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पुलिस को नहीं मिला हत्यारे का सुराग

रेनू के सिर और कान से थोड़ा खून जरूर बह रहा था. जिस्म के दूसरे हिस्सों में भी चोट के कई निशान दिखाई पड़ रहे थे. इस से साफ था कि रेनू सिंह ने हत्या से पहले कातिल के साथ संघर्ष किया था.

हैरानी की बात यह थी कि घर का सारा सामान अपनी जगह था, यानी वहां कोई लूटपाट या डकैती जैसी वारदात के कोई संकेत दिखाई नहीं पड़ रहे थे. लेकिन ताज्जुब की बात यह थी कि रेनू का पति नितिन फरार था. रेनू के भाई अजय सिन्हा बारबार कह रहे थे कि उन की बहन की हत्या पति नितिन नाथ ने ही की है. पुलिस को तलाश में रेनू सिन्हा का मोबाइल नहीं मिला था, लेकिन यह तभी पता चल सकता था कि रेनू की हत्या पति ने की है या किसी अन्य ने.

बहरहाल, पुलिस ने फोरैंसिक टीम को बुला कर मौके से साक्ष्य एकत्र करने की काररवाई पूरी की और रेनू सिन्हा के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया. दिलचस्प बात यह रही कि उस समय पुलिस को पूरी कोठी की तलाशी लेने का खयाल तक नहीं आया, लेकिन नितिन का कुछ पता नहीं चला.

सेक्टर 20 थाने आ कर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एसएचओ धर्मप्रकाश शुक्ला ने भादंसं की धारा 302 में अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. जांच की जिम्मेदारी भी उन्होंने अपने पास ही रखी. इस के बाद नितिन नाथ का पता लगाने और रेनू सिंह के मोबाइल की जानकारी लेने के लिए पहले दोनों के फोन की काल डिटेल्स व उन के फोन की लोकेशन निकलवाई.

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