कमरे में 7 वर्षीय बेटी शिल्पी खून से लथपथ पड़ी थी, उस के गले से खून बह रहा था. सुशीला घबराई हुई दूसरे कमरे की ओर दौड़ी, वहां का दृश्य भी ठीक वैसा ही था. इस कमरे में सब से छोटी 5 वर्षीय बेटी रोशनी का भी गला कटा हुआ था. उस के गले से भी खून बह रहा था.

खून से लथपथ बच्चियों के शव देखते ही घर में कोहराम मच गया. घर में 2 लाशें देख कर सुशीला और उस की बड़ी बेटी अंजलि दोनों दहाड़ें मार कर रोने लगीं. चीखने चिल्लाने की आवाज सुन कर पड़ोसी भी आ गए. जिस ने भी यह नजारा देखा, वह डर से सहम गया.

इसी बीच सूचना मिलने पर पिता जयवीर सिंह पाल भी बाजार से वापस लौट आए थे. घर में दोनों छोटी बेटियों की हत्या हो जाने से वह जमीन पर माथा पकड़ कर बैठ गए. दिनदहाड़े घर में 2 मासूम बच्चियों की हत्या हो जाने से गांव में सनसनी फैल गई. यह बात 8 अक्तूबर, 2023 शाम की है.

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                मृतक बच्चियां रोशनी और शिल्पी

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के गांव बहादुरपुर का निवासी है जयवीर सिंह पाल. वह खेतीकिसानी व पशुपालन कर अपने परिवार का पालनपोषण करता था. उस के 4 बेटे और 3 बेटियां थीं. बेटियों में सब से बड़ी 19 वर्षीय अंजलि और बेटा कन्हैया के अलावा 7 वर्षीय शिल्पी उर्फ सुरभि व 5 वर्षीय रोशनी थी.

दोपहर में मां सुशीला व पिता जयवीर खेत पर काम करने चले गए थे. 2 बेटे खेत पर बकरी चराने गए थे. जबकि नंदकिशोर 2 छोटे बेटे घर के बाहर गांव के बच्चों के साथ खेल रहे थे. घर पर अंजलि व उस की दोनों छोटी बहनें शिल्पी व रोशनी थीं.

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