डा.रेवांथ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से सटे तालुका चिकमंगलुरु के गांव कादुरू में लक्ष्मीनगर की सोसायटी के आलीशान फ्लैट में अपने परिवार के साथ रहते थे. परिवार में उन की पत्नी कविता रेवांत के अलावा एक 3 वर्षीय बेटा और एक 7 महीने की सुंदर गोलमटोल सी बेटी थी. बेटा अंगरेजी माध्यम स्कूल में पढ़ता था. उसे सुबह 11 बजे स्कूल बस ले कर जाती थी और शाम 6 बजे सोसायटी के सामने छोड़ती थी.
डा. रेवांथ का इसी इलाके के कादुरू में अपना खुद का डेंटल क्लिनिक था, जहां वह प्रैक्टिस करते थे. इस के अलावा वह शहर के अन्य अस्पतालों का भी विजिट करते थे. वह घर से सुबह 10 बजे निकलते थे तो रात 10 बजे ही घर वापस आ पाते थे. घर का सारा काम उन की पत्नी कविता संभालती थी.
घटना 17 फरवरी, 2020 की है. डा. रेवांथ अपने 2-3 रिश्तेदारों के साथ जिस समय कादुरू पुलिस थाने पहुंचे थे, उस समय थाने के परिसर में शांति छाई थी. समय यही कोई 5 बजे का था. थानाप्रभारी डा. रेवांथ और उन के साथ आए लोगों के उदास और परेशान चेहरों को देख कर समझ गए थे कि मामला गंभीर है. उन्होंने डा. रेवांथ और उन के साथ आए लोगों को बैठने का इशारा किया और कहा, ‘‘कहिए, क्या बात है? कैसे आना हुआ?’’
थानाप्रभारी के इस सवाल पर डा. रेवांथ की आंखों में पानी भर आया था, जिसे साफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सर, मेरी तो दुनिया ही लुट गई, मैं बरबाद हो गया. मेरे घर में चोरी और पत्नी की हत्या हो गई है.’’