15 जुलाई, 2022 की सुबह थी. मोहल्ले में अब तक अधिकांश लोग जाग चुके थे. घर के सभी सदस्य उठ गए थे. लेकिन नगीना को अपनी बड़ी बेटी रुचि नहीं दिखाई दी तो उस ने आंगन में बैठे पति मनोज से पूछा, ‘‘रुचि बिटिया कहां है?’’

इस पर मनोज ने बताया कि ऊपर कमरे में सो रही है. अब तक नीचे नहीं उतरी है. उसे जगाने के लिए मां नगीना ने आवाज दी. लेकिन उस ने कोई जबाव नहीं दिया. इस पर मां जीना चढ़ कर पहली मंजिल पर बने कमरे में गई. दरवाजा धकेल कर जैसे ही कमरे में घुसी, उस के मुंह से चीख निकल गई. कमरे में खून फैला हुआ था. वहां रुचि मरी पड़ी थी. उस के ऊपर बोरी पड़ी हुई थी.

रुचि की मौत की बात सुनते ही घर में कोहराम मच गया. चीखपुकार का शोर सुन कर आसपास के लोग भी आ गए. मनोज की जवान बेटी की अचानक मौत होने से मोहल्ले में सनसनी फैल गई. रुचि की लाश देख उस की मां और भाईबहन बिलखबिलख कर रो रहे थे. मोहल्ले की महिलाओं ने उन्हें किसी तरह संभाला.

पड़ोसियों ने हत्या की सूचना पुलिस को दे दी. घटना की जानकारी होते ही थानाप्रभारी नरेंद्र शर्मा, सीओ (सिटी) अभिषेक श्रीवास्तव पुलिस टीम के साथ वहां पहुंच गए और घटनास्थल का निरीक्षण किया. सूचना दिए जाने पर एसपी (ग्रामीण) डा. अखिलेश नारायण सिंह भी आ गए. फोरैंसिक टीम को भी वहां बुला लिया गया.

पूछताछ में पिता मनोज राठौर ने बताया कि रुचि ने अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या कर ली है. उस ने बताया कि वह उस की शादी के लिए लड़का तलाश रहा था. जबकि वह दूसरी जाति के युवक से प्रेम करती थी और उस से शादी करना चाहती थी. हम लोगों ने गैरबिरादरी के लड़के के साथ शादी करने से मना कर दिया था. इस बात से वह नाराज हो गई और उस ने हाथ की नस काट कर आत्महत्या कर ली.

इस पर एसपी (ग्रामीण) ने ऊपर बने कमरे में जा कर लाश का निरीक्षण किया. कमरे में लाश बोरे से ढकी थी. हालात कुछ संदिग्ध लगे. बोरा हटाया तो रुचि के गले के पास भी खून दिखाई दिया. गौर से देखने पर पता चला कि उस का गला भी कटा हुआ है. इस से स्पष्ट हो गया कि रुचि की हत्या की गई है.

पिता की बातों से शक होने पर पुलिस ने बिना देर किए उसे हिरासत में ले लिया और उसे थाने ले गई.

मनोज ही अपनी बेटी का हत्यारा था. इस बात पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि सीधासादा दिखने वाला मनोज इतनी बेरहमी से बेटी की हत्या कर सकता है. पड़ोसियों के साथ ही रिश्तेदार भी उसे कोस रहे थे.

इस बीच  फोरैंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए. पुलिस ने मौके की काररवाई निपटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया.

पुलिस ने थाने पर ले जा कर मनोज से पूछताछ की. कुछ देर तो वह रुचि द्वारा अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या की बात पर टिका रहा, लेकिन पुलिस की सख्ती पर उस ने बेटी की हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया. अपनी बेटी की हत्या का उसे कोई पछतावा नहीं था. बेटी के कत्ल के पीछे जो कहानी निकली, वह इस प्रकार थी—

उत्तर प्रदेश में कांच की नगरी के नाम से प्रसिद्ध फिरोजाबाद जनपद के थाना उत्तर के तिलक नगर इलाके में रहने वाला मनोज कुमार राठौर एक चूड़ी कारखाने में काम करता था. घर में पत्नी नगीना के अलावा 3 बेटियां और एक बेटा था.

वैसे मनोज मूलरूप से मक्खनपुर थाना क्षेत्र के गांव अंगदपुर का रहने वाला है. उस के मातापिता और भाई गांव में ही रहते हैं. कुछ साल से वह तिलक नगर में अपना मकान बना कर परिवार के साथ रह रहा था.

मनोज का बायां हाथ लगभग 10 साल पहले थे्रशर मशीन में आ जाने से कट गया था. एक हाथ कटने के बाद भी मनोज परिवार के भरणपोषण के लिए चूड़ी कारखाने में काम करने लगा.

परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए अब घर पर ही चूड़ी जुड़ाई का काम उस की पत्नी नगीना करने लगी थी. बड़ी बेटी रुचि 9वीं कक्षा में पढ़ रही थी. उस की पढ़ाई बंद करा कर उसे भी इसी काम में लगा दिया. वह चूडि़यों पर नग लगाने का काम करती थी. रुचि इस काम से अपना खर्चा भी निकाल लेती थी.

घटना से 6 महीने पहले की बात है. अपनी सहेली के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने रुचि उस के घर पहुंची थी. जन्मदिन में थाना एटा के ग्राम पिलुआ निवासी फोटोग्राफर सुधीर पचौरी फोटो खींच रहा था. रुचि ने भी उस से अपनी सहेली के साथ तरहतरह के पोजों में फोटो खिंचवाए.

सुधीर उस का अनगढ़ सौंदर्य देख ठगा सा रह गया. रुचि को भी एहसास हो गया कि सुधीर उसे कैमरे की आंख से देख रहा है. जवानी की दलहीज पर पहुंची रुचि का दिल तेजी से धड़कने लगा था. इसी बीच फोटोग्राफर सुधीर और रुचि के बीच परिचय हो गया. घर आते समय रुचि ने सुधीर को अपना मोबाइल नंबर देने के साथ ही उस का नंबर भी ले लिया.

रुचि सोशल मीडिया पर भी थी. वे दोनों फेसबुक पर एकदूसरे से जुड़ कर बात करने लगे. सुधीर रहने वाला तो एटा क्षेत्र का था, लेकिन काम के संबंध में वह फिरोजाबाद में कमरा ले कर रहने लगा था.

सोशल मीडिया के जरिए रुचि और सुधीर की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, इस का दोनों को ही पता नहीं चला. इस बीच रुचि और सुधीर आपस में मिल भी लेते थे और अपने दिल का हाल भी एकदूसरे को बता देते थे. धीरेधीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. यहां तक कि दोनों ने शादी करने का फैसला तक ले लिया.

अब दोनों चोरीछिपे अकसर मिलने लगे थे. जब भी रुचि और सुधीर अकेले में मिलते, दोनों भविष्य के सपने संजोते.

एक दिन रुचि ने सुधीर का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा, ‘‘सुधीर, तुम मुझे कितना प्यार करते हो?’’

इस पर सुधीर ने कहा, ‘‘यह भी कोई पूछने की बात है. प्यार का कोई पैमाना तो होता नहीं है, जिस से मैं बता सकूं. लेकिन तुम यह सब क्यों पूछ रही हो?’’

रुचि राठौर समाज की थी जबकि सुधीर ब्राह्मण समाज से था. रुचि ने कहा, ‘‘सुधीर समाज से डर कर तुम मुझे भूल तो न जाओगे?’’

रुचि ने सुधीर से साफसाफ कह दिया कि वह जातपांत में विश्वास नहीं करती है, शादी करेगी तो उसी से अन्यथा अपनी जान दे देगी.

इस पर सुधीर ने उस के होंठों पर हाथ रख उसे चुप कराते हुए कहा, ‘‘2 सच्चे प्रेमियों को मिलने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. मैं तुम से सच्चा प्यार करता हूं और तुम्हारे ही साथ शादी करूंगा.’’

हालांकि दोनों की जाति (बिरादरी) अलगअलग थी. इस के बावजूद उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया था.

प्रेमी युगल अपने भविष्य के सुखद सपने संजोते हैं, दिल कुछ और चाहता है और किस्मत कुछ और. रुचि और सुधीर भी सपने संजोने लगे.

बेटी किसी लड़के के साथ प्यार की पींगें बढ़ा रही है, इस की जानकारी रुचि के घर वालों को नहीं थी. बल्कि इन सब बातों से बेखबर मनोज को जवान होती बेटी रुचि की शादी की चिंता सता रही थी. वह उस के लिए लड़का देखने लगा.

उस ने दिल्ली में एक लड़का देखा था. उस के परिवार से बात चल रही थी. इस की भनक जैसे ही रुचि को लगी तो उस ने पिता से कहा, ‘‘एक लड़का जो फोटोग्राफर है और अच्छा कमाता है, वह अपनी जाति का है. उस से मेरी शादी करा दो.’’

तब मनोज ने पत्नी नगीना से बात की. इस पर सभी लोग सुधीर से रुचि की शादी कराने को तैयार हो गए. निर्णय लिया कि शादी से पहले लड़का परिवार के अन्य सदस्यों को भी दिखा दिया जाए.

करीब 2 महीने पहले मनोज और नगीना सुधीर को साथ ले कर परिवार के अन्य सदस्यों को दिखाने के लिए गांव अंगदपुर पहुंचे. यहां सभी को लड़का पसंद आ गया. बातचीत के दौरान सुधीर की अन्य जगह रिश्तेदारियों के संबंध में पूछने पर वह सही से बता नहीं सका.

इस दौरान पता चला कि सुधीर उन की जाति का नहीं है. जबकि मनोज बेटी की शादी सजातीय लड़के से करना चाहता था, क्योंकि अभी रुचि से छोटी 2 बेटियां और थीं.

युवक के गैरबिरादरी का होने से रुचि के घर वाले इस शादी के लिए राजी नहीं हुए. रुचि ने पिता से सुधीर की जाति छिपाई थी. जाति छिपाने वाली बात से मनोज बेटी से नाराज हो गया और गुस्से में आ गया था.

फिर भी उस ने पहले बेटी को समझाने की कोशिश की. यहां तक कि उस का दिल्ली में रिश्ता भी तय कर दिया. इस बात से रुचि चिढ़ गई. रुचि ने पिता द्वारा तय की गई शादी करने से इंकार कर दिया.

रुचि पिता की इच्छा के खिलाफ अपने प्रेमी से मिलती और उस के साथ घूमने जाती रही. इसी बीच 11 जुलाई, 2022 को रुचि ने सुधीर को घर बुलाया. कुछ समय घर पर रहने के बाद वह दोस्त के घर जाने की बात कह कर चला गया. देर शाम सुधीर फिर से घर आया और रात को घर पर ही रुक गया.

देर रात रुचि और सुधीर को मनोज ने एक कमरे में बांहों में बांहें डाले बातचीत करते देख लिया. रात के समय एकांत में बैठ कर दोनों का बातचीत करना उसे अखर गया. उस ने इस बात का विरोध किया.

रुचि को यह सब नागवार गुजरा. वह जिद पर अड़ गई. उस ने अपने पिता से कह दिया कि वह शादी करेगी तो सुधीर से और यदि आप ने विरोध किया तो वह सुधीर के साथ कोर्ट मैरिज कर लेगी. इस बात से परिवार में कलह रहने लगी.

बेटी की यह हरकत उसे नागवार गुजरी.  इस बात ने आग में घी का काम किया. 2 दिन से मनोज सो नहीं सका था. बेटी की हरकत  उस की आंखों के सामने बारबार घूम रही थी. उसे समाज में अपनी बदनामी का डर सता रहा था.

तब उस ने एक खौफनाक निर्णय ले लिया. वह बाजार से एक आरी खरीद कर लाया और उसे घर में छिपा कर रख दिया. मनोज की योजना की भनक तक नगीना और घर के अन्य सदस्यों को भी नहीं लगी.

घर के निचले तल पर 3 कमरे और किचन है, वहीं ऊपरी मंजिल पर 2 कमरे हैं. गुरुवार 14 जुलाई, 2022 की रात को मनोज के परिवार के सभी सदस्य सो गए थे. नगीना दोनों बेटियों व बेटे के साथ कमरे में सो गई. उस ने रुचि को भी अपने साथ सोने को बुलाया था, लेकिन वह ऊपरी मंजिल पर बने अपने कमरे में सोने चली गई. जबकि मनोज जीने के सामने चारपाई पर लेट गया, लेकिन मनोज की आंखों से तो नींद उड़ चुकी थी.

आधी रात के बाद मनोज दबे पांव अपनी चारपाई से उठा. उस समय कूलर चलने के कारण कमरे में सो रही पत्नी नगीना को कुछ पता नहीं चला. मनोज ने लाई हुई आरी उठाई और सीढि़यां चढ़ कर रुचि के कमरे में पहुंचा. उस समय वह गहरी नींद में सो रही थी.

मनोज ने सो रही रुचि के सिर पर पहले डंडे से प्रहार किया, जिस से वह अचेत हो गई. इस के बाद आरी से उस का गला रेत कर हत्या कर दी. हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए मनोज ने रुचि की कलाई की नस भी काट दी. बेहोशी के कारण न तो रुचि चीख सकी और न अपना बचाव कर पाई.

हत्या के बाद उस ने शव को बोरे से ढंक दिया. मनोज ने बेटी की हत्या करने के बाद खून से सने हाथों को धोया. बेटी का गला रेत कर सुकून की नींद सोता रहा. फिर सुबह के समय वह अपने गांव अंगदपुर गया और वहां रुचि के मोबाइल को रख कर वापस घर आ गया था.

यह जानकारी जब नगीना और मोहल्ले के अन्य लोगों को हुई तो सभी आश्चर्यचकित रह गए कि मनोज ने बेटी का कितनी चालाकी से कत्ल कर दिया और किसी को इस का अहसास तक नहीं हुआ कि एक बाप ऐसा कर सकता है.

नगीना ने पति मनोज के खिलाफ बेटी की हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई. 15 जुलाई, 2022 को पुलिस ने मनोज की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त आरी बरामद कर ली. शनिवार 16 जुलाई को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

प्रेम विवाह के प्रति आज भी परिवार और समाज का दृष्टिकोण बदला नहीं है. खासकर 2 अलगअलग जातियों के पे्रमियों का मिलना तो और दुश्वार कर दिया जाता है. यही इस घटना में भी हुआ.द्य

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