड़ा था.

इसी दौरान उस ने अपने मोबाइल फोन पर फेसबुक और वाट्सऐप चलाना सीख लिया. इस ने उस के सूनेपन को थोड़ा कम किया. फेसबुक पर उस के काफी दोस्त बन गए, जिन से वह अपने दिल की बातें शेयर करने लगी.

2 साल पहले फेसबुक पर उस की दोस्ती मेरठ के शोएब से हुई. मेरठ के वेस्ट कुशल नगर, लिसाड़ी रोड निवासी 29 वर्षीय शोएब ने जेबा की फोटो देखी तो वह उस पर फिदा हो गया. शादीशुदा होते हुए भी शोएब प्यार की राह पर फिसल गया. उस को इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ा कि जेबा उस से उम्र में 11 साल बड़ी है और 3 जवान बच्चों की मां है.

दोनों के बीच सारा सारा दिन फोन पर प्यारमोहब्बत की बातें होने लगीं. मौका पा कर दोनों एकदूसरे से मिलने भी लगे. जेबा के सूने दिल में खुशियों की कलियां चिटखने लगीं. अरमानों ने करवट ली और जेबा शोएब के प्यार में पूरी तरह डूब गई.

ऐसा प्यार और नजदीकी उसे अपने पति मोइनुद्दीन से कभी नहीं मिली थी. जेबा ने शोएब के साथ निकाह करने का मन बना लिया, मगर इस मिलन में सब से बड़ा बाधक था उस का जालिम पति मोइनुद्दीन, जिसे ठिकाने लगाए बिना जेबा और शोएब का मिलन संभव ही नहीं था.

आखिरकार जब भावनाएं पूरी उफान पर पहुंचीं तो मोइनुद्दीन को रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई. जेबा ने शोएब पर दबाव बनाया कि वह जल्द से जल्द मोइनुद्दीन को खत्म कर दे. उस ने शोएब से कहा कि अब वह उस से तभी मिलेगी जब वह मोइनुद्दीन को ठिकाने लगा देगा.

मोइनुद्दीन को मारना किसी अकेले के बस की बात नहीं थी. लंबीतगड़ी कदकाठी के मोइनुद्दीन को कोई अकेला आदमी काबू में नहीं कर सकता था. शोएब ने मोइनुद्दीन को ठिकाने लगाने के लिए भाड़े के हत्यारों से संपर्क साधा जो सुपारी ले कर उस का यह काम निपटा सकते थे.

शोएब ने विनीत गोस्वामी नाम के अपराधी से संपर्क किया. बमहेटा, कविनगर, गाजियाबाद के रहने वाले विनीत पर पहले से हत्या के प्रयास समेत 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं. 6 लाख रुपए की सुपारी ले कर विनीत ने मोइनुद्दीन की हत्या करने का 2 बार प्रयास किया, मगर वह सफल नहीं हुआ.

विनीत ने शोएब के साथ कई बार मोइनुद्दीन का पीछा किया. वह किस वक्त वर्कशाप खोलता है, किस वक्त बंद करता है, वर्कशाप के आसपास किस वक्त कितने लोग होते हैं, वह अकेले घर जाता है या किसी के साथ, ये सारी बातें दोनों ने नोट कीं. और फिर 17 मई की रात शोएब और विनीत के हाथ वह मौका लग गया.

रात 10 बजे जब मोइनुद्दीन अपनी दुकान बंद कर के पैदल ही घर चलने को हुआ तो उसे लघुशंका की जरूरत महसूस हुई और वह सड़क के किनारे रुक गया. कुछ दूर अंधेरे कोने में काफी देर से उस के निकलने का रास्ता देख रहे शोएब ने बाइक स्टार्ट की.

विनीत भरी पिस्तौल लिए उस के पीछे बैठा था. जैसे ही बाइक सड़क किनारे लघुशंका के लिए खड़े मोइनुद्दीन के करीब पहुंची, विनीत ने उस पर फायर झोंक दिया. गोली उसे भेदती हुई निकल गई. मोइनुद्दीन जमीन पर गिर कर तड़पने लगा और चंद सेकेंड बाद ही खामोश हो गया.

जेबा कुरैशी से सच उगलवाने के बाद पुलिस ने मेरठ से पहले 29 वर्षीय शोएब को गिरफ्तार किया और उस के बाद गाजियाबाद से 29 वर्षीय विनीत गोस्वामी को हिरासत में ले लिया.

गिरफ्तारी के वक्त आरोपियों के पास से पुलिस को एक पिस्टल, 2 कारतूस और सुपारी की रकम के 3 लाख रुपए बरामद हुए. वारदात में इस्तेमाल चोरी की बाइक पहले ही पुलिस अपने कब्जे में ले चुकी थी.

डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि सभी आरोपियों को हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है. सभी ने अपने गुनाह कुबूल कर लिए थे.   द्य

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