Crime Story : प्रविंद्र ने अपने चचेरे भाई अनुज को अपने यहां इसलिए रख लिया था कि परदेस में रह कर अनुज के चार पैसे बच जाएंगे. लेकिन अनुज ने आस्तीन का सांप बन कर प्रङ्क्षवद्र की ही 22 वर्षीय पत्नी सरिता को अपने प्रेम जाल में फांस लिया. प्रङ्क्षवद्र ने जब इस का विरोध किया तो...

22 वर्षीया सरिता खूबसूरत, गोरीचिट्टी व छरहरी काया की हसीना थी. उस के नैननक्श भी काफी तीखे थे. उस के चेहरे में कुछ ऐसा जादू था कि जो भी उसे एक बार देख लेता था, बस उसी में ही खो सा जाता था. 10 साल पहले जब सरिता प्रविंद्र की दुलहन बन कर आई थी तो प्रविंद्र का चचेरा भाई अनुज उसे देखता ही रह गया था.

अनुज उस वक्त एक इंस्टीट्यूट से इलैक्ट्रिकल ट्रेड में आईटीआई कर रहा था. उस समय उस की उम्र 18 साल थी. वैसे तो सरिता की शादी प्रविंद्र से हो गई थी, मगर अकसर अनुज भी हर दूसरेतीसरे दिन प्रविंद्र के घर में किसी न किसी बहाने से आताजाता रहता था. वह सरिता पर डोरे डाल रहा था. इसी तरह से जब कई महीने हो गए तो सरिता भी अनुज के मन में चल रही बात को भांप गई.

एक दिन सरिता ने अकेले में अनुज से पूछ ही लिया, ''देवरजी, आजकल तुम कहां खोए से रहते हो?’’ सरिता की इतनी बात सुन कर अनुज समझ गया था कि सरिता भी उस की ओर आाकर्षित होने लगी है. उस वक्त तो वह अपने दिल की बात सरिता से कह नहीं पाया, वह सिर्फ इतना बोला, ''कहीं नहीं भाभी.’’ मगर वह अपने दिल की बात सरिता से कहने के लिए अच्छे वक्त का इंतजार करने लगा था.

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