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सचमुच मौसम ठीक नहीं था. स्लेड अपने दोस्त डा. मैथ्यू को कार तक पहुंचाने आया तो देखा जोरों से बारिश हो रही थी. हवा भी बड़ी तीखी चल रही थी. ठंड से उस की देह कांप उठी थी.

‘‘लगता है, रात को बर्फ गिरेगी.’’ कार स्टार्ट करते हुए डा. मैथ्यू ने कहा. इस के बाद नमस्कार कर के वह चला.

मौसम बेहद खराब था. मगर स्लेड को वह तूफानी रात बहुत अच्छी लग रही थी. वह बहुत खुश था. क्योंकि उस तूफानी रात में अगर बर्फ गिरती है तो कोई बाहर नहीं निकलेगा. ऐसे में स्पेल्डिंग की लाश ठिकाने लगाने में उसे आसानी रहेगी.

बैठक में आ कर स्लेड ने घड़ी पर निगाह डाली. अभी उस के पास पूरे एक घंटे का समय था. इस बीच वह अपनी योजना पर कायदे से सोचविचार सकता था.  उसे ज्वार (समुद्र के पानी चढ़ने) आने के समय की पक्की सूचना थी. कल सुबह ज्वार आने वाला था. यह भी कितना अच्छा था. आज रात को वह स्पेल्डिंग को मार कर समुद्र में फेंक देगा तो सुबह ज्वार उस की लाश को बहा ले जाएगा. आज बुधवार है, आधी रात की टे्रन से स्पेल्डिंग आएगा और उसी समय…

उस ने बैठक का दरवाजा खोला, बाहर की आहट ली. कोई आवाज नहीं आ रही थी. उस की मकान मालकिन डंबलटन सोने चली गई थीं. वैसे भी उन्हें कहां सुनाई देता था. उसे स्लेड के जाने का पता ही नहीं चलेगा. जब स्लेड स्पेल्डिंग की हत्या कर के लौटेगा, तब भी उसे कुछ नहीं पता चल पाएगा.

स्लेड को लगा, घड़ी की सुइयां अब तेज चल रही हैं. उस के दिल की धड़कन तेज हो गई. उस ने लोहे की जंजीर और लोहे का वजनदार टुकड़ा कार की पिछली सीट पर रख कर अपने ओवरकोट से ढक दिया था.

अपनी मेज की दराज से स्लेड ने एक रस्सी का टुकड़ा निकाला, जो 18 इंच लंबा था. उस के दोनों सिरों पर 6-6 इंच लंबे लकड़ी के टुकड़े बंधे थे. रस्सी के बीच में एक गांठ लगी थी. उस ने सभी गांठों की जांच कर के रस्सी जेब में रख ली. उसे उस रस्सी के बारे में वे बातें याद आ गईं, जिन्हें उस ने एक किताब में पढ़ा था. वह किताब भारत के ठगों की कार्यप्रणाली पर थी. भारतीय ठग इसी तरह रूमाल या रस्सी में लगी गांठ से अपने शिकार का गला घोंट कर लूट लेते थे.

स्पेल्डिंग भी वकील था. स्लेड के खिलाफ वह एक ट्रस्ट का मुकदमा जीत गया था. इस के अलावा उस ने स्लेड की कुछ जालसाजियां भी पकड़ ली थीं. उसी के बल पर वह स्लेड को जेल भिजवा सकता था. यही नहीं, बार एसोसिएशन से उस का रजिस्ट्रेशन रद्द करवा कर उसे बदनाम और बेकार कर सकता था. इसीलिए स्लेड ने स्पेल्डिंग को खत्म करने की योजना बनाई थी.

स्लेड ने एक बार फिर घड़ी पर नजर डाली. घर से निकलने का समय हो गया था. उस ने बत्तियां बुझा दीं और दबे पांव चल कर मकान के बाहर आ गया. बड़ी सतर्कता से बिना कोई आवाज किए उस ने दरवाजा बंद किया.

हवा बहुत तेज थी. अब तक बर्फ गिरने लगी थी. लेकिन स्लेड को उस की कोई परवाह नहीं थी. क्योंकि उस समय उस के मन में उस से भी भयंकर और तेज आंधी चल रही थी. उस ने हाथों से कार को धकेल कर गैराज से बाहर निकाला. गैराज को धीरे से बंद कर के ताला लगा दिया. सड़क पर काफी दूर ले जा कर उस ने कार स्टार्ट की. सड़क बिलकुल सुनसान थी. स्ट्रीट लाइट बर्फ की वजह से मद्धिम हो गई थीं.

वह पुल पर पहुंचा. वहां से उसे रेलवे स्टेशन की रोशनी दिखाई दे रही थी. साढ़े 12 बजे वाली गाड़ी से स्पेल्डिंग को आना था. हर बुधवार को वह 60 किलोमीटर दूर अपने औफिस की ब्रांच में जाता था. वहां से वह रात साढ़े 12 बजे की गाड़ी से वापस आता था.

स्लेड स्पेल्डिंग के रास्ते में कार की बत्तियां बुझा कर उस के आने का इंतजार करने लगा. ट्रेन कुछ लेट थी. लगभग 15 मिनट बाद स्लेड को ट्रेन की लाइट नजर आई और फिर टे्रन धड़धड़ाती हुई स्टेशन पर आ कर खड़ी हो गई.

स्लेड ने स्टेशन की ओर ताका. यात्री निकलने लगे. स्पेल्डिंग के पास गाड़ी नहीं थी. अभी वह नया वकील था. उस की आमदनी ज्यादा नहीं थी. वह टैक्सी का खर्च भी बरदाश्त नहीं कर सकता था. स्लेड ने देखा, स्पेल्डिंग पैदल ही चला आ रहा था. तेज हवा की वजह से उस ने सिर झुका रखा था. वह अंधेरे में खड़ी स्लेड की कार को नहीं देख सका और आगे निकल गया.

कार में बैठे स्लेड ने कार स्टार्ट कर के बत्तियां जलाईं. वह शिकार के पीछेपीछे चल पड़ा. सामने सड़क पर चल रहा स्पेल्डिंग कार की लाइट में दिखाई दे रहा था. कार बगल में पहुंची तो उस ने खिड़की से सिर निकाल कर पूछा, ‘‘क्या आप मेरी कार से चलना चाहेंगे?’’

‘‘बहुत बहुत शुक्रिया. आज मौसम बहुत खराब है. 2 किलोमीटर चलना भी मुश्किल लग रहा है.’’

‘‘तो फिर आ जाइए.’’ कार रोक कर स्लेड ने कहा.

स्पेल्डिंग ने अंदर आ कर दरवाजा बंद कर लिया. स्लेड ने कार आगे बढ़ा दी.

‘‘संयोग से तुम्हारे ऊपर नजर पड़ गई. मैं मिसेज क्ले के घर गया था. लौटते हुए मुझे ट्रेन के आने की आवाज सुनाई दी तो तुम्हारी याद आ गई. मैं ने सोचा आज बुधवार है. तुम घर लौट रहे होगे.’’

‘‘बहुत बहुत शुक्रिया, स्लेड साहब.’’ स्पेल्डिंग ने कहा.

धीरेधीरे कार चलाते हुए स्लेड ने मतलब की बात पर आते हुए कहा, ‘‘सही बात तो यह है कि मैं ने यह काम बिना मतलब नहीं किया है. मैं तुम से मतलब की एक बात करना चाहता हूं.’’

‘‘यह समय मतलब की बात करने का नहीं है. आप उसे कल कीजिएगा.’’

‘‘नहीं, यह बात मिसेज क्ले के ट्रस्ट से संबंधित है.’’

‘‘मैं ने पिछले हफ्ते कोर्ट से आदेश भिजवा दिया था.’’

‘‘हां, वह तो मिला था. मगर मैं ने तो तुम से कहा था कि मेरे मुवक्किल के लिए यह परेशानी की बात है. उस का पति आजकल बाहर है.’’

‘‘मेरे खयाल से परेशानी की कोई बात नहीं है. उस के पति को इस सब से क्या लेनादेना? आप मिसेज क्ले से कह कर जल्दी से मामला निपटवा दीजिए.’’

स्पेल्डिंग के इतना कहते ही स्लेड ने कार सड़क के किनारे रोक दी और स्पेल्डिंग को घूरते हुए कहा, ‘‘देखो स्पेल्डिंग, मैं ने कभी तुम्हारा कोई एहसान लेने की जरूरत नहीं समझी. कुछ समय तक के लिए तुम वह आदेश रुकवा दो, सिर्फ 3 महीने के लिए.’’

crime thriller कहानी के अगले भाग में पढ़िए, कैसे एक लाश ने लिया प्रतिशोध…

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