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सुबह के यही कोई 10 बजे पूना के थाना येरवड़ा के सीनियर इंसपेक्टर संजय पाटिल को पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि पूना नगर रोड पर स्थित घोरपड़ी एयर खराड़ी  गांव के पास तेल निकालने वाली मशीन के पीछे एक लाल रंग का बड़ा सा लावारिस बैग पड़ा है. बैग एकदम नया और काफी महंगा है. उस में ताला लगा है. बैग जहां पड़ा है, वह वहां रखा नहीं गया, बल्कि फेंका गया है. उस में लाश है या कोई गैरकानूनी सामान, यह बात खोलने पर ही पता चल सकती है.

मामला गंभीर था, इसलिए सीनियर इंसपेक्टर संजय पाटिल ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस अफसर से यह सूचना दर्ज कराई और तुरंत इस की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दे दी. इस के बाद वह सहायक इंसपेक्टर विलास सोडे़, असिस्टैंट पुलिस इंसपेक्टर चंद्रकांत जाधव, हेडकांस्टेबल राजाराम धोगरे, कांस्टेबल हरी मोरे, प्रदीप गोलार, तुषार अह्वाण और महेश मोहोल के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए.

चूंकि बैग लावारिश पड़ा था, इसलिए उस में बम होने की भी संभावना थी. इस संभावना को देखते हुए इंसपेक्टर संजय पाटिल ने बम निरोधक दस्ते को भी इस की सूचना दे दी. उन की इसी सूचना पर बम निरोधक दस्ते की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई.

बम निरोधक दस्ते ने जांच कर के बताया कि बैग में किसी तरह की विस्फोटक सामग्री नहीं है तो सीनियर इंसपेक्टर संजय पाटिल ने ताला तुड़वा कर बैग खुलवाया. बैग खोला गया तो पता चला कि उस में लाश रखी है. लाश किसी लड़की की थी, जिसे बड़ी बेरहमी से बैग में ठूंस कर रखा गया था. उन्होंने फोटोग्राफर से फोटो खिंचवा कर लाश बाहर निकलवाई.

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