कैरव के होटल में पार्टी चल रही होती है और वह मंत्रीजी के साथ बैठ कर प्रमोद की शिकायत कर रहा था. मंत्रीजी प्रमोद को फोन कर के विकास को छुड़वाने को कहते हैं.
एक रेस्टोरेंट में पत्रकार चंद्रकांत एसआई पल्लवी के साथ बैठा है और उस से कहता है कि वह अन्य महिलाओं से अलग है. वहीं कैरव अपने होटल में संध्या के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करता है. वह नहीं मानती तो वह उस की बेल्ट से पिटाई भी करता है.
कैरव जयंत के घर उस की शोकसभा आयोजित करता है. वहीं पल्लवी उसे बताती है कि हाइवे पर उस की गाड़ी मिल गई है. तभी वहां पत्रकार चंद्रकांत आ जाता है, जो पल्लवी से उल्टीसीधी बातें करता है तो देव उसे धक्के दे कर भगा देता है और फोटोग्राफर दोस्त के साथ अपनी कार लेने चला जाता है. वहीं से संध्या को फोन करता है. कार में उसे एक फोन मिलता है.
वह घर जाता है और पिता से गुडग़ांव वापस जाने के लिए कहता है, तभी इंसपेक्टर राजबीर सिंह रंगोट देव को उस के घर पहुंच कर जयंत की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लेता है. क्योंकि उस की गाड़ी पर खून लगा था. तभी उस के पिता को हार्टअटैक आ जाता है. थाने में देव से पूछताछ की जाती है, तभी उसे वह पुरानी घटना याद आ जाती है, जब संध्या के लिए उस ने एक रेस्टोरेंट में एक युवक की हत्या कर दी थी.
कैरव परेशान है कि इंसपेक्टर राजबीर एमएलए प्रमोद के साथ मिल कर विरोध बढ़वा रहा है. वह थाने जा कर विकास को छोडऩे के लिए कहता है. पर इंसपेक्टर रंगोट इस का सारा श्रेय विधायक प्रमोद को दिलवा देता है.