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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि रितिका के पेट पर धारदार हथियार से वार किया गया था. वार इतना गहरा था कि उस का असर रीढ़ की हड्डी तक पहुंचा था. उस के शरीर में 8 घाव सहित चोट के 32 निशान पाए गए. डाक्टरों ने रिपोर्ट में बताया कि रितिका की हत्या 25 दिसंबर की रात करीब 8 बजे की गई थी. खबर सुन कर वाराणसी से रितिका के परिवार वाले कुछ अन्य लोगों के साथ लखनऊ आ गए थे. रितिका के पिता के.के. श्रीवास्तव के साथ सभी की आंखों में हत्यारों के प्रति गुस्सा साफ नजर आ रहा था.

पुलिस ने रितिका के मायके वालों से मालूमात की तो वे लोग इस मामले में रितिका के पति प्रभात को ही जिम्मेदार ठहराने लगे. कुत्ते का न भौंकना आदि से पुलिस को भी यही लग रहा था कि हत्या में उस के किसी जानने वाले का ही हाथ है. जबकि प्रभात पूछताछ में खुद को बेकुसूर बता रहा था. पुलिस की अपनी छानबीन के हिसाब से भी रितिका की हत्या में प्रभात का हाथ नजर नहीं आ रहा था.

जिस मकान में हत्या हुई थी उस के आसपास के मकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे थे. पुलिस को लगा कि उन कैमरों में हत्यारे फोटो आ गई होगी. लेकिन जब उन कैमरों की जांच की गई तो पता चला कि वे सब पहले से ही बंद पड़े थे. आखिर 4 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड से परदा उठा ही दिया. हत्याकांड में शामिल लोगों के नाम जान कर पुलिस भी हैरान रह गई और लोग भी.

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