Best Hindi Stories : आस्टे्रलिया की रहने वाली जेसिका बेल और अमेलिया लासेटर की मुलाकात तब हुई थी जब दोनों वहां की एडिथ कोवन यूनिवर्सिटी में आर्ट्स एंड विजुअल फोटो की पढ़ाई कर रही थीं. दोनों के शौक भी एक जैसे थे और सोच भी. दोनों डिज्नी चैनल देखने की शौकीन थीं. एक जैसी सोच और विचारों की वजह से दोनों में दोस्ती हो गई. उसी दौरान जेसिका की अंडर वाटर फोटोग्राफी में रूचि बढ़ी. दोनों ने बचपन में राजकुमारी और जलपरियों की कहानियां सुनी थीं, जिन से प्रभावित भी थीं सो दोनों ने जलपरी बन कर समुद्र के जल में तैरने का फैसला किया. जल्दी ही दोनों की यह इच्छा जुनून बन गई.
इस के लिए जेसिका और अमेलिया ने एक लाख रुपए में सिलिकौन से बनी मछली जैसी पूंछ बनवाई. अब दोनों आस्ट्रेलिया के समुद्र में शार्क और कछुओं के साथ तैरती नजर आती हैं. बच्चे इन्हें समुद्र में तैरते देख सचमुच की जलपरी समझते हैं. जेसिका बताती हैं कि जब वह छोटी थी तो मां समुद्र किनारे ले जाती थी. वहां वह पानी से खेलती रहती थी. जलपरी बनने के सपने ने तभी जन्म लिया. जेसिका और अमेलिया शादी समारोहों और अन्य मौकों पर जलपरी बन कर इक्वेरियम में भी तैरती हैं. बच्चे उन्हें देख कर बहुत खुश होते हैं. रवि होंगले पेशे से फोटोग्राफर हैं. एक पत्रिका के लिए रिपोर्टिंग भी करते हैं और फोटोग्राफी भी. 49 साल के रवि पिछले 33 सालों से फोटोग्राफी कर रहे हैं. यानि जब 16 साल के थे तभी फोटोग्राफी शुरू कर दी थी. धीरेधीरे फोटोग्राफी उन का जुनून बन गई.
जुनून भी ऐसा कि जब मन में ‘हाउस औफ ड्रीम’ का विचार आया तब भी फोटोग्राफी और कैमरा ही दिलोदिमाग में घूम रहा था. काफी सोचा, माथापच्ची की, पत्नी से विचारविमर्श हुआ और अंतत: इस नतीजे पर पहुंचे कि घर ऐसा हो जिसे देखते ही लगे किसी फोटोग्राफर का घर है. इस मुद्दे पर इंजीनियरों और वास्तुकारों से 2 सालों तक मंथन चला. अंतत: वह लोग अपने हुनर को रवि होंगले के सपने से जोड़ने में सफल हो गए. सोच विचार और मंथन में भले ही 2 साल लगे लेकिन रवि का घर 2 महीने में बन गया. वह भी उन की इच्छानुसार, जिसे देख कर कोई भी कह सके किसी जुनूनी फोटोग्राफर का घर है. 3 मंजिल के इस घर की लागत आई 71 लाख, 63 हजार, 48 रुपए. घर का नाम रखा ‘क्लिक.’
रवि के 3 बेटे हैं. एक 20 साल का है, कैनन. दूसरा निकोन 18 साल का और तीसरा इप्शन 13 साल का. मतलब तीनों के नाम विश्व प्रसिद्ध कैमरों के नाम पर हैं. तीनों के अलगअलग कमरों की नक्काशी भी फोटोग्राफी पर आधारित है. मकान की रेलिंग कैमरे की रील की तरह बनाई गई हैं. मुख्य द्वार को भी कैमरे की तरह बनाया गया है. एक लैंस, उस के ऊपर एक बड़ी सी फ्लैश, फिर शो रील और मैमोरी कार्ड सा लुक. साथ ही दरवाजा कैमरे के शटर जैसा. रवि का घर आजकल इंटरनेट पर चर्चओं में है. वह कहते हैं, मैं ने तो ड्रीम हाउस बनाया था. यह सोचा भी नहीं था कि दुनियाभर में चर्चा में आ जाएगा.