MP News : एनजीओ चलाने वाली संध्या सिंह ने अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी को पूरी तरह अपने जाल में फांस लिया था. जब उन्होंने उस से किनारा करने की कोशिश की तो संध्या ने तंत्रमंत्र के नाम पर ऐसी खूनी साजिश रची कि जज साहब और उन के बड़े बेटे को जान से हाथ धोना पड़ा. फिर...
मध्य प्रदेश का जिला बैतूल. बैतूल का जिला मुख्यालय कालापाठा. 27 जुलाई, 2020 को कालापाठा स्थित जज आवासीय कालोनी एक घर से रोनेधोने की चीखोपुकार से थर्रा उठी. रुदन ऐसा कि किसी का भी दिल दहल जाए. रोने की आवाजें बैतूल के जिला न्यायालय में पदस्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी के घर से आ रही थीं. लोग वहां पहुंचे तो पता चला महेंद्र त्रिपाठी और उन के जवान बेटे अभियान राज त्रिपाठी की अचानक मृत्यु हो गई थी. खबर सनसनीखेज थी. जरा सी देर कालोनी में रहने वाले तमाम जज और मजिस्ट्रैट वहां आ गए. सूचना मिली तो पुलिस अधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी जज साहब के घर पहुंच गए. यह खबर बड़ी तेजी से पूरे बैतूल में फैल गई.
जज साहब के परिवार में कुल 4 सदस्य थे. वह और उन की पत्नी भाग्य त्रिपाठी और 2 बेटे अभियान राज त्रिपाठी व आशीष राज त्रिपाठी. 4 में से अब 2 बचे थे पत्नी भाग्य त्रिपाठी और छोटा बेटा आशीष राज. पत्नी और बेटा महेंद्र त्रिपाठी और अभियान राज त्रिपाठी के शवों को देख बिलखबिलख कर रो रहे थे. महेंद्र त्रिपाठी व उन के बड़े बेटे के कफन में लिपटे शव देख कर उन की पत्नी की समझ नहीं आ रहा था कि अचानक उन की खुशियों को कौन सा ग्रहण लग गया कि देखते ही देखते हंसतीखेलती जिंदगी मातम में बदल गई.