मुनव्वर ने सहारनपुर की एक हिंदू लड़की सोनिया से शादी की थी, जो धर्म बदल कर इशरत बन गई थी. इशरत और मुनव्वर की 2 बेटियां थीं आरजू और अर्शिता. साथ ही 2 बेटे भी आकिब और शाकिब. सभी बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे थे. घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी, करोड़ों की प्रौपर्टी अलग से.
यह अलग बात है कि उस पर जमीनों पर जबरन कब्जा करने, अपहरण, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म और आर्म्स एक्ट के करीब दरजन भर केस चल रहे थे. 19 जनवरी, 2017 को मुनव्वर को एक रेप केस में जेल जाना पड़ा. मुनव्वर के जेल जाने से इशरत और बच्चे परेशान रहने लगे. ऐसे समय में इस परिवार के काम आया मुनव्वर का दोस्त शाहिद उर्फ बंटी. वह उन लोगों की मदद भी करता था और मुनव्वर के केस की पैरवी भी.
इसी बीच बंटी ने सिनेमाघर में फिल्म ‘दृश्यम’ देखी, जिसे देख कर उस दिमाग घूम गया. उस ने अपने औफिस में बैठ कर इस फिल्म को 4-5 बार टीवी पर देखा और मुनव्वर के परिवार को मिटाने की फूलप्रूफ योजना बना डाली, ताकि उस की करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन सके.
शाहिद मेरठ का रहने वाला था, वहां उस के पिता का लोहे और स्टील के गेट बनाने का कारखाना था. उस ने मेरठ के ही 5 पेशेवर हत्यारों फिरोज, जुल्फिकार, जावेद, उस के भाई वाहिद और जसवंत को 3 लाख रुपए देने की बात कह कर हत्याएं करने के लिए तैयार किया. उन्हें योजना भी बता दी गई.
शाहिद का चूंकि मुनव्वर के घर आनाजाना था और वह इशरत को बहन मानता था, इसलिए उस के लिए यह काम मुश्किल नहीं था. 20 अप्रैल को मुनव्वर के बच्चों की परीक्षाएं खत्म हुईं.