मूल रूप से चमौली, उत्तराखंड का रहने वाला यशपाल मध्य प्रदेश के पीथमपुर इलाके में बनी सिप्ला दवा कंपनी में काम करता था. यशपाल ने पूजा से पहले प्यार किया, फिर घर वालों के भारी विरोध के बाद उस ने पूजा से शादी की थी. यशपाल और पूजा एक ही कालेज में पढ़ते थे. इस दौरान दोनों में अच्छी दोस्ती थी.
एक दिन पूजा अचानक गश खा कर गिर पड़ी. डाक्टरों ने जांच कर पूजा के दिल में दिक्कत बताई. डाक्टरों के मुताबिक, उस के एक वौल्व में छेद था. जो ठीक तो हो सकता था, पर इस के लिए लंबा समय और महंगी दवा की जरूरत थी. पूजा की बीमारी जान कर यशपाल बहुत दुखी हुआ. पूजा की बीमारी जानने के बावजूद यशपाल ने उस से शादी का प्रपोजल रखा, जिसे पूजा ने तुरंत मान लिया. इस के बाद उन दोनों की प्रेम कहानी की चर्चा पूरे कालेज में होने लगी.
साल 2011 में यशपाल की नौकरी सिप्ला दवा कंपनी, इंदौर में लग गई. नौकरी के बाद जब शादी की बात आई, तो यशपाल के घर वाले लड़की देखने लगे. यशपाल ने कहा कि वह अपनी गर्लफ्रैंड पूजा से ही शादी करेगा.
यशपाल ने घर वालों से पूजा के दिल की बीमारी की बात नहीं छिपाई. पूजा की बीमारी जान कर घर वालों ने यशपाल को काफी समझाने की कोशिश की, पर उस ने किसी की एक न सुनी.
आखिरकार यशपाल की जिद के आगे घर वालों को झुकना पड़ा. साल 2012 में यशपाल और पूजा की शादी बड़े धूमधाम से हो गई. शादी के बाद यशपाल पूजा को ले कर इंदौर आ गया. वह इंदौर के एबी रोड पर राऊ इलाके में ओमप्रकाश चौधरी के मकान में किराए पर रहने लगा.