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12 दिसंबर, 2017 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के थाना अशोका गार्डन में काफी भीड़भाड़ थी. धीरेधीरे यह भीड़ बढ़ती जा रही थी. लोग यह जानने के लिए उस भीड़ का हिस्सा बनते जा रहे थे कि आखिर यहां हो क्या रहा है? लोग उत्सुकता से एकदूसरे का मुंह भी ताक रहे थे कि यहां हो क्या रहा है? उधर से गुजरने वाला हर आदमी बिना ठिठके आगे नहीं बढ़ रहा था.

इस की वजह यह थी कि शायद माजरा उस की समझ में आ जाए. जब उन्हें सच्चाई का पता चला तो सभी के सभी हक्केबक्के रह गए. एक लड़की, जिस की उम्र 23-24 साल रही होगी, वह एक लड़के का गिरेबान पकड़ कर कह रही थी, ‘‘सर, इस ने मेरी जिंदगी बरबाद कर दी. इस ने मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा किया है.’’

इस के बाद उस लड़की ने थाना पुलिस को जो बताया, उस के अनुसार उस लड़के ने फरजी आईपीएस अधिकारी बन कर उसे शादी का झांसा दिया था. काफी समय तक वह उस की इज्जत को तारतार करते हुए उस के भरोसे से खेलता रहा. यही नहीं, शादी करने के नाम पर उस ने उस से लाखों रुपए भी लिए थे.

लड़की को जब लड़के की सच्चाई का पता चला तो उस ने फरार होने की कोशिश की, लेकिन लड़की ने घर वालों की मदद से उसे पकड़ लिया और थाने ले आई. हर मांबाप की यही ख्वाहिश होती है कि वह अपनी औलाद को पढ़ालिखा कर इस काबिल बना दे कि वह खूब तरक्की करे.

ऐसी ही ख्वाहिश याकूब मंसूरी की भी थी. वह अपनी बेटी जेबा को गेट की तैयारी करवा रहे थे. जबकि मुसलमानों में आमतौर पर यही माना जाता है कि लड़कियों को ज्यादा पढ़ालिखा कर उन से नौकरी थोड़ी ही करानी है. लेकिन याकूब मंसूरी की सोच इस के विपरीत थी. वह जेबा को पढ़ालिखा कर कुछ करने के लिए प्रेरित करने के साथसाथ हर तरह से उस की मदद भी कर रहे थे.

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