पंचकूला के ऐतिहासिक नगर पिंजौर की वकील सुमन कुमारी प्रैक्टिस करने के साथसाथ जज बनने की तैयारी भी कर रही थीं. इस के लिए वह चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित ज्यूरिस्ट एकेडमी से कोचिंग ले रही थीं. यह एकेडमी उन्होंने मई, 2017 में जौइन की थी. यहीं पर सुनीता और सुशीला नाम की युवतियां भी कोचिंग लेने आती थीं. सुशीला पंचकूला के सेक्टर-5 की रहने वाली थी, जबकि सुनीता चंडीगढ़ में ही रहती थी.

सुशीला और सुनीता पिछले कई सालों से सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रही थीं, लेकिन इन में से कोई भी नौकरी से संबंधित परीक्षा पास नहीं कर पा रही थी.

वैसे भी दोनों एवरेज स्टूडेंट की श्रेणी में आती थीं, कोचिंग सेंटर द्वारा लिए जाने वाले वीकली टेस्टों में दोनों के बहुत कम नंबर आते थे. इस के बावजूद इन का हौसला कभी पस्त नहीं हुआ था. दोनों अपने प्रयासों में निरंतर लगी हुई थीं. इन का सपना कोई बड़ी सरकारी नौकरी हासिल करना था.

रोजाना एक ही जगह आनेजाने की वजह से सुमन की इन लड़कियों से जानपहचान हो गई थी. तीनों ने अपने मोबाइल नंबर भी आपस में एक्सचेंज कर लिए थे. सुशीला वकील सुमन से ज्यादा मिक्सअप हो गई थी.

एकेडमी में कोचिंग कर रहे अन्य युवकयुवतियों की तरह ये तीनों भी अपनेअपने ढंग से तैयारी करते हुए सुनहरे भविष्य के सपने बुन रही थीं. वकील सुमन के साथ अब सुनीता और सुशीला का भी सपना जज की कुरसी पर बैठने का बन गया था.

हरियाणा की अदालतों में 109 जजों की नियुक्ति होनी थी. इस के लिए 20 मार्च, 2017 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न समाचारपत्रों में एक विज्ञापन छपवाया गया, जिस के हिसाब से 16 जुलाई, 2017 को प्रारंभिक परीक्षा होनी थी. वांछित औपचारिकताएं पूरी कर के हजारों आवेदकों के साथसाथ इन तीनों युवतियों ने भी इस परीक्षा के लिए आवेदन किया.

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