Crime Story: 2 बच्चों की मां बनने के बाद दिव्या की सोच में बदलाव आया और वह पति की जगह चचेरे देवर को पसंद करने लगी. दोनों के बीच अनैतिक संबंध भी बन गए. जब यह बात उस के पति राजेश को पता चली तो घर में कलह रहने लगी. किसे पता था कि यह कलह एक मौत की आहट है.
सुबहसुबह बहू के रोने की आवाज सुन कर अजय वर्मा का माथा ठनका. वह मन ही मन सोचने लगे कि ऐसी कौन सी आफत आ गई कि बहू छाती पीटपीट कर रो रही है. वजह जानने के लिए वह तेज कदमों से उस के कमरे की तरफ बढ़े. कमरे का दरवाजा भिड़ा हुआ था, जो दस्तक देने पर खुल गया. ससुर को सामने देख कर दिव्या और जोरों से चीखने लगी, ‘‘मैं तो लुट गई, बरबाद हो गई. अब मैं कहां जाऊंगी, मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा?’’
‘‘बहू आखिर हुआ क्या, यह तो बताओ?’’ अजय वर्मा ने दिव्या से पूछा.
‘‘पिताजी, ये मेरा साथ छोड़ गए.’’ वह रोते हुए बोली.
बेटे के मरने की बात सुनते ही अजय वर्मा को धक्का सा लगा, वह बोले, ‘‘यह तू क्या कह रही है, ऐसा कैसे हो गया? कल रात भलाचंगा था, उसे कोई बीमारी भी नहीं थी.’’
‘‘पता नहीं, यह सब कैसे हुआ? रात में इन्होंने शराब पी, फिर खाना खा कर सो गए. सुबह देखा तो यह इस हालत में मिले. मुझे तो लग रहा है, ज्यादा शराब पीने से इन की मौत हो गई.’’ बहू रोते हुए बोली.
जवान बेटे की लाश देख कर अजय वर्मा भी रोने लगे. लेकिन उन की समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक यह सब कैसे हो गया. जरा सी देर में पूरे मोहल्ले में राजेश की मौत की खबर फैल गई. तमाम लोग अजय वर्मा के घर पहुंच गए. वहां पर जितने मुंह, उतनी तरह की बातें हो रही थीं. इसी बीच किसी ने थाना उमरदा में फोन कर के खबर दे दी कि उमरदा में ही राजेश की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई है. यह बात 13 अगस्त, 2015 की थी. सुबह 8 बजे के करीब जब उमरदा थाने के थानाप्रभारी श्रीप्रकाश यादव को यह खबर मिली, तब रिमझिम बारिश हो रही थी. फिर भी जल्दी से वह अपने अधीनस्थों के साथ राजेश के घर की तरफ रवाना हो गए.
जब वह उस के घर पहुंचे तो उस की पत्नी दिव्या पति की लाश से लिपट कर विलाप कर रही थी. पुलिस को देख कर वह और ज्यादा जोर से रोने लगी. थानाप्रभारी की आंखें ताड़ गईं कि यह जानबूझ कर लोगों को दिखाने के लिए जरूरत से ज्यादा रोनेधोने का नाटक कर रही है. थानाप्रभारी ने कमरे में तख्त पर पड़ी राजेश की लाश का मुआयना किया तो उस के शरीर पर कोई जख्म नहीं था. हां, गले को ध्यान से देखने पर गरदन के चारों तरफ रगड़ के निशान जरूर नजर आए. ऐसा लग रहा था, जैसे उस की हत्या गला घोंट कर की गई थी. मुंह से झाग भी निकला हुआ था. जिस से जहर देने की आशंका हो रही थी.
कमरे में शराब की 2 खाली बोतलें पड़ी थीं. थानाप्रभारी ने राजेश के पिता अजय वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि कल रात राजेश ठीकठाक था, पता नहीं रात को उस के साथ यह क्या हो गया? इस के बाद उन्होंने दिव्या से बात की तो उस ने भी यही बात बताई. उस समय मामला गमगीन था, इसलिए उन्होंने उन लोगों से बहुत ज्यादा बात नहीं की और घटनास्थल की औपचारिकताएं पूरी कर के लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी. मृतक के पिता अजय वर्मा ने श्रीप्रकाश यादव को बताया कि अजय की मौत शराब पीने से नहीं हुई, बल्कि उस की किसी ने हत्या की है. मृतक के पिता अजय वर्मा की तहरीर पर उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया.
इस मामले की जांच श्रीप्रकाश यादव ने खुद अपने हाथों में ली. उन्हें लगा कि जब हत्या उसी के कमरे में हुई है तो यह काम कोई बाहर वाला तब तक नहीं कर सकता, जब तक घर का कोई व्यक्ति इस में शामिल न रहा हो. राजेश और उस के घर वालों के बारे में और ज्यादा जानकारी लेने के लिए वह उस के पड़ोसियों से मिले. उन से उन्हें महत्त्वपूर्ण जानकारी यह मिली कि राजेश की पत्नी दिव्या के अवैधसंबंध उस के घर के सामने रहने वाले चचेरे देवर रवि वर्मा के साथ थे.
यह जानकारी मिलने के बाद श्रीप्रकाश अजय वर्मा के घर पहुंचे. वहां दिव्या का रोनाधोना अभी भी जारी था. पुलिस को देख कर उस ने और जोरजोर से रोना शुरू कर दिया. उन्होंने उसे सांत्वना दे कर चुप कराया. उस के शांत होने के बाद उन्होंने उस से पूछा, ‘‘अब बताओ कि रात में क्या हुआ था, क्या तुम अपने पति के हत्यारे के बारे में कुछ जानती हो?’’
‘‘साहब, रात को वह 10 बजे घर आए थे. उस समय नशे में चूर होने के बाद भी उन्होंने घर में बैठ कर शराब पी, फिर खाना खाया. उन्हें खाना खिलाने के बाद मैं दूसरे कमरे में जा कर बच्चों के साथ सो गई. सुबह जब मैं उन के कमरे में गई तो वह तख्त पर मृत पड़े थे. उन की मौत कैसे हुई, मैं नहीं जानती.’’
श्रीप्रकाश को दिव्या की बात पर जरा भी विश्वास नहीं हुआ. उन्हें लगा कि वह आसानी से सही बात नहीं बताएगी. इसलिए वह दिव्या को थाने ले आए. अब तक पुलिस के पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि राजेश की मौत गला कसने से हुई थी. जहर की आशंका को देखते हुए उस का बिसरा सुरक्षित कर लिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ने के बाद श्रीप्रकाश यादव ने दिव्या से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गई. उस ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उस ने पति की हत्या की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार निकली.
उत्तर प्रदेश के जनपद कन्नौज के इंदरगढ़ थाने के अंतर्गत एक गांव पड़ता है असैनी. रामस्वरूप वर्मा इसी गांव में अपने परिवार के साथ रहता था. उस के परिवार में पत्नी रजनी के अलावा 3 बेटे व 2 बेटियां थीं. दिव्या उसी की छोटी बेटी थी. रामस्वरूप वर्मा अपनी बड़ी बेटी का विवाह करने के बाद दिव्या के लिए भी लड़का देखने लगे. इसी भागदौड़ में एक रिश्तेदार ने उन्हें राजेश वर्मा के बारे में बताया. राजेश कन्नौज जनपद मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित उमरदा कस्बे के अजय वर्मा का बेटा था.
अजय वर्मा के 2 ही बच्चे थे. एक बेटी और एक बेटा. बेटी का वह विवाह कर चुके थे. राजेश टैंपो चलाता था. वह उस की शादी कर के निश्चित होना चाहते थे. इसलिए जब दिव्या का रिश्ता राजेश के लिए आया तो अजय वर्मा ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया. जल्दी ही दोनों की शादी हो गई. दिव्या से शादी कर के राजेश खुश था, पर दिव्या राजेश से खुश नहीं थी. चूंकि वह दिव्या की कल्पना के अनुरूप नहीं था, इसलिए उस के अरमान चकनाचूर हो गए थे. पर अब वह कर भी क्या सकती थी. आखिरकार वह इसे ही अपना नसीब समझ कर गृहस्थी में रम गई. विवाह के लगभग 2 सालों बाद उस ने एक बेटे को जन्म दिया, जिस का नाम पंकज रखा गया.
पंकज के जन्म के बाद दिव्या के यौवन का निखार और बढ़ गया. स्वभाव से चंचल दिव्या का मन अब गृहस्थी से उचटने लगा था. इस की वजह यह थी कि राजेश ने शराब पीनी शुरू कर दी थी. एक तरफ वह उदास रहती थी तो दूसरी तरफ उस का मन भटकता रहता था. इसी बीच दिव्या ने एक बच्ची को जन्म दिया. राजेश के घर के सामने उस का चचेरा भाई रवि वर्मा रहता था. रवि की परचून की दुकान थी. राजेश अपने घर का सामान रवि की दुकान से ही खरीदता था. कभीकभी रवि खुद सामान पहुंचाने उस के घर चला जाता तो उस की मुलाकात दिव्या से हो जाती. दिव्या मन ही मन रवि को चाहती थी. लेकिन वह पहल नहीं कर पा रही थी.
राजेश को शराब पीने की लत थी. रवि भी शराब पीता था, इसलिए वह राजेश के साथ शराब पीने के लिए अकसर उस के यहां आने लगा. रवि और दिव्या के बीच देवर भाभी का रिश्ता था. उस रिश्ते का फायदा उठाते हुए दिव्या उस के साथ हंसीमजाक करती. रवि भी जवान था. इसलिए भाभी के मजाक का वह उसी के अंदाज में जवाब देता. इस से दोनों का हौसला बढ़ता गया. इस का नतीजा यह हुआ कि एक दिन मौका मिलने पर दोनों ने हदें लांघ कर अपनी हसरतें पूरी कर लीं.
इस के बाद रवि मौका ढूंढ़ कर जबतब दिव्या के यहां जाने लगा. रवि का सान्निध्य पा कर दिव्या भी खुश रहने लगी. अब वह खिलीखिली सी रहती थी. उस ने पति की परवाह करनी छोड़ दी थी. उसे वह बातबात पर झिड़क देती थी. एक घर में रहने के बावजूद दोनों नदी के दो किनारों की तरह थे. राजेश पत्नी में आए इस बदलाव को महसूस तो कर रहा था, लेकिन समझ नहीं पा रहा था कि वह उस की इतनी उपेक्षा क्यों करने लगी है. माजरा उसे उस दिन समझ में आया, जब उस ने उसे अपने चचेरे भाई रवि के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया. फिर तो घर में कोहराम मच गया. उस रोज राजेश ने दिव्या की जम कर पिटाई की. ससुर अजय वर्मा ने भी दिव्या को खूब खरीखोटी सुनाई.
रंगेहाथों पकड़े जाने के बाद दिव्या सतर्क हो गई. अब चूंकि पति और ससुर उस की निगरानी करने लगे थे, इसलिए उस का रवि से मिलना मुश्किल हो गया. लेकिन सख्त पाबंदी के बावजूद दोनों किसी न किसी तरह मिल ही लेते थे. धीरेधीरे देवरभाभी के नाजायज संबंधों की बात पूरे मोहल्ले में फैल गई थी. महिलाएं जहां भी बैठतीं, चटकारे ले कर उन के संबंधों की चर्चा करतीं. ज्योंज्यों समय बीतता गया, घर में कलह बढ़ती गई. दिव्या रवि के बिना रह नहीं पा रही थी. इसलिए शराब पीने के बाद राजेश उस की पिटाई करता था. दिव्या भले ही राजेश के 2 बच्चों की मां बन गई थी, लेकिन उसे पसंद नहीं करती थी. आखिर आजिज आ कर उस ने एक भयानक योजना बना डाली.
इस फैसले से उस ने अपने प्रेमी रवि को भी अवगत करा दिया. रवि उस का साथ देने को तैयार हो गया. इस के बाद दोनों ने राजेश को रास्ते से हटाने की उस योजना पर काम शुरू कर दिया. योजना के अनुसार रवि ने बाजार से एक कीटनाशक दवा ला कर दिव्या को दे दी. 12 अगस्त, 2015 को रात 10 बजे राजेश घर लौटा और रोज की तरह शराब की बोतल ले कर बैठ गया. शराब पीने के दौरान जब वह उठ कर लघुशंका के लिए गया तो दिव्या ने मौका देख कर कीटनाशक दवा जल्दी से उस के शराब के गिलास में मिला दी.
लौट कर राजेश ने दवा मिली शराब का गिलास एक ही बार में अपने गले से नीचे उतार लिया. दवा मिली शराब ने राजेश के ऊपर जल्दी ही असर करना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में वह तख्त पर बेहोश हो कर लुढ़क गया. इसी बीच घर में रवि आ गया. दिव्या ने अपना दुपट्टा राजेश के गले में लपेटा. दुपट्टे का एक छोर खुद पकड़ा और दूसरा रवि ने. वे दुपट्टे को तब तक खींचते रहे, जब तक राजेश का दम नहीं घुट गया. पति की हत्या के बाद दिव्या ने शराब की बोतल तख्त के नीचे लुढ़का दी और गिलास साफ कर के रसोई में रख दिया. कीटनाशक दवा की शीशी उस ने कूड़ेदान में फेंक दी और दुपट्टा घर में छिपा दिया. राजेश की मौत के बाद रवि अपने घर चला गया.
खुद को बचाने के लिए दिव्या ने सुबह होते ही छाती पीटपीट कर रोना शुरू कर दिया. उस के रोने की आवाज सुन कर अजय वर्मा आ गए. उस के बाद घर में कोहराम मच गया. राजेश की हत्या में दिव्या का प्रेमी रवि वर्मा भी शामिल था. इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उस के घर दविश दी, लेकिन वह घर से फरार हो चुका था पुलिस ने उस के मिलने के संभावित ठिकानों पर छापे मारे. तब वह तिर्वा में अपनी बहन की ससुराल में मिल गया. उसे गिरफ्तार कर के पुलिस थाने ले आई. उस ने भी पूछताछ में राजेश वर्मा की हत्या करने की बात कबूल कर ली.
14 अगस्त, 2015 को पुलिस ने अभियुक्त रवि वर्मा और दिव्या वर्मा को कन्नौज कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जिला जेल भेज दिया गया. कथा संकलन तक दोनों जेल में बंद थे. Crime Story
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित






