दशरथ समझ नहीं पा रहा था कि आखिर रीना कहां गई होगी? वह कुणाल के साथ जब भी कहीं जाती थी, तब उसे इस बारे में बता जरूर बता देती थी.
आखिरकार दशरथ पत्नी एक फोटो ले कर पावई थाने गया. उस ने एसएचओ राजेंद्र सिंह परिहार को पूरी बात बताई और पत्नी की गुमशुदगी दर्ज करवा दी. एसएचओ ने उसी वक्त से रीना की तलाश शुरू कर दी. मामला शादीशुदा महिला की गुमशुदगी का था, इसे देखते हुए पहले भदौरिया परिवार के सभी सदस्यों समेत रीना का मोबाइल नंबर ले कर उन की काल डिटेल्स निकलवाई.
काल डिटेल्स का अध्ययन करने के बाद पता चला कि रीना की बीते दिनों एक अनजान फोन नंबर पर अधिक समय तक बातचीत हुई. वह नंबर कुणाल पांडे का था. इस के बाद दशरथ समझ गया कि जरूर वह कुणाल के पास ही गई होगी.
यह जानकारी मिलते ही दशरथ आटो स्टैंड पर पहुंचा और वहां मौजूद आटो चालकों को जब रीना का फोटो दिखाया तो वहां मौजूद हरिओम नाम के ड्राइवर ने रीना को पहचान लिया. उस ने बताया कि वह महिला उस के आटो में बैठ कर बसस्टैंड तक गई थी, लेकिन वहां से वह कहां के लिए गई होगी, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है.
इस जानकारी के बाद दशरथ ने बस कंडक्टरों को रीना की फोटो दिखा कर पूछताछ की. उन्हीं में से ग्वालियर से बनमौर रूट पर चलने वाली एक बस के कंडक्टर ने बताया कि वह महिला बनमौर तक उस की बस में सवार हो कर गई थी.
दशरथ ने थाने जा कर एसएचओ को सारी बात बताई. पवई पुलिस ने बनमौर बसस्टैंड से संबंधित थाने को इस की सूचना और रीना का फोटो भेज कर वहां लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जानकारी मांगी. जल्द ही एक फुटेज में रीना एक बाइक पर सवार दिख गई, जिसे एक नवयुवक ले जाता दिखाई दिया.