Crime Stories : मुगलों के समय से चला आ रहा देह व्यापार थमा कभी नहीं. हां, वक्त और जरूरत के हिसाब से इस के रंगरूप और ठिकाने जरूर बदलते रहे. अब यह व्यापार ऐसा बन गया है, जिस की जड़ें हर शहर तक फैली हैं. कानपुर में…
एस एसपी अनंत देव तिवारी को पिछले कुछ दिनों से जानकारी मिल रही थी कि कानपुर शहर में कुछ फरजीपत्रकार सैक्स रैकेट का संचालन कर रहे हैं. इस देह व्यापार से मोटी कमाई होती है. यह भी पता चला कि पत्रकारिता की आड़ में ये लोग स्थानीय थाना और चौकी पुलिस पर भी रौब गांठते हैं. दिन में ये लोग पुलिस के साथ उठतेबैठते हैं और रात में देह व्यापार का धंधा चलाते हैं. पौश इलाकों में महंगा मकान या फ्लैट किराए पर ले कर ये लोग कालगर्लों को बुलाते हैं और उन की बुकिंग करते हैं. चूंकि उन का उठना बैठना पुलिस वालों के साथ होता है, इसलिए पासपड़ोस के लोग उन के गलत धंधों की जानकारी पुलिस को देने में कतराते हैं.
पत्रकारों को देश का चौथा स्तंभ माना जाता है. लेकिन कुछ कथित पत्रकार गलत कामधंधे कर गौरवपूर्ण पत्रकारिता को बदनाम करने पर तुले हुए थे. ऐसे कथित पत्रकारों के खिलाफ एसएसपी अनंत देव ने कड़ी कारवाई करने का निश्चय किया. इस के लिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई. इस बैठक में एसपी (पूर्वी) राजकुमार अग्रवाल, एसपी (साउथ) अपर्णा गुप्ता, एसपी (पश्चिम) डा. अनिल कुमार, सीओ (कलक्टरगंज) श्वेता सिंह यादव और सीओ (स्वरूप नगर) अजीत सिंह चौहान ने भाग लिया. एसएसपी अनंत देव ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी कि कानपुर शहर में देह व्यापार का धंधा फैल रहा है. इस धंधे का संचालन कुछ फरजी पत्रकार कर रहे हैं.
आप लोग इस बात को गंभीरता से ले कर मुखबिरों के जरिए पता लगाएं कि देह व्यापार का धंधा शहर के किन क्षेत्रों में हो रहा है. फरजी पत्रकार निर्बाध रूप से किस के संरक्षण में धंधा कर रहे हैं. एसएसपी साहब ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर स्थानीय थाना या चौकी पुलिस की संलिप्तता पाई जाए तो उन के खिलाफ भी काररवाई करें. फरजी पत्रकारों की गिरफ्तारी में कोई सफेदपोश नेता बाधा डाले तो उसे गिरफ्तार कर लें. जितना जल्दी हो सके सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ करें और फरजी पत्रकारों को गिरफ्तार कर लें. एसएसपी के आदेश पर एसपी (पूर्वी) राजकुमार अग्रवाल ने थाना नवाबगंज, कोहना, कर्नलगंज तथा स्वरूपनगर के थाना प्रभारियों से सख्त लहजे में कहा कि वे अपनेअपने थाना क्षेत्रों में खबरियों के जरिए पता लगाएं कि देह व्यापार का धंधा कहां चल रहा है.
उस का संचालक कौन है और कब से इस धंधे में लिप्त है. आदेश के मुताबिक सभी ने अपनेअपने क्षेत्र में मुखबिरों का जाल फैला दिया. इसी तरह एसपी (साउथ) अपर्णा गुप्ता ने भी थाना गोविंद नगर, नौबस्ता तथा बर्रा के थाना प्रभारियों के साथ मीटिंग की और क्षेत्र में चल रहे देह व्यापार के धंधे के संबंध में मुखबिरों के जरिए जानकारी जुटाने का आदेश दिया. आदेश पाते ही थाना प्रभारियों ने मुखबिरों को सतर्क किया और खुद भी पता लगाने में जुट गए. 28 मई, 2020 की शाम 5 बजे कोहना थानाप्रभारी प्रभुकांत क्षेत्रीय गश्त पर निकलने वाले थे, तभी उन के खास मुखबिर ने उन के कक्ष में प्रवेश किया. उस के चेहरे पर मुसकान थी, जिस से उन्हें समझते देर नहीं लगी कि वह कोई खास खबर लाया है. फिर भी उन्होंने पूछा, ‘‘कोई खास बात?’’
‘‘हां हुजूर, खास बात ही है. तभी तो आप के सामने हाजिर हुआ हूं.’’
‘‘तो फिर बताओ, क्या बात है?’’
‘‘हुजूर, आर्य नगर मोहल्ले के मकान नंबर 8/58 में देह व्यापार का धंधा फलफूल रहा है. रैकेट चलाने वाला कथित पत्रकार है मोहम्मद यूनुस. उस ने यह मकान किराए पर ले रखा है. विगत एक साल से वह इसी जगह धंधा चला रहा है.’’
मुखबिर की बात सुन कर थानाप्रभारी प्रभुकांत चौंके. उन्हें यह जान कर आश्चर्य हुआ कि उन के थाना क्षेत्र में एक साल से देहव्यापार का धंधा चल रहा और उन्हें कानोंकान खबर नहीं लगी. प्रभुकांत एसपी (पूर्वी) कार्यालय पहुंचे और मुखबिर की जानकारी से राजकुमार अग्रवाल को अवगत कराया. अग्रवाल ने सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए एक पुलिस टीम गठित की. इस टीम में सीओ (कलक्टरगंज) श्वेता सिंह यादव, सीओ (स्वरूप नगर) अजीत सिंह चौहान, प्रभारी निरीक्षक (नवाबगंज) रमाकांत पचौरी, प्रभारी निरीक्षक (स्वरूप नगर) अश्वनी पांडेय तथा प्रभारी निरीक्षक (कोहना) प्रभुकांत को शामिल किया गया.
29 मई, 2020 की रात 8 बजे गठित पुलिस टीम आर्यनगर स्थित मकान नंबर 8/58 पर पहुंची. सीओ श्वेता सिंह यादव ने दरवाजा खटखटाया तो एक अधेड़ व्यक्ति ने दरवाजा खोला. सामने पुलिस को देख वह घबरा गया. फिर अपने को संभालते हुए बोला, ‘‘सर, आप लोग… आने की वजह?’’
‘‘मुझे खबर मिली है कि इस मकान में देह व्यापार होता है. आप कौन?’’ श्वेता सिंह यादव ने पूछा.
‘‘मैडम, मेरा नाम मोहम्मद यूनुस है. मैं पत्रकार हूं. इस मकान में किराए पर रहता हूं. आप लोग गलतफहमी के शिकार हुए हैं.’’
इंसपेक्टर प्रभुकांत ने मोहम्मद यूनुस को हिरासत में ले लिया. फिर बोले, ‘‘गलतसही का पता जल्द ही चल जाएगा.’’
पुलिस टीम ने मकान के अंदर प्रवेश किया. घर के अंदर का नजारा बड़ा ही शर्मसार कर देने वाला था. 2 अलगअलग कमरों में युवक और युवतियां जिस्म की प्यास बुझा रहे थे. पुलिस को देख कर उन्होंने भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें अर्धनग्न अवस्था में ही दबोच लिया. सीओ (कलक्टरगंज) श्वेता यादव ने दोनों युवतियों को तथा सीओ (स्वरूप नगर) अजीत सिंह चौहान ने दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया. थानाप्रभारी रमाकांत पचौरी ने कमरों की तलाशी ली तो वहां से कई आपत्तिजनक चीजें बरामद हुईं. इन में कंडोम, कामोत्तेजना बढ़ाने वाले कैप्सूल तथा स्प्रे आदि थे. घर के बाहर एक अय्याश की कार भी खड़ी थी.
स्वरूपनगर थाना प्रभारी अश्वनी पांडेय ने उस कार को कब्जे में ले लिया. कथित पत्रकार मोहम्मद यूनुस से सीओ अजीत सिंह ने 36,100 रुपए भी बरामद किए. यह रुपया ग्राहकों से वसूला गया था. पुलिस ने इन रुपयों को कब्जे में ले लिया. रुपयों के अलावा पकड़े गए युवकयुवतियों के पास से 6 मोबाइल फोन भी बरामद हुए. मोबाइल फोन को पुलिस टीम ने अपने कब्जे मे ले लिया. सैक्स रैकेट संचालक कथित पत्रकार मोहम्मद यूनुस के पास से पुलिस टीम को एक प्रैस कार्ड बरामद हुआ. यह प्रैस कार्ड ‘दैनिक सहारा टुडे’ हिंदी समाचार पत्र का था. इस प्रैस कार्ड के संबंध में पुलिस टीम ने सहारा टुडे कार्यालय से जानकारी की तो पता चला कि कार्ड फरजी है. कानपुर में मोहम्मद यूनुस नाम का उन का कोई संवाददाता नहीं है.
यह बात पूरी तरह साफ हो चुकी थी कि मोहम्मद यूनुस फरजी पत्रकार है. पत्रकारिता की आड़ में वह देह व्यापार का धंधा कर रहा था. संचालक सहित पकड़े गए दोनों युवक व युवतियों, बरामद सामान तथा कार सहित सभी को थाना कोहना लाया गया. बरामद सामान और बरामद आपत्तिजनक वस्तुओं को पुलिस ने लिखापढ़ी कर सील कर दिया. कार थाना परिसर में खड़ी कर दी गई. अड्डे से बरामद 36,100 रुपए की भी लिखापढ़ी की गई. थानाप्रभारी प्रभुकांत ने फरजी पत्रकार के सैक्स रैकेट के पकड़े जाने की जानकारी एसपी (पूर्वी) राजकुमार अग्रवाल को दी तो वह थाना कोहना आ गए और पूछताछ की. पकड़े गए युवकों में से एक ने अपना नाम मोहम्मद यूनुस निवासी कर्नलगंज (कानपुर शहर) बताया. दूसरे युवक ने अपना नाम विशाल तथा तीसरे ने गौरव बताया. ये दोनों औरैया के रहने वाले थे.
पकड़ी गई युवतियों में से एक ने अपना नाम रेहाना निवासी कर्नलगंज तथा दूसरी ने अपना नाम रिंकी निवासी बजरिया (कानपुर शहर) बताया. इन में मोहम्मद यूनुस संचालक था. चूंकि पुलिस टीम द्वारा सभी रंगेहाथ पकड़े गए थे, अत: सीओ (कलक्टरगंज) श्वेता सिंह यादव ने स्वयं वादी बन कर देह व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा 3, 4, 5, 6 के तहत मोहम्मद यूनुस, गौरव, विशाल, रेहाना तथा रिंकी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करा दी. सभी को विधिसम्मत बंदी बना लिया गया. चूंकि देह व्यापार संचालक मोहम्मद यूनुस के पास से फरजी प्रैस कार्ड बरामद हुआ था. अत: पुलिस ने उस के विरुद्ध 420 आईपीसी के तहत एक अन्य मुकदमा दर्ज किया.
इधर एसपी (साउथ) अपर्णा गुप्ता को मुखबिर के जरिए पता चला कि बर्रा थाना क्षेत्र के मेहरबान सिंह पुरवा में अतुल के मकान में ‘न्यूज पोर्टल’ की आड़ में सैक्स का धंधा चल रहा है. इस जानकारी पर उन्होंने बर्रा पुलिस तथा सीओ (गोविंद नगर) मनोज कुमार गुप्ता के सहयोग से उक्त मकान पर छापा मारा और 4 युवक तथा 2 युवतियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए चारों युवक खुद को पत्रकार बता रहे थे, जबकि युवतियां आगरा से बुलाई गई थीं. मकान के अंदर से आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई. युवकयुवतियों के पास से 8 मोबाइल फोन मिले थे. जिन्हें पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया. सभी को थाना बर्रा लाया गया. बरामद सामान तथा मोबाइल फोन को साक्ष्य के तौर पर सुरक्षित कर लिया गया.
पूछताछ में पकड़े गए युवकों में से एक ने अपना नाम मंगल प्रसाद पासवान निवासी नई बस्ती नौबस्ता कानपुर, दूसरे ने अपना नाम विमलेश तिवारी निवासी बर्रा-8 कानपुर, तीसरे ने अपना नाम मुन्ना सिंह निवासी दादा नगर कानपुर और चौथे ने अपना नाम नीरेंद्र सिंह निवासी हंसपुरम, नौबस्ता कानपुर बताया. पकड़ी गई 2 कालगर्ल रीना कश्यप व पिंकी जाटव थी. दोनों आगरा की रहने वाली थीं. ये 3 दिन पहले ही बुकिंग पर आई थीं. पकड़े गये युवकों के पास से 2 प्रैस आईडी कार्ड बरामद हुए. एक ‘भारत एक्सप्रैस न्यूज चैनल’ का था, जिस में मुन्ना सिंह चौहान को हैड स्टेट दर्शाया गया था. दूसरा प्रैस कार्ड भी इसी चैनल का था, जिस में विमलेश तिवारी को मंडल प्रभारी दर्शाया गया था. पुलिस ने जब इन प्रैस कार्डों की जानकारी जुटाई तो पता चला कि वे फरजी थे. मतलब पकड़े गए सभी फरजी पत्रकार थे और न्यूज पोर्टल की आड़ में वह सब सैक्स रैकेट चला रहे थे.
एसपी (साउथ) अपर्णा गुप्ता ने जब पकड़े गए युवकों से पूछताछ की तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे फरजी पत्रकार हैं और न्यूज पोर्टल की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा करते थे. संचालक मंगल प्रसाद पासवान ने बताया कि उस ने अतुल कुमार का मकान न्यूज चैनल का औफिस बनाने के नाम पर 15000 रुपए मासिक किराए पर लिया था. उस के सहयोगी मुन्ना सिंह, विमलेश तिवारी तथा नीरेंद्र सिंह ग्राहक खोजते थे. इस के एवज में उन्हें कमीशन दिया जाता था. मंगल प्रसाद ने बताया कि फेसबुक पर फेक आईडी बना कर वह लोगों को जोड़ता था. फिर नंबरों का आदानप्रदान कर के डील करता था. यह डील ढाई हजार से 10 हजार रुपए तक में होती थी. इस में कालगर्ल के आनेजाने का खर्च भी जोड़ा जाता था.
डिमांड पर युवतियोें को बाहर से भी बुलाते थे. पूरी रात 10 हजार में बुक करते थे. पिछले 8 महीने से वे इस मकान में देह व्यापार करा रहे थे. पकड़ी गई रीना कश्यप व पिंकी जाटव को डिमांड पर आगरा से बुलाया गया था. चूंकि सभी आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया था, अत: सीओ मनोज कुमार गुप्ता ने स्वयं वादी बन कर बर्रा थाने में धारा 3, 4, 5, 6, 7, 8 (देह व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा) के तहत मंगल प्रसाद पासवान, मुन्ना सिंह चौहान, विमलेश तिवारी, नीरेंद्र सिंह, पिंकी जाटव तथा रीना कश्यप के विरुद्व रिपोर्ट दर्ज करा दी. फिर उन्हें विधि सम्मत गिरफ्तार कर लिया गया. चूंकि युवकों के पास से फरजी प्रैस कार्ड बरामद हुए थे, अत: उन के विरुद्व धारा 420 आईपीसी के तहत एक अन्य मुकदमा दर्ज किया गया.
पकड़ी गई युवतियों ने इस धंधे में आने की अपनी अलगअलग मजबूरी बताई. रीना कश्यप ने बताया कि वह मूलरूप से फिरोजाबाद की रहने वाली है. 3 भाईबहनों में वह सब से बड़ी थी. उस के पिता दयाराम कश्यप कांच फैक्ट्री में काम करते थे, जहां मामूली वेतन मिलता था. बड़ी मुश्किल से परिवार का भरणपोषण होता था. जब वह सयानी हुई तो उस के पिता को उस के ब्याह की चिंता सताने लगी. लेकिन गरीबी की वजह से उस का ब्याह न हो सका. कुछ समय बाद एक खास रिश्तेदार के माध्यम से उस का विवाह किनारी बाजार (आगरा) निवासी राजेश कश्यप के साथ हो गया. राजेश एक कपड़े की दुकान पर काम करता था. वह आगरा की बाह तहसील का रहने वाला था. कुछ समय वह गांव में रही, उस के बाद पति के साथ आगरा शहर मे रहने लगी.
उस का पति राजेश उसे बेहद प्यार करता था और उस की हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश करता था. शादी के कई साल तक उस की कोख सूनी रही. उस के बाद उस ने एक बेटे को जन्म दिया. जिस का नाम सूरज था. सूरज हम दोनों की आंखों का तारा था. राजेश उस का बर्थडे बड़े धूमधाम से मनाता था. बर्थडे पर वह अपने यारदोस्तों को भी बुलाता था. सब कुछ हंसीखुशी से चल रहा था. पर कुदरत को यह खुशी अच्छी नहीं लगी. सूरज एक रोज बीमार हुआ तो राजेश उसे चैकअप कराने डाक्टर के पास ले गया. डाक्टर ने चैकअप के बाद सूरज को दिल की बीमारी बताई. इलाज थोड़ा महंगा था, पर राजेश ने हिम्मत नहीं हारी. धीरेधीरे इलाज में जमापूंजी खर्च हो गई और 50 हजार का कर्ज भी हो गया. इस कर्ज को चुकाने के लिए राजेश परेशान रहने लगा.
पति को परेशान देख मैं ने भी नौकरी करने का निश्चय किया. मैं ने कई जगह कोशिश की, लेकिन नौकरी नहीं मिली. सौंदर्य प्रसाधन की एक दुकान पर नौकरी मिली भी, लेकिन मालिक की नीयत खराब थी. एक रोज एकांत में उस ने छेड़खानी की तो मैं ने नौकरी छोड़ दी. एक माह का वेतन लेने भी नहीं गई. उन्हीं दिनों उस की मुलाकात एक खूबसूरत महिला से हुई. वह सब्जी मंडी के पास रहती थी. मैं ने उसे अपनी व्यथा बताई तो वह खिलखिला कर हंसी फिर बोली, ‘‘कभी मैं भी तुम्हारी तरह परेशान थी. लेकिन अब मैं ऐसी जौब कर रही हूं जिस में काम कम और दाम अधिक है. अब मैं खुश हूं. मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नही है.’’
‘‘आप ऐसा कौन सा जौब करती हैं, जिस में कम समय में अधिक दाम मिलता है?‘‘रीना कश्यप ने पूछा.
‘‘मैं तन बेचने का जौब करती हूं. घंटे भर में हजार 2 हजार कमा लेती हूं.’’
‘‘यानी देह व्यापार का धंधा.‘‘रीना ने विस्मय से पूछा.
‘‘हां, देह व्यापार. तुम भी खूबसूरत हो, जवान हो. चाहो तो मेरे साथ यह धंधा कर के अपनी सारी परेशानियां दूर कर सकती हो.’’
उस रोज मैं रात भर परेशान रही और उस महिला की बातों पर विचार करती रही. आखिर मैं ने भी परेशानी दूर करने के लिए देह व्यापार का धंधा करने का निश्चय कर लिया. उस के बाद मैं ने उस महिला से संपर्क किया. फिर उस के साथ जिस्म बेचने लगी. शुरुआत में मुझे झिझक हुई, फिर अभ्यस्त हो गई. आगरा की कई कालगर्ल सरगनाओं से मेरे संबंध बन गए. वे डिमांड पर मुझे आगरा के अलावा दूसरे शहरों में भी भेजने लगी. 3 दिन पहले मैं पिंकी के साथ कानपुर आई थी, यहां पुलिस छापे में पकड़ी गई. पिंकी जाटव ने पूछताछ में बताया कि वह आगरा में जमुना किनारे स्थित कच्ची बस्ती की रहने वाली है. उस के पिता राजाराम जाटव जूता बनाने का काम करते हैं.
5 भाईबहनों में वह सब से छोटी है. जब वह 14 साल की थी, तभी मां की मौत हो गई थी. उसे सैरसपाटा करने तथा अच्छा खानेपहनने का शौक था. बाप की कमाई से घर का खर्च ही चल पाता था. उस के अपने शौक थे, जो पूरे नहीं हो पाते थे. पैसा मांगने पर पिताजी डांटतेफटकारते थे और आवारा कहते थे. पर उस पर जवानी का रंग चढ़ने लगा था. मन करता था कि कोई बांहों में ले कर प्यार का इजहार करे. उस के खर्चे उठाए और उसे घुमाने ले जाए. वह खूबसूरत तो थी ही, उस ने नैनों के बाण चलाने शुरू किए तो कई युवक घायल हो गए. वह उन के साथ मौजमस्ती करने लगी, शौक व खर्चे पूरे होने लगे. इन्हीं प्रेमियों में एक था राजन.
राजन गीता कालोनी में रहता था और उस पर जान छिड़कता था. वह भी उसे मन ही मन चाहती थी. एक रोज राजन उसे होटल में ले गया. वहां उस ने उस के शरीर को भोगा और 5 सौ रुपए दिए. इस के बाद उसे अपने दोस्तों को भी परोसने लगा. मैं समझ गई कि राजन का प्यार दिखावा है. वह केवल उस के शरीर से प्यार करता हैं. उसे यह जान कर आश्चर्य हुआ कि राजन उस की देह की दलाली भी करने लगा है. दोस्त उसे जो पैसा देते हैं, उस का आधा वह खुद रख लेता है. यह देख उस ने निश्चय किया कि जब शरीर ही बेचना है, तो राजन का साथ क्यों पकड़े. इस के बाद वह खुल कर देह व्यापार करने लगी. उस ने आगरा के कुख्यात कालगर्ल सरगनाओं से तार जोड़ लिए और आगरा के अलावा अन्य बड़े शहरों में जाने लगी. कम उम्र की थी, सो डिमांड अधिक होती थी.
कानपुर में वह 5 दिन के लिए 30 हजार रुपए में आई थी. लेकिन तीसरे रोज ही पुलिस छापे में पकड़ी गई. फरजी पत्रकार मोहम्मद यूनुस के आर्य नगर के अड्डे से पकड़ी गई रेहाना घरेलू महिला थी. वह कर्नलगंज में अपने शौहर के साथ रहती थी. उस का शौहर शराबी और औरतखोर था, जो कमाता था सब खर्च कर देता था. रेहाना कुछ कहती तो उसे बेरहमी से पीटता था. आजिज आ कर उस ने शौहर का साथ छोड़ दिया और अलग रहने लगी. कुछ समय बाद वह मोहम्मद यूनुस के संपर्क में आ गई. उस ने रेहाना पर डोरे डालने शुरू किए तो वह उस के जाल में फंस गई. बाद में मोहम्मद यूनुस ने उसे देह धंधे में उतार दिया. घटना वाली रात जब पुलिस का छापा पड़ा, तब वह ग्राहक के साथ हमबिस्तर थी ग्राहक के साथ वह भी पकड़ी गई.
रिंकी बजरिया की रहने वाली थी. जब वह 5 साल की थी, तभी उस की मां की मौत हो गई थी. मां की मौत के बाद पिता लक्ष्मण ने दूसरी शादी कर ली थी. सौतेली मां ने आते ही उस पर कहर बरपाना शुरू कर दिया. वह दिन भर उस से घर का काम करवाती, फिर भी शाम को बाप के घर आते ही वह उस पर कामचोर का आरोप लगा देती. बाप भी उसे मारतापीटता और खरीखोटी सुनाता. आजिज आ कर वह मौसी के घर सीसामऊ चली गई. लेकिन दुर्भाग्य ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा. एक रोज अधेड़ मौसा ने उसे जबरदस्ती हवस का शिकार बना डाला और जुबान बंद रखने की धमकी दी. परेशान हो कर उस ने मौसा का घर छोड़ दिया और अपने घर आ गई.
अब वह नौकरी कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी. एक दिन नौकरी की तलाश में घर से निकली तो नगर निगम के गेट पर एक समाजसेवी महिला से मुलाकात हो गई. वह उसे अपने घर ले गई. उस ने उस की खूब आवभगत की. बाद में पता चला कि महिला समाजसेवी नहीं, बल्कि सैक्स वर्कर है. उस ने उस क ी परेशानियों का फायदा उठा कर उसे भी देह के धंधे में धकेल दिया. तब से वह उसी के घर में रहती है. उस ने उसे पूरा संरक्षण दे रखा है. उसी के मार्फत वह घटना वाली रात मोहम्मद यूनुस के अड्डे पर पहुंची थी. वह ग्राहक के साथ कमरे में हमबिस्तर थी, तभी पुलिस का छापा पड़ा और वह पकड़ी गई.
पुलिस द्वारा पकड़ा गया अय्याश विशाल औरैया का रहने वाला था. वह टायर व्यवसाई था. अपनी कार से वह कानपुर शहर आया था. उसे गड़रियन पुरवा में टायर खरीदने थे. सौदा ठीक से नहीं पटा तो उस का मूड खराब हो गया. मूड ठीक करने के लिए विशाल ने सैक्स रैकेट संचालक मोहम्मद यूनुस को फोन किया. विशाल उस का पुराना ग्राहक था और पहले भी 2 बार अड्डे पर जा चुका था. सौदा पटते ही विशाल अपने दोस्त गौरव के साथ अड्डे पर पहुंच गया. गौरव विशाल का दोस्त था और वह औरैया से उस के साथ ही आया था. गौरव और विशाल अलगअलग कमरों में कालगर्ल्स के साथ मौजमस्ती कर रहे थे तभी पुलिस का छापा पड़ा और वे दोनों भी पकड़े गए.
सैक्स रैकेट संचालक मोहम्मद यूनुस बड़ा शातिर दिमाग था. उस की अपने घरवालों से नहीं पटती थी. शुरू में उस ने कई छोटेमोटे धंधे किए, पर कमाई नहीं हुई. मोहम्मद यूनुस महत्त्वाकांक्षी था. वह कम समय में लखपति बनना चाहता था. इस के लिए उस ने सैक्स का धंधा चुना. पर इस में पुलिस का भय था. इस भय को कम करने के लिए उस ने पत्रकारिता का लबादा ओढ़ा. उस का एक मित्र अखलाक था. उस ने उसी की मार्फत एक दैनिक समाचार पत्र का प्रैस कार्ड बनवा लिया. फरजी प्रैस कार्ड के माध्यम से मोहम्मद यूनुस पुलिस के संपर्क में रहने लगा. शहर में जहां भी सैक्स रैकेट पकड़ा जाता, वह वहां पहुंच जाता और पूछताछ के बहाने कालगर्ल और सरगना से मिलता. इस तरह संपर्क बढ़ा कर वह खुद सैक्स रैकेट चलाने लगा.
उस ने एक साल पहले आर्यनगर में यह मकान 10 हजार रुपए प्रति महीने के किराए पर लिया और पत्रकारिता की आड़ में देह व्यापार करने लगा. उस का भांडा तब फूटा जब पासपड़ोस वालों ने उस की शिकायत गुप्तरूप से एसएसपी से कर दी. एसएसपी ने जांच का आदेश दिया तो वह फंस गया और पकड़ा गया. थाना कोहना तथा थाना बर्रा पुलिस ने सभी आरोपियों को कानपुर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जिला जेल भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित