उस दिन जुलाई, 2017 की 18 तारीख थी. बिहार के गोपालगंज के फुलवरिया के बसवरिया मांझा गांव में लालबाबू  राय के घर तेरहवीं का भोज था. इस भोज में शहर के बड़ेबड़े लोग आए थे. हथुआ चौनपुर गांव के रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता कृष्णा शाही भी इस आयोजन में शामिल होने आए.

कृष्णा शाही लालबाबू राय के पोते आदित्य राय को दिल से चाहते और मानते थे, इसलिए उन के दादाजी के इस कार्यक्रम में उन का शामिल होना जरूरी था. करीब 20 सालों से दोनों परिवारों के बीच घरेलू संबंध थे और सुखदुख में एकदूसरे के यहां आनाजाना था.

खैर, आयोजन संपन्न हुआ तो नातेरिश्तेदारों को छोड़ कर सभी लोग अपनेअपने घर लौट गए. कृष्णा शाही रात को वहीं रुक गए. रात साढ़े 10 बजे उन की पत्नी शांता शाही ने फोन किया तो उन्होंने पत्नी को बताया कि आदित्य ने उन्हें अपने घर रोक लिया है. सुबह जल्दी घर लौट आऊंगा, क्योंकि पार्टी के काम से पटना जाना है. उन्होंने ड्राइवर सुनील को सुबह आने को कह दिया.

कृष्णा शाही को उस दिन पार्टी के काम से पटना जाना था. उन का ड्राइवर मुंहअंधेरे ही उन्हें लेने पहुंचा. लेकिन आदित्य राय ने बताया कि नेताजी तो रात को ही चले गए थे. ड्राइवर ने वापस लौट कर यह बात कृष्णा शाही की पत्नी शांता को बताई तो वह चौंकीं. उन्होंने पति को फोन किया. लेकिन उन के दोनों फोन बंद मिले. इस से शांता घबरा गईं. उन्होंने पति से बात करने की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार उन का फोन बंद मिला. जब शांता की समझ में कुछ नहीं आया तो उन्होंने यह बात अपने जेठ उमेश शाही को बताई और उन से पति के बारे में पता लगाने को कहा.

उमेश शाही ने अपने छोटे भाई के मोबाइल पर फोन किया तो उन्हें भी फोन बंद मिला. उमेश के घर से आदित्य राय का घर 4-5 किलोमीटर दूर था. उमेश शाही बडे़ भाई दिनेश तथा कुछ अन्य लोगों को साथ ले कर आदित्य के घर बसवरिया मांझा गांव जा पहुंचे.

वहां पहुंच कर उन्होंने आदित्य राय को बुला कर पूछा, ‘‘कृष्णा कहां है आदित्य? अभी तक घर नहीं पहुंचा और उस का फोन भी बंद है?’’

‘‘नेताजी तो रात में ही यहां से घर चले गए थे.’’ आदित्य ने बताया.

‘‘यह क्या कह रहे हो तुम, कृष्णा रात में ही घर चला गया था तो अब तक पहुंचा क्यों नहीं?’’

यह सुन कर आदित्य भी चौंका.

इस के बाद आदित्य और उमेश के बीच कृष्णा शाही को ले कर बहस छिड़ गई. धीरेधीरे वहां गांव के लोग जुटने लगे. कृष्णा शाही कोई मामूली आदमी नहीं थे. वह बीजेपी के नेता और प्रदेश भाजपा व्यवसायी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष थे, साथ ही अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी थे.

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आदित्य की बातें सभी को बड़ी अजीब लगीं. उस की जुबान उस का साथ नहीं दे रही थी. उमेश ने यह बात भांप ली. वैसे भी वह समझ नहीं पा रहे थे कि कृष्णा रात को अगर उन के यहां सोया था तो कहां चला गया? मामला संदिग्ध लग रहा था, इसलिए सुबह 8 बज कर 10 मिनट पर उन्होंने कृष्णा शाही के रहस्यमय ढंग से गायब होने की सूचना फुलवरिया थाने को दे दी.

सूचना मिलते ही थानाप्रभारी प्रेमप्रकाश राय ने यह जानकारी एसपी रविरंजन कुमार को दी. एसपी रविरंजन के आदेश पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. हथुआ के डीएसपी मोहम्मद इम्तियाज भी वहां आ गए.

भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता कृष्णा शाही के रहस्यमय ढंग से गायब होने की सूचना जल्द ही उन के समर्थकों तक भी पहुंच गई. सैकड़ों की संख्या में उन के समर्थक आदित्य राय के गांव मांझा पहुंच गए. कृष्णा शाही की खोजबीन शुरू हुई. जहांजहां उन के ठहरने के अड्डे थे, वहांवहां तलाश की गई, लेकिन उन का कहीं पता नहीं चला. उन की खोजबीन करतेकरते 10-11 बज गए.

गांव का एक युवक यूं ही बड़का शिव मंदिर के पास वाले कुएं में झांकने लगा. भीतर का दृश्य देख कर वह चौंका. कुएं के पानी में एक जोड़ी चप्पल तैर रही थी. युवक उलटे पांव आदित्य के घर की ओर भागा, जहां भीड़ जमा थी.

युवक ने कुएं में चप्पल देखने की बात कही तो सब लोग कुएं की ओर दौड़े. कुएं के भीतर पानी के ऊपर तैर रही चप्पल को देख कर उमेश शाही पहचान गए. वे चप्पलें उन के छोटे भाई कृष्णा की थीं, जो वह घर से पहन कर निकले थे. उन्हें समझते देर नहीं लगी कि किसी ने कृष्णा की हत्या कर के लाश कुएं में फेंक दी है.

3 पुलिसकर्मियों को कुएं के भीतर उतारा गया. काफी खोजबीन के बाद कृष्णा की लाश पानी में नीचे मिल गई. बाहर निकाला गया तो लाश की कमर पर गमछे में भारी पत्थर बंधा मिला.

कृष्णा शाही की लाश मिलते ही वहां का माहौल गरम हो गया. चूंकि पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद थी, इसलिए वह स्थिति को नियंत्रित किए हुए थी. कृष्णा का शव मिलने की बात सुन कर हजारों लोग बसवरिया मांझा गांव पहुंच गए. उग्र लोगों ने आदित्य राय के घर में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी. बाहर पड़ी कुर्सियों को तोड़ कर फेंका जाने लगा. घर के सामान उठा कर बाहर फेंक दिए गए. हंगामा कर रहे लोगों को रोकने के लिए कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया. एसपी रविरंजन कुमार और डीएम भी घटनास्थल पर पहुंच गए.

स्थिति पर काबू पाने के बाद पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर आदित्य राय के घर को चारों ओर से कब्जे में ले लिया, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घट सके. पुलिस ने कृष्णा शाही की लाश का मुआयना किया तो मृतक के जिस्म पर कहीं भी चोट का कोई निशान नहीं पाया गया. हां, मृतक का होंठ जरूर नीला पड़ा हुआ था. इस से पुलिस ने अनुमान लगाया कि कृष्णा की मौत जहर से हुई होगी.

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