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उस की बाईं आंख काली पट्टी से ढकी हुई थी. लेकिन निक वेलवेट को इस बात पर यकीन नहीं था कि उस की एक आंख नहीं है. शायद  उस ने वह पट्टी अपनी शख्सियत को रहस्यमय बनाने के लिए बांध रखी थी. वह औसत कद, आकर्षक शरीर का अधेड़ उम्र का आदमी था. उस का माथा ऊंचा और बाल भूरे थे. वह शेरों के पिंजरे के पास खड़ा लापरवाही से च्युंगम चबा रहा था. निक उस के पास जा कर खड़ा हो गया और पिंजरे में बंद शेर की ओर देखने लगा.

चंद पलों तक दोनों में से कोई नहीं बोला. आखिरकार निक को ही पहल करनी पड़ी, ‘‘मिस्टर नारमन आज सुबह हमारी फोन पर बात हुई थी.’’

नारमन ने हां में सिर हिलाया और निक की ओर देखे बिना बोला, ‘‘मिस्टर वेलवेट, तुम 5 मिनट देर से पहुंचे.’’

‘‘सौरी, मैं ट्रैफिक जाम में फंस गया था.’’

‘‘कोई बात नहीं, मैं बोर नहीं हुआ. जानते हो मैं ने तुम्हें शेरों के पिंजरे के पास मिलने के लिए क्यों कहा था?’’

निक इनकार में सिर हिलाते हुए बोला, ‘‘अगर तुम शेरों का जोड़ा चोरी करवाने के बारे में सोच रहे तो बात खत्म समझो. मैं कीमती चीजें चोरी नहीं करता.’’

‘‘मुझे मालूम है, असल में शेर मेरा आइडियल जानवर है. शेरों को देख कर मेरे अंदर हिम्मत और हौसला पैदा होता है.’’

‘‘हम यहां कुछ और बात करने के लिए मिले हैं.’’ निक ने उसे याद दिलाया.

‘‘ठीक है, हम मुद्दे की बात करते हैं. मैं तुम से एक कागज का टुकड़ा चोरी करवाना चाहता हूं.’’

निक को आश्चर्य नहीं हुआ. क्योंकि वह इस से भी साधारण चीजें चोरी कर चुका था. फिरभी उस ने बात को और साफ करने के लिए पूछा, ‘‘किस तरह का कागज? मेरा मतलब कोई डाक्युमेंट, वसीयतनामा या कानूनी कागज?’’

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