उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर में एक गांव है बनकट, जो थाना बेलघाट के क्षेत्र में आता है. पश्चिम बंगाल में कोयले की खदान में काम करने वाला रामसिधारे अपने परिवार के साथ बनकट गांव में रहता था.

रामसिधारे के परिवार में पिता वंशराज के अलावा 3 बेटियां और एक बेटा था. उस की पत्नी विमला की करीब 5 साल पहले मृत्यु हो गई थी. उस ने अपनी बड़ी बेटी माधुरी की शादी पत्नी की मौत के कुछ दिनों बाद पड़ोस के गांव बरपरवा बाबू के रहने वाले जितेंद्र के साथ कर दी थी. रामसिधारे के कंधों पर 3 बच्चों की जिम्मेदारी बची थी.

चूंकि रामसिधारे पश्चिम बंगाल में रहता था, इसलिए बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उस के पिता वंशराज के ऊपर थी. वह ही उन की परवरिश कर रहे थे. रामसिधारे के घर पर न रहने के बावजूद तीनों बच्चे ठीक पढ़ रहे थे. बेटा अरुण और बेटी साधना हाईस्कूल में थे और मंझली बेटी पूजा स्नातक पास कर चुकी थी. घर में रह कर वह कंपीटिशन की तैयारी कर रही थी.

बीच बीच में रामसिधारे बच्चों की कुशलक्षेम लेने घर आता रहता था, ताकि बच्चों को मां की कमी न खले. कुछ दिन बच्चों के बीच बिता कर वह फिर नौकरी पर लौट जाता था. पिता के प्यार और दुलार से बच्चों को कभी मां की कमी नहीं खली थी.

31 जनवरी, 2019 की बात है. रात 10 बजे घर के सभी लोगों ने साथ बैठ कर खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए. बच्चों के दादा वंशराज दालान में सो रहे थे, जबकि पूजा, साधना और अरुण अलगअलग कमरों में सो रहे थे.

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