UP Crime News : सीमा की हरकतों से तंग आ कर पति ने ही नहीं, पालनेपोसने वाले दादादादी ने भी साथ रखने से मना कर दिया था. इस के बाद उसे सहारा दिया सौतेले पिता गुलाब खान ने. लेकिन वह उन की भी न हो सकी और उस ने जो किया, आज सलाखों के पीछे है. मामला एक रिटायर्ड अग्निशमन कर्मचारी गुलाब खान की बेरहमी से हत्या का था, इसलिए सूचना मिलते ही संबंधित थाना जगदीशपुरा के थानाप्रभारी अजयपाल सिंह के अलावा अन्य कई थानों की पुलिस के साथ एसएसपी शलभ माथुर, एसपी (सिटी) समीर सौरभ, एएसपी शैलेश कुमार पांडेय भी घटनास्थल पर आ गए थे.
शव के निरीक्षण से पता चला कि पहले सिर पर किसी भारी चीज से मार कर बेहोश किया गया था, उस के बाद गले में रस्सी लपेट कर गला घोंट दिया गया था. गुलाब खान की मौत गला घोंटने से हुई थी या सिर पर गंभीर चोट लगने से, यह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकता था. जिस मकान में हत्या की गई थी, वह उन का अपना मकान था, लेकिन उसे देख कर ही लग रहा था कि उस मकान में कोई रहता नहीं था. फर्श पर जमी धूल से साफ लग रहा था कि वहां महीनों से कोई नहीं आया था. इस बात ने पुलिस वालों को यह सोचने को मजबूर कर दिया था कि उस दिन गुलाब खान इस मकान में क्या करने आए थे?
मकान में 2 दरवाजे थे, एक दरवाजा बगल में बनी मसजिद के बराबर में खुलता था, जबकि दूसरा दरवाजा एक ऐसी सुनसान गली में खुलता था, जिस का उपयोग महिलाएं सिर्फ दैनिक क्रिया से निवृत्त होने के लिए करती थीं. निरीक्षण में एसएसपी शलभ माथुर ने देखा कि उस दिन मकान का सुनसान गली की ओर खुलने वाला दरवाजा खोला गया था. क्योंकि फर्श पर जमी धूल में उस ओर 3-4 तरह के जूतों के आनेजाने के निशान साफ दिखाई दे रहे थे. निशान भी ताजे थे, जिन में जूतों की तल्ले की डिजाइन तक साफ नजर आ रही थी. पूछताछ में पता चला कि मृतक गुलाब खान बेर का नगला में काफी सालों से रह रहे थे. उन के 2 छोटे भाई भी वहीं पास में ही रहते थे. मोहल्ले में उन के 2 मकान थे.