29 नवंबर, 2018 को मुंबई के उपनगर घाटकोपर, कामा लेन, महालक्ष्मी अपार्टमेंट के रहने वाले राजेश्वर किशोरी लाल उदानी का बेटा रौनक उदानी अपने 2-3 सगे संबंधियों के साथ पंतनगर थाने पहुंचा. राजेश्वर उदानी एक बड़े बिजनैसमैन थे.
थानाप्रभारी रोहिणी काले राजेश्वर किशोरी लाल उदानी और उन के परिवार वालों को अच्छी तरह से जानते थीं. रोहिणी काले ने रौनक उदानी और उस के साथ आए लोगों को सामने रखी कुरसियों पर बैठने का इशारा किया. इस के बाद उन्होंने उन के आने का कारण पूछा. रौनक उदानी ने उन्हें जो कुछ बताया, उसे सुन कर थानाप्रभारी रोहिणी काले के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं.
रौनक उदानी ने उन्हें बताया कि उस के पिता राजेश्वर उदानी 28 नवंबर की रात करीब साढ़े 9 बजे अपने अंधेरी औफिस से घर के लिए निकले थे. रास्ते में उन्हें किसी का फोन आया. इस के बाद उन्होंने अपने ड्राइवर से विक्रोली हाइवे के पंतनगर मार्केट के पास कार रोकने को कहा. वह कार से उतर गए और करीब 50 गज की दूरी पर खड़ी एक दूसरी कार में बैठ कर कहीं चले गए.
जाते समय उन्होंने ड्राइवर से कहा कि वह कार ले जा कर घर पर खड़ी कर दे, वह कुछ देर बाद घर पर आ जाएंगे. लेकिन 24 घंटे का समय निकल जाने के बाद न तो वह घर आए और न ही उन का कोई फोन आया. उन का फोन भी स्विच्ड औफ आ रहा है. उन्हें ले कर घर में सभी को बहुत चिंता हो रही है.
रौनक उदानी की शिकायत पर थानाप्रभारी ने उस के पिता की गुमशुदगी दर्ज कर ली और रौनक उदानी को आश्वासन दिया कि पुलिस जल्द से जल्द उन्हें ढूंढने की कोशिश करेगी.
राजेश्वर उदानी मुंबई के उपनगर घाटकोपर के बहुत बड़े हीरा व्यापारी थे. इस के अलावा उन का एक बड़ा कंस्ट्रक्शन प्रोजैक्ट भी चल रहा था. ऐसे आदमी का गायब होना पुलिस के लिए किसी परेशानी से कम नहीं था.
थानाप्रभारी ने इस बात को गंभीरता से लिया और मामले की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम को भी दे दी. इस मामले की जांच पीआई लता सुतार को सौंप दी गई.
जांच अधिकारी ने गुमशुदा राजेश्वर उदानी की फोटो शहर के सभी पुलिस थानों को सर्कुलेट करने के साथसाथ सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और काल डिटेल्स खंगालनी शुरू कर दी. इस से पुलिस को जानकारी मिली कि वह जिस कार में थे, वह एलोरी टोल नाके से होते हुए नवी मुंबई की तरफ गई थी.
उन का फोन जिला रायगढ़, पनवेल में जा कर बंद हो गया था. इस जांच में पुलिस के 6 दिन निकल गए तो उदानी परिवार की चिंता और बढ़ गई थी.
4 दिसंबर, 2018 को रौनक उदानी वापस पुलिस थाने आया और उस ने थानाप्रभारी से अपने पिता के अपहृत होने की आशंका जताई.
हालांकि थानाप्रभारी रोहिणी काले और जांच अधिकारी पीआई लता सुतार भी समझ रही थीं कि इतने बड़े आदमी का गायब होना संयोग नहीं हो सकता. जरूर वह किसी षडयंत्र का शिकार हुए हैं. थानाप्रभारी ने अधिकारियों से विचारविमर्श करने के बाद राजेश्वर उदानी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली.
इस के दूसरे दिन ही पनवेल पुलिस को नेरे गांव के जंगलों में एक शव पड़ी होने की जानकारी मिली. शव इतना खराब हो चुका था कि उस की शिनाख्त करना मुश्किल था.
पनवेल पुलिस ने लाश बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दी थी. इस के बाद पनवेल पुलिस ने लाश के कपड़े, हुलिया आदि की सूचना कंट्रोलरूम से प्रसारित करा दी.
अज्ञात आदमी की लाश मिलने की जानकारी जब पंतनगर थानाप्रभारी रोहिणी काले को मिली तो वह चौकन्नी हो गईं. उन्होंने तुरंत राजेश्वर उदानी के परिवार वालों को थाने बुलाया और जांच अधिकारी पीआई लता सुतार के साथ नवी मुंबई के पनवेल थाने पहुंच गईं.
पनवेल पुलिस ने उदानी परिवार को लाश के फोटो और कपड़े आदि दिखाए. चूंकि लाश क्षतिग्रस्त थी, इसलिए चेहरा तो पहचान में नहीं आया. लेकिन कपड़ों, जूतों, बेल्ट, घड़ी आदि से रौनक उदानी ने उस लाश की शिनाख्त अपने पिता के रूप में कर दी. उदानी परिवार के सदस्यों का रोरो कर बुरा हाल था. पुलिस ने उन्हें सांत्वना दी.
मामला एक संभ्रांत परिवार के बड़े हीरा कारोबारी का होने की वजह से पुलिस अधिकारी सक्रिय हो गए. उन्होंने इस मामले को ले कर मीटिंग की, जिस में तमाम संभावनाओं और इनवैस्टीगेशन के बिंदुओं पर बात हुई. एडीशनल सीपी ने थाना पुलिस के साथसाथ क्राइम ब्रांच को भी तफ्तीश में लगा दिया.
आजकल तकनीक इतनी एडवांस हो गई है कि अपराध कितना भी पेचीदा और रहस्यमय क्यों न हो, पुलिस शीघ्र से शीघ्र सौल्व कर ही लेती है. पीआई लता सुतार ने अपने सहयोगियों के साथ राजेश्वर उदानी हत्याकांड की तेजी से जांच करनी शुरू कर दी.
उन्होंने जब राजेश्वर उदानी के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स की गहराई से जांच की तो उस में कुछ ऐसे नाम सामने आए, जिस से यह मामला हाईप्रोफाइल श्रेणी में आ कर खड़ा हो गया. मीडिया वाले भी केस को प्रमुखता से हाइलाइट कर रहे थे. पूरे शहर में इस मामले को ले कर तरहतरह की चर्चाएं चल रही थीं.
प्रदेश के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता का पूर्वसचिव सचिन पवार, स्टार टीवी के धारावाहिक ‘साथ निभाना साथिया’ की अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्य जो गोपी बहू के रूप में जानी जाती है, का नाम जुड़ने से लोग स्तब्ध थे.
राजेश्वर उदानी हत्याकांड की काल डिटेल्स में सचिन पवार और अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्य उर्फ गोपी बहू के नाम भी शामिल थे. जिस दिन राजेश्वर उदानी गायब हुए थे, उस दिन सचिन पवार ने उदानी को सुबह से ले कर शाम तक 13 काल्स की थीं, जिस की वजह से सचिन पवार जांच टीम के राडार पर आ गया था.
यह शक तब और गहरा गया जब सचिन पवार पुलिस टीम को अपने घर पर नहीं मिला. उस का फोन भी स्विच्ड औफ आ रहा था. जांच में पता चला कि सचिन पवार 29 नवंबर, 2018 से ही घर नहीं आया था.
सचिन को घर पर न पा कर पुलिस को थोड़ी निराश हुई. यह निराशा अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्य की मदद से दूर हो सकती थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.