एक शाम विनीता बाजार से घर वापस आई तो घर पर कोमल नहीं थी. विनीता को समझते देर नहीं लगी कि कोमल करन से मिलने गई होगी. परेशान विनीता घर में चहलकदमी कर ही रही थी कि उस का बेटा करन खटीक आ गया. उसे जब पता चला कि बहन घर पर नहीं है तो वह उसे ढूंढने निकल गया.
ढूंढतेढूंढते वह प्राइमरी स्कूल के पीछे पहुंचा. वहां उस ने कोमल को करन गोस्वामी से बातें करते देखा. बहन को दोस्त के साथ देख उस का खून खौल उठा. उस ने लपक कर करन गोस्वामी का गिरेबान पकड़ लिया और गालियां देते हुए बोला, ‘‘मादर… तेरी मां की… तेरी ये हिम्मत कि मेरी इज्जत पर हाथ डाले.’’
करन गोस्वामी बोला, ‘‘दोस्त, मैं कोमल से प्यार करता हूं और उस से शादी करना चाहता हूं.’’
‘‘दोस्त है, इसलिए आखिरी चेतावनी दे कर छोड़ रहा हूं. आइंदा फिर कभी इस से मिला तो मैं तुझे जिंदा ही जमीन में गाड़ दूंगा.’’ करन खटीक ने धमकाया.
इस के बाद वह बहन कोमल को घसीटता हुआ घर ले आया और मां से बोला, ‘‘संभालोे इसे, वरना ये जान से जाएगी.’’
भाई के इस व्यवहार से कोमल का मन बागी हो उठा. उस ने तय कर लिया कि वह करन के साथ ही ब्याह करेगी. उस की वजह से घर में तनाव रहने लगा. करन खटीक को लगा कि कहीं कोमल परिवार की बदनामी का कारण न बन जाए, इसलिए वह उस की शादी करने की सोचने लगा.
कोमल को जब पता चला कि उस के लिए रिश्ता तलाशा जा रहा है तो वह बागी हो गई.
अब कोमल की जिंदगी एकदम नीरस हो गई. कोमल की शादी के बारे में करन गोस्वामी को पता चला तो वह भी परेशान हो उठा. उस ने कोमल के भाई को फोन कर के कहा कि वह दोस्ती को रिश्ते में बदलना चाहता है.
तब करन खटीक ने उसे डांटते हुए कहा कि ऐसा हरगिज नहीं हो सकता. इस बारे में वह उसे आइंदा फोन न करे, वरना अच्छा नहीं होगा.
करन गोस्वामी ने अपने घर वालों को कोमल से शादी करने के लिए राजी कर लिया था, लेकिन कोमल के घर वाले नहीं मान रहे थे. कोमल का भाई व चाचा शादी का सख्त विरोध कर रहे थे. करन ने भी तय कर लिया था कि कुछ भी हो वह कोमल को नहीं भूल सकता.
इधर कोमल ने भी अपने घर वालों से साफ कह दिया था कि वह शादी करेगी तो करन से वरना कुंवारी ही रहेगी.
कोमल की इन बातों से विनीता सहम जाती. उसे डर सताने लगा कि कोमल ने यदि जान दे दी तो वह कहीं की नहीं रहेगी. अत: उस ने बेटी का विवाह उस के प्रेमी करन गोस्वामी के साथ करने का फैसला कर लिया. इस के लिए उस ने अपने बेटे करन खटीक को भी राजी कर लिया.
इस के बाद विनीता ने कोमल को विश्वास में ले कर कहा, ‘‘हम तेरी शादी अपनी बिरादरी में करना चाहते थे, पर तू इस के लिए तैयार नहीं है. तू करन गोस्वामी से शादी करना चाहती है न, हम तेरी खुशी के लिए तैयार हैं. हम ने तेरे भाई को भी राजी कर लिया है.’’
‘‘सच मां,’’ कह कर कोमल खुशी से उछल पड़ी. उस की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे. उस ने घर वालों के राजी होने की जानकारी अपने प्रेमी करन को दी तो वह भी खुशी से झूम उठा. इस के बाद वह शादी की तैयारी में जुट गया.
इधर विनीता बेटी का विवाह गैरजाति के लड़के से करने को राजी तो हो गई थी, लेकिन उस के लिए यह आसान न था. कारण उस के देवर दिलीप, सनी व रविंद्र खटीक इस शादी का घोर विरोध कर रहे थे. उन्हें यह बरदाश्त ही न था कि उन की भतीजी कोमल की शादी गैरजाति के युवक से हो.
विनीता को डर था कि परिवार के लोग बेटी की शादी में बाधा पहुंचा सकते हैं, अत: उस ने कोमल की शादी उस की ननिहाल से करने का फैसला किया.
विनीता का मायका उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के अलीगंज गांव में था. उस ने अपने भाइयों को सारी बात बताई और मदद मांगी. तब उस के भाई परिस्थिति को समझ कर कोमल की शादी अपने घर से करने को राजी हो गए. शादी की तारीख 20 अप्रैल, 2022 तय हुई.
एक सप्ताह पहले ही विनीता अपनी बेटी कोमल व बेटे करन खटीक के साथ अलीगंज पहुंच गई और शादी की तैयारी में जुट गई. 20 अप्रैल को करन गोस्वामी भी अपने भाई रौकी व मां पिंकी के साथ अलीगंज पहुंच गया. यहां देर रात कोमल की शादी करन गोस्वामी के साथ हो गई.
21 अप्रैल, 2022 को कोमल, करन गोस्वामी की दुलहन बन कर ससुराल आ गई. पुरोहिताना मोहल्ले में यह खबर जंगल में लगी आग की तरह फैल गई कि कोमल ने करन गोस्वामी से शादी कर ली है. इस से खटीक परिवार में गुस्सा फूट पड़ा. परिवार के लोग अपने को अपमानित महसूस करने लगे और वे करन खटीक व उस की मां विनीता को कोसने लगे.
करन खटीक भी अपने को लज्जित महसूस करने लगा था. मोहल्ले के लोग उस पर फब्तियां कसते तो वह तिलमिला उठता था. उस के चाचा सनी, दिलीप व रविंद्र भी उसे धिक्कार रहे थे और उकसा भी रहे थे. करन खटीक का अब घर से निकलना दूभर हो गया था. उस के मन में अब बहन व उस के प्रेमी पति के प्रति नफरत की आग सुलगने लगी थी.
इस नफरत की आग में घी डालने का काम किया करन गोस्वामी व उस के घर वालों ने. शाम होते ही करन कोमल के साथ छत पर पहुंच जाता और वहां बैठ कर कोल्डड्रिंक पीता, खूब हंसहंस कर बातें करता और करन खटीक को देख कर हंसीठिठोली करता. करन का भाई रौकी व मां पिंकी भी उस का साथ देते.