तांत्रिक की बात सामने आते ही पुलिस के सामने थाना डिलारी की घटना सामने आ गई. अब से लगभग 15 साल पहले थाना डिलारी के गांव कुरी में तांत्रिक के कहने पर एक आदमी ने अपने परिवार के 5 सदस्यों को गड़ा खजाना पाने की लालसा में इसी तरह से मौत की नींद सुला दिया था.
अब पुलिस टीम उस तांत्रिक को खोजने लगी, जिस के पास रोहताश जाता था. पर काफी प्रयास करने के बाद भी तांत्रिक का पता नहीं चला. इस के साथ पुलिस ने आरोपी रोहताश की तलाश में आसपास के गांवों में छापे मारे लेकिन कहीं भी उस के बारे में जानकारी नहीं मिली. इस के बाद पुलिस ने उस की गिरफ्तारी के लिए उस के फोटो लगे पोस्टर छपवा कर अलगअलग गांव और जिले के कई थानों में लगवा दिए थे, जिस में ईनाम की भी घोषणा की थी.
पुलिस की टीमें अपने काम में जुटी थीं. उधर अस्पताल में भरती रोहताश के दूसरे बेटे आकाश ने भी दम तोड़ दिया. इस सूचना से सारे गांव में मातम सा छा गया. कलावती पर तो जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा था. उस के 4 बच्चों में 2 लड़के थे, जिन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी जबकि एक बेटी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई थी.
उसी दिन शुक्रवार की देर शाम पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि रोहताश निर्मलपुर के जंगलों में छिपा है. इस सूचना पर कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार पुलिस टीम के साथ जंगलों में पहुंचे और घेराबंदी कर रोहताश को जंगल से अपनी हिरासत में ले लिया. पुलिस ने रोहताश से पूछताछ की तो उस ने इस वारदात के पीछे की जो कहानी बताई, वह बड़ी ही अजीबोगरीब निकली.
जिला मुरादाबाद के कस्बा ठाकुरद्वारा से लगभग 8 किलोमीटर दूर गांव निर्मलपुर में रोहताश अपने परिवार के साथ रहता था. उस के परिवार में पत्नी कलावती के अलावा 2 बेटे और 2 बेटियां थीं. रोहताश टेलरिंग का काम करता था. उस के पास खेती की ढाई बीघा जमीन भी थी. बच्चों को पढ़ाने की खातिर उसे ज्यादा पैसे कमाने की इतनी धुन थी कि टेलरिंग के काम के साथसाथ वह गांव में चौथाई पर जमीन ले कर उस में भी खेती कर लेता था.
कई साल पहले की बात है रोहताश का अपने घर वालों से जमीन को ले कर विवाद हो गया था, जिस में कलावती ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. लेकिन कुछ दिनों बाद ही रोहताश ने अपने घर वालों से बोलना शुरू कर दिया. यह बात कलावती को बहुत बुरी लगी. कलावती ने पति की इस बात का विरोध किया लेकिन रोहताश ने पत्नी की बात को तवज्जो नहीं दी. फिर क्या था, इसी बात पर रोहताश और कलावती के बीच झगड़ा होने लगा. उन दोनों के पारिवारिक जीवन में खटास पैदा हो गई.
रोहताश पहले कभीकभार शराब पीता था, लेकिन पत्नी से कलह होने के बाद वह शराब का आदी हो गया. उस ने शुरू में टेलरिंग का काम सुरजननगर कस्बे में शुरू किया था, लेकिन शराब का आदी हो जाने के बाद उस ने अपने गांव के पास स्थित कालेवाला में अपना काम शुरू कर लिया. रोहताश के चारों बच्चे स्कूल जाने लगे थे, जिस के बाद उन की पढ़ाई और खानपान व अन्य खर्च बढ़े तो रोहताश को आर्थिक तंगी हो गई.
कालेवाला में उस ने काम शुरू किया तो वहां काम जमने में भी काफी वक्त लग गया, जिस के कारण वह परेशान रहने लगा. उन्हीं बढ़ते खर्चों के कारण उसे बीवीबच्चे भार लगने लगे थे. जब कभी भी कलावती या बच्चे उस से पैसों की डिमांड करते तो वह झुंझला उठता और गुस्से में उन्हें अपशब्द भी कह देता था. कलावती उसे शराब पीने को मना करती थी लेकिन वह पत्नी की नहीं सुनता था.
इस बात से दुखी हो कर कलावती ने यह बात अपने भाई लक्खू को बताई. एक दिन लक्खू कल्याणपुर निवासी अपने बड़े बहनोई को ले कर गांव निर्मलपुर पहुंचा. उन दोनों ने रोहताश को समझाने की कोशिश की तो रोहताश ने कलावती में ही तमाम खामियां गिना दीं. उस वक्त भी उस ने कहीं भी अपनी गलती नहीं मानी थी.
उन के जाने के बाद रोहताश ने पत्नी को आड़े हाथों लिया. उस के बाद तो रोहताश ने शराब पीने की अति ही कर दी थी. वह सुबह ही घर से काम पर जाने की बात कह कर घर से निकल जाता और देर रात नशे में धुत हो कर घर पहुंचता. ज्यादा शराब पीने से उस का शरीर भी काफी कमजोर हो गया था. जिस के कारण उस के मन में हीनभावना पैदा हो गई थी.
एक बात और वह खुद को नामर्द भी समझने लगा. अपने इलाज के लिए वह कई नीमहकीमों से भी मिला. लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. जब हकीमों से दवा लाने वाली बात कलावती को पता चली तो उस ने उसे दवा लाने से मना कर दिया. इस के बाद तो उसे अपनी पत्नी पर पूरा शक हो गया था कि उस के संबंध उस के जीजा के साथ हैं, इसी कारण वह उसे सेक्स की दवा लाने से मना करती है.
रोहताश की बेटियां काफी समझदार हो चुकी थीं, लेकिन उन्हें पढ़ाई करने की इतनी धुन थी कि उन्हें मोबाइल वगैरह से कोई लगाव नहीं था. 6 सदस्यों वाले इस घर में एक ही मोबाइल था, जो रोहताश के पास ही रहता था. जिस के कारण कलावती के किसी भी रिश्तेदार का फोन उसी के मोबाइल पर आता था.
कलावती की सब से बड़ी मजबूरी यही थी कि उसे जब किसी भी रिश्तेदार से बात करनी होती तो वह या तो सुबह ही कर सकती थी या फिर शाम को. और रोहताश में सब से बड़ी कमी थी कि वह घर आ कर किसी के फोन आने की बात अपनी बीवी को नहीं बताता था.
कई बार कल्याणपुर निवासी उस के साढ़ू ने उस की बीवी और बच्चों से बात करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन रोहताश हमेशा ही कह देता कि अभी वह बाहर है. घर जा कर बात करा देगा. घर जाने के बाद भी वह कोई न कोई बहाना करते हुए साढ़ू की बात नहीं कराता था. रोहताश अपने साढ़ू को गलत मान कर उस से चिढ़ने लगा था. फिर साढ़ू का बारबार फोन आने से उसे शक हो गया कि उस की बीवी के उस के साथ अवैध संबंध हैं, तभी तो वह बारबार उस से बात करना चाहता है.