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5-5 सौ रुपए के लिए कानून को धता बताने वाले पुलिसकर्मी इतने बड़े औफर को भला कैसे ठुकरा देते. बद्दो के लिए पुलिस की गाड़ी मेरठ की ओर मुड़ गई.

वहां एक शानदार थ्री स्टार मुकुट महल होटल में बद्दो ने सभी पुलिसकर्मियों को छक कर उन का मनपसंद खाना खिलवाया और जम कर शराब पिलवाई. इतनी शराब कि सारे होश खो बैठे. उन्हें होटल में बेसुध छोड़ कर बदन सिंह बद्दो ऐसा फरार हुआ कि फिर आज तक किसी को नजर नहीं आया.

कहते हैं बद्दो को फरार करवाने की पूरी प्लानिंग उस के दोस्त सुशील मूंछ ने की और जेल से ले कर होटल तक सब को मैनेज किया. पूरा प्लान जेल के अंदर बद्दो तक पहुंचाया गया. इस प्लानिंग में होटल का मालिक और स्टाफ भी शामिल था.

होटल के बाहर पार्किंग में पहले से ही एक लग्जरी गाड़ी मय ड्राइवर खड़ी थी. पुलिसकर्मियों को दारू के नशे में धुत कर के बद्दो कब उस गाड़ी में बैठ कर मेरठ की सीमा लांघता हुआ विदेश पहुंच गया, कोई नहीं जानता.

मजे की बात तो यह है कि जिस दिन यह घटना घटी उस दिन मेरठ में हाई अलर्ट था, क्योंकि 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल से लगभग 18 किलोमीटर दूर टोल प्लाजा के पास एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. पुलिस डिपार्टमेंट और इंटेलिजेंस के लिए इस से शर्मनाक और क्या होगा.

देश भर की पुलिस इस खूंखार अपराधी को पकड़ने के लिए बीते 3 सालों से हाथपैर मार रही है, मगर उस की छाया तक कहीं नहीं मिल रही है. उस को पकड़ने के लिए इंटरपोल तक से मदद मांगी गई है. उस के सिर पर जिंदा या मुर्दा मिलने पर ढाई लाख रुपए का ईनाम घोषित है. मगर बद्दो किस बिल में जा छिपा है, कोई नहीं जानता.

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