वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड में अमेरिकी मूल के फेलोशिप करने आए डिटेक्टिव किरण नडार के क्राइम सीन से शुरुआत होती है. इस एपिसोड में ज्यादातर जगहों पर सीन को जोडऩे में डायरेक्टर नाकामयाब हुआ है.
जांच अधिकारी एएसआई थुपाली के सामने महिला आती है. वह बिना कुछ वजह बुरके वाली महिला जहां खानासामा मेहरुन्निसा कोचिंग देती है, उस का पता बता देती है. इसी एपिसोड में एएसआई थुपाली का थोड़ा फ्लैशबैक दिखाया गया है. वह आईपीएस बनने की भी तैयारी कर रहा होता है. इस में राबर्ट फ्रौस्ट की कविता के कई अंश सुनने को मिलेंगे.
यह अंश पूरी वेब सीरीज में कई जगह दर्शकों के सामने आएंगे. नडार के घर की जांच करते वक्त भी दर्शकों को हैरानी होगी. क्योंकि इंसपेक्टर हसन जब नडार की मां से बातचीत करता है, तभी एएसआई थुपाली को उस का चालू कंप्यूटर मिल जाता हैं.
उस में दूसरा संयोग यह भी बताया गया है कि एएसआई को कंप्यूटर का फोल्डर खोलते ही प्रभाकर शेट्टी और नडार के बीच हो रही बातचीत मिल जाती है. इस को वह चोरी कर लेता है और इंसपेक्टर हसन को बताता है.
इंसपेक्टर हसन फोन कर के प्रभाकर शेट्टी को थाने तलब करता है. इस से पहले स्वाति शेट्टी के दिमाग में खुराफात सूझती है. इस खुराफात को भी दर्शक अंतिम एपिसोड तक समझ नहीं सकेंगे. वह एसिड अटैक की काल्पनिक कहानी बनाती है.
जबकि नकली प्रभाकर शेट्टी, जो वास्तव में उमेश महतो है, उस की बाईं आंख पर कैमिकल की मदद से कपास की मदद से एसिड बना कर लैप लगा कर उस पर हमला करने की कहानी बनाती है. इस कहानी को पुलिस जांच का विषय सब से अंतिम एपिसोड में डायरेक्टर ने बनाया है.