कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
ऑडियो में सुनें पूरी कहानी
0:00
12:24

कुछ महीने बाद दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए. लगभग एक हफ्ते पहले उस ने मुझे मऊ के होटल अवधपुरी में बुलाया था. वहां उस ने शारीरिक संबंध बनाए और कहा कि उस की नौकरी लग गई है, उसे ट्रेनिंग पर जाना है. इसलिए आज के बाद फोन मत करना. हमारीतुम्हारी दोस्ती खत्म. मैं ने भी गुस्से में कह दिया कि ठीक है, काल नहीं करूंगी.

लेकिन 2 दिन बाद मैं ने उसे काल कर के कहा कि जब तुम्हें बात ही नहीं करना है तो तुम ने जो गिफ्ट (घड़ी और फोटो) दिया है, उसे वापस ले लो. इस पर उस ने कहा कि ठीक है, मंगलवार को वापस कर देना. मैं पहसा आ कर तुम्हारे कालेज के बाहर से ले लूंगा.

लेकिन वह गिफ्ट वापस लेने नहीं आया. तब 27 अगस्त को मैं सोनम के साथ उस के गांव गई, लेकिन वह नहीं मिला. मैं वापस लौट रही थी तो जग्गा पीछे से आ गया और मुझे बुलाने लगा. लेकिन मैं रुकी नहीं और एक युवक से लिफ्ट ले कर मऊ आ गई थी. मुझे

नहीं मालूम कि जग्गा की हत्या किस ने की है.

‘‘अगर जग्गा की हत्या तुम ने नहीं की तो किस ने की?’’ अखिलेश कुमार ने स्वीटी को टेढ़ी नजरों से देखते हुए पूछा.

‘‘सर, जग्गा की हत्या किस ने की, यह पता लगाना पुलिस का काम है.’’

‘‘देखो स्वीटी, पुलिस ने सब पता कर लिया है. अब तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम सच्चाई कबूल कर लो. वरना सच उगलवाने के लिए ये दोनों सिपाही तुम्हारे लिए तैयार खड़ी हैं.’’ मिश्रा ने महिला कांस्टेबल अंजलि व सुमन की ओर इशारा किया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...