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ऐसा नहीं था कि करण सिंह की स्थिति  साइकिल दिलाने की नहीं थी, लेकिन वह यह सोच कर उसे साइकिल नहीं दिला रहे थे कि कहीं उन के लाडले को चोट न लग जाए.

लेकिन 7 जनवरी को जब उन के पड़ोसी और दूर के रिश्ते में आशीष के चाचा लगने वाले अवधेश ने जब उसे साइकिल दिलाने की बात कही तो आशू के मन में लालच आ गया.

बहन से कुछ देर बात करने के बाद आशू अपने घर से निकल गया. इस के बाद वह घर वापस नहीं लौटा. घर वालों ने आशू को इधरउधर ढूंढा, लेकिन उस का कोई पता नहीं चल सका. मोहल्ले के लोग भी उन के साथ बच्चे को ढूंढने में मदद करने लगे. जब वह नहीं मिला, तो करण सिंह अपने रिश्तेदार अवधेश के साथ थाना स्वरूपनगर पहुंच गए और आशू के गायब होने की बात थानाप्रभारी को बता दी.

थानाप्रभारी ने कोई लापरवाही न बरतते हुए उसी समय अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया और बच्चे के ढूंढने की काररवाई शुरू कर दी. बच्चे के गायब होने के 2 दिन बाद भी करण सिंह के पास फिरौती की कोई काल नहीं आई तो पुलिस को यही लगा कि किसी ने दुश्मनी में बच्चे का अपहरण किया है.

गली में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने पर पुलिस को पता लगा कि आशू अवधेश के घर के पास देखा गया था. उस के बाद उस की फुटेज नहीं दिखाई दी. तब पुलिस ने उस गली के 50 से ज्यादा घरों में तलाशी अभियान चलाया.

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