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राजस्थान की राजधानी जयपुर (पश्चिम) में एक थाना है विश्वकर्मा. 5 जनवरी, 2023 को इसी थाने के एसएचओ रमेश सैनी अपने कार्यालय में बैठे थे. इंसपेक्टर रमेश सैनी कुछ फाइलों का अध्ययन कर रहे थे. तभी अर्दली ने आ कर सैल्यूट मारा और कहा, ‘‘सर, दीपक माहेश्वरी नामक बिजनेसमैन आप से मिलने आए हैं.’’

‘‘कहां हैं दीपकजी, उन्हें अंदर भेजो और चायपानी भी.’’ इंसपेक्टर रमेश सैनी ने अर्दली को आदेश दिया.

अर्दली सैल्यूट मार कर वापस मुड़ा और कार्यालय से बाहर जा कर बिजनेसमैन दीपक माहेश्वरी को ले आया.

एसएचओ रमेश सैनी ने सामने पड़ी कुरसी पर बैठने का इशारा किया और नमस्ते का जवाब दे कर कहा, ‘‘पधारिए दीपकजी. कहिए क्या बात है? आप के चेहरे से लग रहा है कि आप किसी परेशानी में हैं.’’

सुन कर दीपक कुरसी में जैसे धंस गए. वह बोले, ‘‘इंसपेक्टर साहब, मुझे कोई व्यक्ति ब्लैकमेल कर रहा है. वह करीब 26 लाख रुपए तो ऐंठ चुका है. अब फिर से 23 लाख रुपए की डिमांड कर रहा है. रुपए नहीं देने पर बदनाम करने की धमकी दे रहा है. मेरी समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं और क्या नहीं. मैं ने 2 बार उन की मांग यह सोच कर मान ली थी कि समाज में इज्जत चली जाएगी. अब लग रहा है कि ब्लैकमेलर मुझे जीते जी ऐसे ही झूठ के बल पर आए दिन ब्लैकमेल करते रहेंगे. आप मेरी रिपोर्ट दर्ज कर उन के खिलाफ काररवाई करें और उन ठगों से मुझे बचाएं.’’

‘‘आप मुझे विस्तार से बताएं कि मामला क्या है, तभी कुछ किया जा सकता है.’’ एसएचओ सैनी ने बिजनेसमैन दीपक को धैर्य बंधाया.

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