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भाईबहन के रिश्ते को सब से पवित्र माना जाता है, लेकिन समाज में ऐसी बहनों की भी कमी नहीं है, जो अपने तथाकथित प्यार के लिए भाई को भी कुरबान करने को तैयार हो जाती हैं. पिंकी ऐसी ही बहन थी, जिस ने…

कन्नौज जिले के सरसौनपुरवा गांव के कुछ लोग जब अपने खेतों की तरफ जा रहे थे तो उन्होंने खैरनगर पुल के पास निचली गंगनहर के पानी में एक मोटरसाइकिल पड़ी देखी. वहीं पास ही पटरी किनारे खून भी फैला था. किसी अनहोनी की आशंका से उन लोगों ने 100 नंबर पर पुलिस को फोन कर के यह जानकारी दे दी.

सूचना पा कर डायल 100 पुलिस वहां आ गई. चूंकि घटनास्थल थाना ठठिया के अंतर्गत था, इसलिए पुलिसकर्मियों ने ठठिया पुलिस को सूचना दी. कुछ देर बाद थानाप्रभारी विजय बहादुर वर्मा पुलिस टीम के साथ वहां आ गए. यह 15 सितंबर, 2019 की बात है.

थानाप्रभारी विजय बहादुर वर्मा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. वहां पड़ा खून ताजा था. इस से उन्हें लगा कि वारदात को अंजाम दिए ज्यादा समय नहीं बीता है. परेशानी की बात यह थी कि घटनास्थल पर लाश नहीं थी. ऐसे में यह कह पाना मुश्किल था कि हत्या किसी पुरुष की हुई है या किसी औरत की.

बहरहाल, वर्मा ने हत्या की आशंका जताते हुए यह खबर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दे दी. फिर उन्होंने टीम के पुलिसकर्मियों की मदद से मोटरसाइकिल नहर के पानी से बाहर निकलवाई. वह काले रंग की थी, जो कीचड़ से सनी थी.

वर्मा को आशंका थी कि हत्या कर लाश नहर में फेंकी गई होगी. शव की बरामदगी के लिए उन्होंने पुलिस के जवानों तथा गांव के 2-3 युवकों को पानी में उतारा. लेकिन काफी प्रयास के बाद भी शव नहीं मिल सका. इस के अलावा उन्होंने नहर की पटरी किनारे की झाडि़यों में भी तलाश कराई, लेकिन शव नहीं मिला.

थानाप्रभारी विजय बहादुर वर्मा अभी शव बरामद करने का प्रयास कर ही रहे थे कि सूचना पा कर एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एएसपी विनोद कुमार तथा सीओ (तिर्वा) सुबोध कुमार जायसवाल वहां आ गए. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, साथ ही थानाप्रभारी विजय बहादुर वर्मा से घटना के संबंध में जानकारी भी ली.

पुलिस अधिकारियों का अनुमान था कि जब मोटरसाइकिल नहर से बरामद हुई है तो शव भी नहर के गहरे पानी में ही होगा. इसलिए शव की बरामदगी के लिए एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलवा लिया. यह टीम निचली गंगनहर में उतरी और 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाल लिया.

यह शव किसी युवक का था, जिस की उम्र 28 वर्ष के आसपास थी. शरीर से वह हृष्टपुष्ट था. वह काले रंग की पैंट तथा सफेद नीलीधारी वाली शर्ट पहने था.

पुलिस अधिकारियों ने शव का निरीक्षण किया तो पता चला कि उस की हत्या बड़ी बेरहमी से की गई थी. उस के शरीर को किसी नुकीली चीज से गोदा गया था. चेहरे से ले कर जांघ तक गोदने के एक दरजन से अधिक निशान थे.

जामातलाशी में युवक की पैंट की जेब से एक पर्स तथा ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ. लाइसेंस हालांकि पानी में गीला हो गया था लेकिन प्लास्टिक कवर चढ़ा होने की वजह से अक्षर पढ़ने में स्पष्ट नजर आ रहे थे. लाइसेंस में युवक का नाम बलराम यादव, पिता का नाम लायक सिंह यादव निवासी गांव गसीमपुर, थाना इंदरगढ़, जिला कन्नौज दर्ज था. पानी में भीग जाने के कारण फोटो ठीक से नहीं दिख रही थी.

पुलिस अधिकारियों ने गसीमपुर निवासी लायक सिंह व उस के परिजनों को घटनास्थल पर बुला लिया. लायक सिंह ने जब शव को देखा तो वह फूटफूट कर रो पड़ा. उस ने बताया, ‘‘साहब, यह लाश मेरे एकलौते बेटे बलराम की है, मोटरसाइकिल भी उसी की है. मैं ने किसी का क्या बिगाड़ा था, जो उन्होंने मेरे बुढ़ापे का सहारा छीन लिया.’’

मां रामदेवी तो शव देख कर मूर्छित हो गई. आननफानन में उसे उमर्दा के सरकारी अस्पताल भेजा गया. सीओ सुबोध कुमार जायसवाल ने मृतक के पिता लायक सिंह से पूछताछ की तो उस ने बताया कि बलराम सुबह 5 बजे अपनी बहन पिंकी को दवा दिलाने के लिए घर से निकला था.

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