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अलबत्ता विनीत को यह जरूर पता थी कि गोवा पुलिस महेंद्र और कामिनी की तलाश में है. वह चूंकि कई मामलों में महेंद्र का साथ दे चुका था अत: उसे खुद के फंसने का भी डर था. वह चंद्रप्रकाश और उन के साथियों को इस शर्त पर महेंद्र और कामिनी का पता बताने को तैयार हो गया कि वे लोग उस के बारे में न तो पुलिस को बताएंगे और न उसे कुछ कहेंगे.

चंद्रप्रकाश का निशाना सागर दंपति थे न कि विनीत. अत: चंद्रप्रकाश ने उस की यह शर्त स्वीकार कर ली. विनीत ने उन्हें बताया कि महेंद्र और कामिनी मेरठ में किराए के एक मकान में रह रहे हैं. उस ने उन का पता भी बता दिया.

यह जानकारी मिलने के बाद चंद्रप्रकाश अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों को साथ ले कर मेरठ पहुंचे. उन के साथ 1-2 लोग महेंद्र और कामिनी को पहचानने वाले भी थे. मेरठ पहुंच कर ये लोग एसपी सिटी से मिले. चंद्रप्रकाश ने एसपी सिटी को पूरी बात बता कर महेंद्र और कामिनी का पता दे दिया.

एसपी सिटी ने तुरंत काररवाई करते हुए पुलिस की एक छापामार पार्टी महेंद्र सागर के घर भेज दी. फलस्वरूप महेंद्र और कामिनी पुलिस के हत्थे चढ़ गए. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. महेंद्र के घर की तलाशी लेने पर पुलिस को गोवा में कत्ल की गई सोनम का पर्स, 2 सलवारसूट और गोवा से छपने वाले अखबार टाइम्स वीकेंडर के एक अंक की 2 प्रतियां भी मिलीं.

अखबार की इन प्रतियों में पतिपत्नी दोनों के फोटो और इन्हें पकड़वाने वाले को 20 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा छपी थी. बरामद सामान सहित पुलिस दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर के एसएसपी औफिस ले गई. जहां उन से विस्तार से पूछताछ की गई.

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