निखिल शैलजा के प्यार में पागल हो चुका था. उस ने शैलजा को मनाने की कोशिश जारी रखी. उसे पता चला कि शैलजा अभी भी बेस अस्पताल जाती रहती हैं तो उस ने अपने बेटे को पेट दर्द की बात बता कर अस्पताल में भरती करा दिया. वह अस्पताल में शैलजा से मिलने की कोशिश करता रहता था.
उस की सनक को देखते हुए शैलजा ने उस से दूरी बना ली. बेटे की तीमारदारी के लिए निखिल ने अपनी पत्नी नलिनी को अस्पताल में छोड़ दिया था. 22 जून, 2018 को भी मेजर निखिल हांडा ने शैलजा से मिलने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने मना कर दिया तो वह विनती करने लगा कि आखिरी बार मिल लो. इस के बाद मैं परेशान नहीं करूंगा.
आखिर दीवानगी में बन गया हत्यारा
शैलजा मान गई और उन्होंने 23 जून को अस्पताल में मिलने के लिए कह दिया. निखिल अब एक दिलजला आशिक बन गया था. उस ने तय कर लिया था कि यदि इस बार भी शैलजा ने उस की बात नहीं मानी तो वह उसे जिंदा नहीं छोड़ेगा. इस के लिए उस ने सर्जिकल ब्लेड भी खरीद लिया था.
23 जून को सुबह करीब साढ़े 8 बजे निखिल ने शैलजा को फोन किया तो उस ने कह दिया कि वह कुछ देर में अस्पताल पहुंच रही है. रोजाना मेजर अमित ही औफिस जाते समय पत्नी को अस्पताल छोड़ देते थे लेकिन उस दिन शैलजा ने उन के साथ जाने से यह कह कर मना कर दिया कि वह आज अस्पताल देर से जाएगी. बाद में उस ने पति के सरकारी ड्राइवर को फोन कर के बुला लिया और ड्राइवर ने शैलजा को अस्पताल के गेट पर उतार दिया.