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जारा भारत आने का वादा तो करती रही, पर आई नहीं. वह आई भले नहीं, पर अपने न्यूड फोटो उन्हें जरूर भेजती रही और वीडियो काल पर न्यूड हो कर बात भी करती रही. निश्चित रूप से उस ने प्रदीप के भी कपड़े उतरवाए होंगे, जिस के उस ने स्क्रीन शौट भी लिए होंगे और वीडियो भी बनाई होगी. इस तरह प्रदीप कुरुलकर पूरी तरह जारा के जाल में फंस गए थे.

जारा ने जब पूरी तरह प्रदीप कुरुलकर को अपने जाल में फांस लिया तो उस ने उन से कुछ ऐसी जानकरियां मांगीं, जिस से उन्हें उस पर शक हुआ. क्योंकि जारा ने उन से जो जानकारियां मांगी थीं, वे अति गोपनीय थीं और देश की सुरक्षा से जुड़ी हुई थीं.

वैज्ञानिक को हनीट्रैप में फांसा

इस से प्रदीप को लगा कि कहीं वह हनीट्रैप में तो नहीं फंस गए हैं. यह शक होते ही उन्होंने जारा का फोन नंबर ब्लौक कर दिया, लेकिन उन के नंबर ब्लौक करने से क्या होता. जारा के पास उन का नंबर था ही.

उस ने दूसरे नंबर से फोन कर के उन्हें धमकाया, “सुनिए साइंटिस्टजी, आप को मैं ने जितने भी न्यूड काल्स किए हैं, उन सभी की रेकौर्डिंग मेरे पास है. इसलिए अगर अब नंबर ब्लौक किया तो मेरे पास न्यूड काल्स की जितनी भी रेकौर्डिंग है, सब की सब भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दूंगी.”

प्रदीप घबरा गए. इज्जत की बात थी. अगर वे रेकौर्डिंग अधिकारियों के पास पहुंच जातीं तो वह किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रह जाते. मजबूरन वह जारा की काल रिसीव करने लगे. काल ही नहीं रिसीव करने लगे, बल्कि वह जैसा और जो कहने लगी, वह वैसा ही करते गए.

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