उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के थाना बहादराबाद क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी बी.के. आचार्य को जब किसी ने फोन कर के बताया कि थाना बहादराबाद की धनौरी रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के पास स्थित शिवदासपुर तेलीवाला गांव के 17 वर्षीय तनवीर का अपहरण हो गया है तो उन्होंने फोन करने वाले पूछा, ‘‘अपहर्त्ताओं का फिरौती के लिए कोई फोन आया या नहीं?’’

‘‘नहीं सर, तनवीर के घर वाले फिरौती देने लायक ही नहीं हैं. उस का अपहरण फिरौती के लिए नहीं, रंजिश की वजह से किया गया है. गांव के ही कुरबान, जमशेद और शमशेर की तनवीर के घर वालों की पुरानी दुश्मनी है. लोगों का कहना है कि उन्हीं लोगों ने तनवीर का अपहरण किया है.’’ फोन करने वाले ने कहा.

‘‘तनवीर के घर वालों ने उस के अपहरण की सूचना थाना पुलिस को दी है या नहीं?’’ क्षेत्राधिकारी ने पूछा.

‘‘नहीं सर, तनवीर के घर वालों ने अभी तो पुलिस को उस के अपहरण की सूचना नहीं दी है. तनवीर की मां इमराना अपने एक रिश्तेदार इश्तिखार उर्फ तारी के साथ उस की सैंट्रो कार से तनवीर की तलाश कर रही है. लेकिन अभी तक उस का कुछ पता नहीं चला है. सर आप ही तनवीर को सकुशल बरामद कराने के लिए कुछ करें.’’ फोन करने वाले ने कहा.

‘‘आप को कैसे पता चला कि तनवीर का अपहरण हुआ है? जब तक अपहर्त्ताओं का फोन न आए, तब तक हम कैसे कह सकते हैं कि उस का अपहरण हुआ है? अच्छा यह बताओ, तुम कौन बोल रहे हो?’’ क्षेत्राधिकारी ने पूछा.

‘‘सर, एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं ने आप को यह सूचना दे दी, बाकी आप को क्या करना है, यह आप जानें. मेरे बारे में जान कर आप क्या करेंगे?’’ कह कर फोन करने वाले ने फोन काट दिया. यह 22 फरवरी, 2014 की दोपहर के 2 बजे के आसपास की बात है.

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