मुझे अपनी सहेली, जो कि जज हैं, के साथ जेल में सैक्स अपराध के आरोपों में बंद कैदियों से बात करने का मौका मिला था. एक 24 साला कैदी ने बताया, ‘‘मैं गांव का रहने वाला हूं. शहर में मैं एक कारखाने में काम करता था. मैं जिस मकान में रहता था, वे दोनों पतिपत्नी ही उस मकान में रहते थे. उन की शादी को कई साल हो चुके थे, मगर उन के कोई बच्चा नहीं हुआ था.

‘‘30 साला मकान मालिक भी एक कारखाने में चौकीदारी करता था और रात की ड्यूटी करता था. एक रात जब वह ड्यूटी पर चला गया, तो उस की पत्नी मेरे कमरे में आई. उस समय मैं शराब पी रहा था. उस ने इतने झीने कपड़े पहन रखे थे कि उस के शरीर के सभी मादक अंग साफसाफ दिखाई दे रहे थे.

‘‘वह मुझे देख कर मुसकराने लगी.  मैं हैरानी से उस की ओर देखने लगा, तो वह मुसकराते हुए बोली, ‘मुझे नहीं पिलाओगे क्या?’

‘‘इतना सुन कर मैं ने उसे एक पैग बनाया, तो उसे पी कर वह मुझ से बुरी तरह से लिपट कर बोली, ‘मैं अब रातभर तुम से मजे लूंगी. मेरा पति तो कुछ कर नहीं पाता है. वह जरा सी देर में पस्त हो जाता है. मैं प्यासी ही रह जाती हूं.’

‘‘इतना कह कर वह मेरा हाथ पकड़ कर बिस्तर पर ले गई और फिर हम दोनों ने वह किया, जो हमें नहीं करना चाहिए था. उस के बाद तो हम दोनों का यह रोजाना का ही खेल हो गया था.

‘‘एक साल तक हम दोनों का यह खेल चलता रहा, मगर एक रात उस का पति अचानक गांव से लौट आया.

‘‘मकान की एक चाबी उस के पास थी. जब कमरे में उस की बीवी नहीं मिली, तो वह मेरे कमरे पर आया. मेरे कमरे की लाइट जली हुई थी और कमरे का दरवाजा भी खुला हुआ था.

‘‘मैं और उस की बीवी अपने खेल में मस्त थे. यह देख कर उस ने अपने पड़ोसियों को वहां पर बुला लिया.

‘‘जब उस की बीवी ने अपने आपको फंसता हुआ देखा, तो वह रोते हुए बोली, ‘यह मुझे रोजाना जबरदस्ती पकड़ लेता है. मैं मना करती हूं, तो यह मेरे पति को जान से मारने की धमकी देता है. मैं डर कर इस की हवस का शिकार होती हूं. इसे खूब मारो और पुलिस के हवाले कर दो, तभी इस नीच से हमारा पीछा छूटेगा.’

‘‘उस की इन बातों को सुन कर उस के पति और पड़ोसियों ने मुझे खूब मारा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया था.

‘‘मेरे बारे में जब मांबाप को मालूम हुआ, तो उन्होंने दुखी हो कर खुदकुशी कर ली. मकान मालकिन के चक्कर में मेरी जिंदगी बरबाद हो गई है,’’ कहते हुए वह कैदी बुरी तरह रोने लगा.

एक 55 साला कैदी से भी बात करने का मौका मिला. वे बोले, ‘‘मैं एक गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य था. मैं अनुशासनप्रिय था. मेरी इस बात के चलते शहर से रोजाना स्कूल आने वाली 2 टीचर मुझ से नाराज रहती थीं. वे रोज ही देर से स्कूल आती थीं.

‘‘एक दिन देर से आने वाली एक टीचर को अपने कमरे में बुला कर डांटा, तो उस ने अपना ब्लाउज फाड़ कर

बुरी तरह से दहाड़ मार कर रोते हुए ‘बचाओबचाओ’ की आवाज लगा कर स्टाफ को वहां बुला लिया.

‘‘जब स्टाफ वहां आया, तो उस ने रोते हुए बताया कि मैं उस की आबरू से खिलवाड़ कर रहा था. दूसरी टीचर भी सभी से कह रही थी कि यही हरकत मैं कई बार उस से भी कर चुका हूं.

‘‘तब तक गांव के और लोग भी वहां आ गए थे. उन्होंने मुझे टीचर के नाम पर  कलंक मान कर उसी समय पुलिस को फोन कर मुझे गिरफ्तार करा दिया था.

‘‘बाद में मुझे पता चला कि उन्हें अपनी एक रिश्तेदार प्राचार्य को मेरे उस स्कूल में लाना था, ताकि वे अपनी मरजी से स्कूल आएंजाएं.’’

उन प्राचार्य की दास्तान सुन कर मुझे और मेरी जज सहेली को यकीन ही नहीं हो पा रहा था कि स्कूल के एक प्राचार्य के साथ ऐसी भी घिनौनी साजिश रच कर उन की जिंदगी बरबाद करने वाली टीचर भी शिक्षा विभाग में मौजूद हैं.

फिर हमें सैक्स अपराध के आरोप में जेल में बंद एक 40 साला कैदी ने बताया, ‘‘मैं अपने एक दोस्त की मदद करने की भूल की सजा भुगत रहा हूं.

‘‘उस की छोटी बहन की शादी थी. उस ने कहा कि मैं पैसे उधार ले कर उस की मदद कर दूं. मैं ने किसी जानपहचान वाले से पैसे उधार ले कर उस की मदद कर दी.

‘‘उस की बहन की शादी को काफी समय हो गया था, मगर मेरे उस दोस्त ने मुझे एक भी पैसा नहीं लौटाया था.

‘‘एक दिन मैं ने उस दोस्त से पैसे मांगे, तो वह साफ मुकर गया कि मैं ने उसे पैसे दिए ही नहीं थे.

‘‘मैं ने उसे याद दिलाते हुए पैसों के लिए कहा, तो दोस्त और उस की बीवी ने मुझे सैक्स अपराध के आरोप में जेल भिजवाने की साजिश रची.

‘‘मुझे उस की बीवी ने अपने घर पर बुलाया. मैं जब उस के घर गया, तो वह बड़े प्यार से बोली, ‘तुम्हारे दोस्त तो पैसों के इंतजाम के लिए बाहर गए हुए हैं.  3-4 दिन बाद लौटेंगे. तब तक आप यहीं रहें. मुझे मर्द के साथ सोए बगैर रात में नींद नहीं आती है. रातभर खूब मजे लेंगे,’ कह कर उस ने मुझे शराब पिलाई.

‘‘शराब पिलाने के बाद वह मुझ से बोली कि मैं उसे अपनी गोद में उठा कर पलंग पर ले जाऊं और उस के बदन के कपड़ों को फाड़ते हुए ऐसा करूं, जैसे तुम मुझ से जबरदस्ती कर रहे हो.

‘‘उस की इन बातों को सुन कर मैं ने ऐसा ही किया था. जब वह दर्द से चिल्लाने लगी, तो उस का पति आ गया.

‘‘अपनी बीवी को इस हालत में

देख वह बौखला गया. बोला, ‘तू ने मेरी बीवी के साथ यह क्या किया. अभी तुझे गिरफ्तार कराता हूं,’ कह कर उस ने मुझे गिरफ्तार करा दिया.’’

उस कैदी की दुखभरी दास्तान सुन कर मैं और मेरी जज सहेली मन ही मन सोच रही थीं कि यह कैसा जमाना आ गया है कि किसी पर रहम खा कर उस की मदद करते हैं, तो मदद पाने वाला अपनी मदद करने वाले के खिलाफ ही साजिश रच कर उस की जिंदगी तबाह कर देता है.

जेल से लौटते समय मैं और मेरी जज सहेली जेल में बंद सैक्स अपराध के इन आरोपी कैदियों की दास्तान सुन कर इसी नतीजे पर पहुंची थीं कि ज्यादातर  कैदी दूसरों की साजिश के शिकार हो कर ऐसी बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे हैं.

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