घरपरिवार से अलग स्वच्छंद जीवन जीने की इच्छुक लड़कियों का कमोबेश रश्मि जैसा ही हाल होता है. चिराग पटेल ने भले ही हत्या का अपराध किया, लेकिन उस की हत्या की भूमिका तभी बननी शुरू हो गई थी जब रश्मि ने जानबूझ कर शादीशुदा चिराग के साथ रिलेशनशिप में रहना शुरू किया था. काश! रश्मि ने अपने पिता परिवार...
60वर्षीय जयंतीभाई वनमाली कटारिया अपनी दोनों बेटियों तनु और रश्मि के साथ गुजरात के सूरत जिले के बारदोली कस्बे के रोहितफालिया इलाके में रहते थे. वह गांव के प्रतिष्ठित काश्तकार थे. परिवार संपन्न और इज्जतदार था. किसी चीज की कोई कमी नहीं थी. उन की ख्वाहिश थी कि वह अपनी दोनों बेटियों को उच्चशिक्षा दिलाएं ताकि वे पढ़लिख कर समाज और बिरादरी में अपना एक अलग स्थान बनाएं.
अपनी दोनों बेटियों के साथ वह बेटों जैसा व्यवहार करते थे. उन्होंने उन्हें अपनी तरफ से पूरी आजादी दे रखी थी. लेकिन जयंती भाई को यह पता नहीं था कि उन की आजादी एक दिन उन्हें बहुत भारी पड़ेगी. उन की बड़ी बेटी तो सरल स्वभाव की थी, लेकिन छोटी बेटी रश्मि काफी तेज और चंचल थी.
23 वर्षीय रश्मि कटारिया आधुनिक और ब्रौड माइंडेड युवती थी. वह जितनी शोख चंचल थी, उतनी ही सुंदर और स्मार्ट भी थी. फैशनपरस्त होने के साथसाथ वह पुराने दकियानूसी रस्मोरिवाजों को नहीं मानती थी. उस का कहना था कि जब तक खूबसूरती और जवानी है, एंजौय करो. शादीविवाह तो बंधन है, जिस की समय के साथ जरूरत पड़ती है. इसी वजह से रश्मि चिराग पटेल नाम के युवक के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रहती थी.