एपिसोड- 7
इस सीरीज के सातवें एपिसोड का नाम 'गिरगिट रंग बिरंग’ रखा गया है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस में धोखेबाजों का वर्णन है. एपिसोड की शुरुआत प्रजातांत्रिक सेना की मुख्यमंत्री उम्मीदवार सावित्री देवी के घर से होती है.
नेता सुंदर सिंह सावित्री देवी से अमरपाल पर कम सख्ती बरतने को कहता है. सावित्री देवी कहती है कि अब हम सत्ता में हैं, इसलिए दूसरी जातियों को भी साथ में लाना होगा. इस में एक महिला मुख्यमंत्री को अपने साथी सुंदर सिंह के साथ सार्वजनिक रूप से शराब पीना काफी अखरता है. निर्देशक यदि इसे परदे के भीतर दिखाता तो शायद अच्छा लगता.
अगले दृश्य में सुंदर सिंह गैंगस्टर राजा फोगाट से मिल कर अमरपाल सिंह के बारे में बात करता है. यहां पर लेखक और निर्देशक ने राजा फोगाट के मुंह से फिर गालियों का भरपूर इस्तेमाल किया है.
एपिसोड के पहले दृश्य में रुक्मिणी और चीकू की बातचीत दिखाई गई है, जिस में चीकू रुक्मिणी से पूछती है कि क्या उस के पापा अमरपाल ने ही चाचू (जयराम गोदारा) को मारा है? अगले दृश्य में मुख्यमंत्री सावित्री देवी एसपी मीणा से अमरपाल की गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने का आदेश देती है.
उस के बाद नेता सुंदर सिंह एसपी मीणा से कहता है कि नागौर में जनसभा का आयोजन करो, जहां जनता को सुंदर सिंह संबोधित करेगा. तभी अनुप्रिया चौधरी (गुल पनाग) राजा फोगाट से मित्रता करने के मकसद से आती है और उसे अपने हुस्न के जाल में फंसाने की कोशिश करती है.
राजा फोगाट उसे रात डेढ़ बजे होटल शीतल में मिलने के लिए बुलवाता है और उसे अमरपाल को वहां पर बुलाने के लिए कहता है. उधर एसपी संजय मीणा अमरपाल को पकडऩे के मकसद से हर गली, हर कस्बे हर गांव और हर शहर में अमरपाल के पोस्टर लगवा देता है.