Punjab Crime News: गैस एजेंसी के कामों में व्यस्त रहने की वजह से राजिंद्र कौर बेटी इंद्रराज कौर को पैसे तो उस के मनमाफिक देती थीं लेकिन संस्कार नहीं दे सकीं. इस से बेटी के कदम बहक गए. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि इंद्रराज कौर अपनी ही मां का खून कर बैठी?

दीदार सिंह औजला भारतीय सेना में थे और 1971 के भारतपाक युद्ध में देश के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे. देश के लिए दी गई बहादुरी भरी शहादत के पुरस्कार स्वरूप केंद्र सरकार ने उन के परिवार को एक गैस एजेंसी अलौट कर दी थी, जो इस समय अमृतसर शहर में दीदार गैस एजेंसी के नाम से जानी जाती है. इस गैस एजेंसी को वर्षों से दीदार सिंह की विधवा राजिंद्र कौर चला रही थीं. राजिंद्र कौर की 2 संतानें थीं, एक बेटा और एक बेटी. बेटे का नाम तेजिंद्र सिंह जबकि बेटी का इंद्रराज कौर उर्फ विक्की. उम्र में काफी बड़े हो चुके तेजिंद्र सिंह और इंद्रराज कौर दोनों ही अभी तक अविवाहित थे.

दरअसल गैस एजेंसी के कामों में व्यस्त रहने की वजह से राजिंद्र कौर स्वयं और बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती थीं. जब बच्चे मांबाप के दिशानिर्देश और साए से महरूम रहते हैं तो उन में कई खामियां पैदा हो जाती हैं. राजिंद्र कौर अपने बच्चों में बढ़ती विसंगतियों पर कोई खास ध्यान नहीं दे पाईं. समय रहते शादी न होने की वजह से राजिंद्र कौर की बेटी इंद्रराज कौर के चालचलन पर भी असर पड़ा. जिस्म की वासनाजन्य नैसर्गिक भूख के कारण इंद्रराज कौर के कदम बहकने लगे. इतना ही नहीं अपनी मां के प्रति उस के तेवर भी बगावती होने लगे.

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