अक्तूबर के दूसरे सप्ताह से इंदौर में 3 दिनों के लिए ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट का आयोजन था. इस आयोजन में करीब 2500 देसी विदेशी उद्योगपति, व्यवसाई आने थे. मीट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना था. इस की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही थी. हर उस रास्ते को सजाया गया था, जहांजहां से मेहमानों का आवागमन होने वाला था. आईजी पुलिस से ले कर सिपाही तक समयसमय पर रातदिन इन रास्तों पर गश्त करते रहते थे.
23 सितंबर को दिन के 10 बजे एरोड्रम थानाप्रभारी कन्हैयालाल दांगी इसी सिलसिले में क्षेत्र की गश्त पर थे. सुपर कारिडोर से गुजरते समय उन्होंने सर्विस रोड पर भीड़ देखी तो फौरन अपनी जीप भीड़ के पास ले गए. वहां एक 40 वर्षीय व्यक्ति का शव पड़ा था. पास ही एक बाइक भी पड़ी थी. आधा शव घास पर था तो पैरों की ओर वाला आधा हिस्सा वही गिरी पड़ी बाइक पर था. ऐसा लग रहा था जैसे दुर्घटना हुई हो.
कन्हैयालाल ने थाना एरोड्रम फोन कर के कुछ सिपाही बुला लिए. साथ ही फोरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिस के बड़े अधिकारियों को भी सूचित कर दिया.
घटनास्थल पर आ कर लाश देखने के बाद फोरेंसिंक एक्सपर्ट ने बताया कि मृतक की मौत दुर्घटना से नहीं हुई है. लाश को घसीटने के भी निशान नहीं थे. अलबत्ता मृतक के शरीर पर चोट के निशान जरूर थे. लाश को इस तरह रख कर यह दर्शाने की कोशिश की गई थी, जैसे मृतक दुर्घटना में मरा हो. जबकि हकीकत में उस की हत्या की गई थी. मृतक के कपड़ों की तलाशी में ऐसी एक भी चीज नहीं मिली, जिस से पता चल पाता कि वह कौन था.