10 मई, 2024 को जियो सिनेमा (Jio Cinema) पर रिलीज हुई वेब सीरीज 'मर्डर इन माहिम’ (Web Series Murder In Mahim) उपन्यासकार जेरी पिंटो (Jerry Pinto) की कहानी पर आधारित है, जिस का मूल मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद कब का हाशिए पर जा चुका है.

कलाकार: विजय राज, आशुतोष राणा, शिवानी रघुवंशी, स्मिता तांबे, दिव्या जगजाले, राजेश खट्टर, शिवाजी साटम, स्मिता तांबे,  दिव्या जगदाले, बेनाफ्शा सूनावाला

लेखक: मुस्तफा नीमचवाला और  उदय सिंह पवार

निर्देशक: राज आचार्य

निर्माता: अजीत अंधारे

संपादक: बिन शेख

ओटीटी: जियो सिनेमा

एपिसोड: 8

जेरी पिंटो के लिखे उपन्यास का आधार भारतीय दंड संहिता की धारा 377 है. उपन्यास जनवरी, 2018 में प्रकाशित हुआ था और उसी साल सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को खारिज कर दिया.

वेब सीरीज 'मर्डर इन माहिम’ उस के पहले के कालखंड की कहानी है, जिस में  समलैंगिकों के अधिकारों की वकालत और उन की समस्याओं का जिक्र किया गया है. जैसा कि सीरीज का नाम है, कहानी मुंबई के माहिम रेलवे स्टेशन के शौचालय में हुए एक कत्ल से शुरू होती है.

वेब सीरीज में खामियां भी बहुत हैं. ऐसी ही एक गलती तब होती है, जब क्राइम जर्नलिस्ट पीटर फर्नांडीस/आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) का हिमाली के साथ एक साक्षात्कार के लिए अचानक उपस्थित होना अनुचित और हकीकत से जुदा लगता है. इस के अतिरिक्त, हत्याओं से असंबंधित एक चरित्र के चाकू पर ध्यान केंद्रित कर के कथानक अनावश्यक रूप से दर्शकों का ध्यान भटकाता है.

डायरेक्टर राज आचार्य ने वेब सीरीज 'मर्डर इन माहिम’ को जमीन से जोड़े रखने के चक्कर में पूरी कहानी को उन्हीं इलाकों में बार बार केंद्रित किया है, जिन इलाकों में मुंबई की चकाचौंध की बातें सुन कर इस शहर में आने वाला हर शख्स कभी नहीं जाना चाहता. 40-40 मिनट के 8 एपिसोड तक सीरीज को देखते रहना किसी चुनौती से कम नहीं है.

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