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चुटला मुथु की तलाश में केरल पुलिस तमिलनाडु भी गई थी. वहां से भी उसे निराश हो कर ही लौटना पड़ा था. पुलिस अपना काम कर रही थी, पर सफलता न मिलने से लोगों को यही लग रहा था कि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. जबकि पुलिस अधिकारी हत्या के इस केस को हल करने के लिए नईनई टीमें बना कर नए जांच अधिकारी नियुक्त कर किसी भी तरह से हत्यारे को गिरफ्तार करना चाहते थे. लेकिन कोई भी हत्यारे तक पहुंच नहीं सका.

इस के बाद जनार्दन नायर ने अधिकारियों से मांग की कि जब थाना पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है तो इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराई जाए. इस के बाद यह मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया. क्राइम ब्रांच ने भी इस मामले में अपने नजरिए से जांच शुरू की. पर वह भी कुछ नहीं कर पाई.

इस की वजह यह थी कि सभी उसी मजदूर को कातिल मान रहे थे और उस का कुछ पता नहीं चल रहा था. जो भी नया अधिकारी आता, फाइल देखता, दोचार दिन इधरउधर करता, उस के बाद रमादेवी मर्डर केस की फाइल फिर नीचे दब जाती. इसी तरह समय बीतता गया. गांव वालों का धरनाप्रदर्शन और घेराव भी कुछ नहीं कर पाया था.

जनार्दन नायर पहुंचे हाईकोर्ट

साल बीततेबीतते कुछ लोगों को शक होने लगा था कि रमादेवी की हत्या उस के पति जनार्दन नायर ने तो नहीं की है. दबी जुबान से लोग यह बात कहने भी लगे थे. यह नायर साहब के लिए परेशान करने वाली और अपमानित करने वाली बात थी.

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