कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

ऋषभ रात 8 बजे अपने दोस्त मनीष के साथ चकरपुर पंचायत घर पहुंच गया. उस ने स्कूटी पंचायत घर के बाहर खड़ी कर दी. कुछ देर बाद राजकपूर भी सत्येंद्र सिंह को साथ ले कर बाइक से चकरपुर पहुंच गया. वहां उन दोनों ने सूआ से ऋषभ की स्कूटी पंक्चर कर दी.

रात 10 बजे ऋषभ और मनीष खापी कर शादी समारोह के बाहर आए तो देखा कि उन की स्कूटी का पहिया पंक्चर है. पंक्चर बनवाने के लिए वे स्कूटी पैदल ही हाईवे तक लाए.

वे जैसे ही शिवा होटल की तरफ चले तभी घात लगाए बैठे राजकपूर व सत्येंद्र सिंह ने ऋषभ पर चापड़ से कातिलाना हमला कर दिया. ऋषभ की गरदन व कंधे पर गहरी चोट लगी और वह वहीं खून से लथपथ हो कर गिर पड़ा.

मनीष ने थाना सचेंडी पुलिस को सूचना दी तो एसएचओ प्रद्युम्न सिंह पुलिस दल के साथ आ गए. उन्होंने घायल अवस्था में ऋषभ को हैलट अस्पताल में भरती कराया. मनीष की सूचना पर सपना भी अस्पताल पहुंच गई और रोनेपीटने का नाटक करने लगी.

कुछ समय बाद ऋषभ को होश आया तो सपना ने उसे कानपुर के चर्चित मधुराज नर्सिंग होम में भरती करा दिया. रात में राजकपूर ने सपना को मैसेज भेजा कि काम हो गया. जवाब में सपना ने मैसेज किया कि वह तो बच गया.

दूसरे रोज सपना ने अपने पड़ोसी रामकिशन विश्वकर्मा के खिलाफ पति पर जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी. सपना ने एसएचओ प्रद्युम्न सिंह को बताया कि रामकिशन विश्वकर्मा से उस का पैसों के लेनदेन को ले कर विवाद चल रहा है. इसी रंजिश में उस ने हमला करवाया है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...