परदेश में कोई अपने शहर का मिल जाए तो सगा सा लगने लगता है. हनीमून पर गोवा गए अनुज और सोनम जब महेंद्र सागर और कामिनी से मिले तो उन्हें भी ऐसा ही लगा. लेकिन वे दोनों उन के सगे नहीं दुश्मन निकले, जान के दुश्मन.
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