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हरियाणा के भिवाड़ी में अरविंदा फार्मा कंपनी में क्वालिटी मैनेजर विकास शर्मा अपना काम खत्म कर घर जाने की तैयारी कर रहा था.  तभी वहीं साथ काम करने वाली अमीषा दलाल उस के पास कर बोली, ‘‘विकास, चलो आज मैं तुम्हें कौफी पिलाऊंगी.’’

‘‘क्यों कोई खास बात है?’’ विकास चहकता हुआ बोला.

‘‘खास ही समझो... हमारी जानपहचान के आज 2 माह हो चुके हैं. इसी खुशी में मेरी तरफ से छोटी सी ट्रीट.’’

‘‘ओके. उस में थोड़ी सी भागीदारी मेरी भी रहेगी. वैसे भी आज मुझे सैलरी इन्क्रीमेंट का लेटर मिला है.’’ विकास खुश होता हुआ बोला.

‘‘अरे वाह! तब तो बीयर पार्टी होनी चाहिए,’’ अमीषा खुशी से बोल पड़ी.

‘‘आज नहीं, फिर कभी.’’ विकास बोला और अपने बैग में लंच बौक्स रखने लगा. यह बात करीब 2 साल पहले की है. विकास शर्मा और अमीषा एक ही कंपनी में काम करते थे. अच्छी जिम्मेदारी वाले पद पर थे. कोरोना काल के दौरान अमीषा वर्क फ्रौम होम थी, जबकि विकास सप्ताह में 2 दिन औफिस जाता था. बाकी दिनों में वह भी घर से काम संभालता था.

करीब 2 महीना पहले अमीषा भी औफिस आने लगी थी. पहली बार उसे देखते ही विकास के दिल में हलचल मच गई थी. उसे देखा तो देखता ही रह गया. वह उस की सहकर्मी थी.चेहरे पर मास्क लगा होने के बावजूद वह लंबे कद, चमकीले खुले बाल और सुडौल काया से गजब की खूबसूरत दिखती थी. पहली बार उसे जब देखा तो देखता ही रह गया. विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उस के सामने मौडल की तरह दिख रही खड़ी वही लड़की है, जिस से वह महीनों से फोन पर काम के सिलसिले में बातें किया करता था.

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