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राजधानी दिल्ली के पूर्वी इलाके पांडव नगर में एक छोटा सा रामलीला मैदान है. साल 2022 की 5 जून को उसी मैदान में लाश के टुकड़े तब मिले थे, जब दिल्ली पुलिस उस इलाके में पैट्रोलिंग कर रही थी. इस दौरान झाडि़यों से बदबू आने पर पैट्रोलिंग टीम ने पांडव नगर थाने में जानकारी दी.

वे टुकड़े 2 सफेद पौलीथिन में थे. एक में पैर के घुटने का निचला हिस्सा, जबकि दूसरी में जांघ का हिस्सा था. पुलिस ने इन टुकड़ों को जांच के लिए फौरैंसिक टीम के हवाले कर दिया. अगले दिन फिर उसी रामलीला ग्राउंड और पास के जंगल में लाश के टुकड़े मिले. इस के बाद पुलिस चौकन्नी हो गई.

लगातार कई दिनों तक लाश के टुकड़े मिलते रहे, लेकिन उन्हें कौन फेंक रहा था? कोई उन्हें कब फेंका जाता था, पता नहीं चल पा रहा था. यहां तक कि पौलीथिन में बंद उन टुकड़ों की पहचान तक नहीं हो पा रही थी.

फोरैंसिक जांच में लाश के टुकड़ों से सिर्फ यही पता लग पाया कि यह 42-45 साल के व्यक्ति के हैं. फोरैंसिक टीम ने बताया कि ये इंसानी टुकड़े किसी पुरुष के हैं, लेकिन किस के, यह तो पता नहीं चला.

पुलिस ने उस की पहचान कराने के लिए आसपास के इलाके में लापता हुए लोगों की रिपोर्ट निकाली. उन्हें ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला, जो पांडव नगर या उस के आसपास के इलाके से लापता हो.

यहां तक कि पुलिस ने दूसरे थानों के अलावा एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद से ले कर गुड़गांव तक से जानकारी जुटाई. फिर भी उस की शिनाख्त नहीं हो पाई. उस के बाद पांडव नगर थाने की पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

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